भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून से मुलाकात के दौरान भारत-चीन सीमा मुद्दे पर स्थायी समाधान की आवश्यकता की बात की। यह बैठक शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान किंगदाओ, चीन में आयोजित की गई थी।
भारत-चीन सीमा पर शांति बनाए रखने की आवश्यकता
भारत और चीन के रक्षा मंत्रियों ने सीमा पर शांति और सौहार्द बनाए रखने की आवश्यकता पर विस्तृत चर्चा की। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने भारत-चीन सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए एक स्थायी समाधान की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता जताई।
राजनाथ सिंह ने दोनों देशों द्वारा द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति बहाल करने के प्रयासों को सराहा।
राजनाथ सिंह की स्थायी समाधान की आवश्यकता पर जोर
रक्षा मंत्री ने कहा कि सीमा निर्धारण और प्रबंधन के मुद्दों को हल करने के लिए एक संरचित रोडमैप तैयार करने की आवश्यकता है, जो निरंतर जुड़ाव और विघटन के उपायों पर आधारित हो।
“राजनाथ सिंह ने सीमा प्रबंधन पर जोर दिया और सीमा निर्धारण के स्थायी समाधान की आवश्यकता को रेखांकित किया।” – रक्षा मंत्रालय
भारत-चीन संबंधों में विश्वास की बहाली की आवश्यकता
2020 में हुई सीमा तनाव के बाद विश्वास की कमी को दूर करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया। राजनाथ सिंह ने दोनों देशों के बीच विश्वास को बहाल करने के लिए जमीनी स्तर पर कार्रवाई करने की आवश्यकता की बात की।
दोनों देशों के बीच संवाद की आवश्यकता
दोनों मंत्रियों ने यह भी सहमति जताई कि विग्रहण, विघटन, सीमा प्रबंधन और अंततः सीमा निर्धारण के मुद्दों पर प्रगति के लिए विभिन्न स्तरों पर परामर्श जारी रखा जाएगा।
भारत ने पाकिस्तान में आतंकवादी नेटवर्क को निशाना बनाया
राजनाथ सिंह ने पाहलगाम आतंकवादी हमले और ऑपरेशन सिंधूर के बारे में अपने चीनी समकक्ष को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन का उद्देश्य पाकिस्तान में आतंकवादी नेटवर्क को समाप्त करना था।
निष्कर्ष
भारत और चीन के रक्षा मंत्रियों की यह बैठक एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भारत-चीन सीमा पर शांति बनाए रखने और स्थायी समाधान की दिशा में सहमति दिखाता है। आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच संवाद और सहयोग से क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा।