योग है सभी के लिए पार्ट 2,
आज हम जब है सभी के लिए पार्ट 2 में बुजुर्गों के लिए और थायराइड के लिए कौन से योगासन और प्राणायाम ध्यान करना लाभदायक है जानेंगे।
बुजुर्गों के लिए योग
ताड़ासन
ताड़ासन करने से संतुलन बढ़ता है। हाथ पैरों में कब-कब आहट दूर होती है।
वृक्षासन
मानसिक स्थिरता और संतुलन के वृक्षासन का अभ्यास किया जाता है।
सेतुबंधासन
रीड की हड्डी में मजबूती के लिए पाचन में सुधार के लिए और यूरिन लीकेज की समस्या को दूर करने के लिए सेतु बंधासन का अभ्यास किया जाता है।
शवासन
शरीर की आसनों के बाद होने वाली थकान दूर करने के लिए शवासन का अभ्यास किया जाता है। शवासन करने से मानसिक तनाव दूर होता है।
कौन-से प्राणायाम लाभदायक है बुजुर्गों के लिए?
बुजुर्गों के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम मानसिक शांति या ब्लड प्रेशर नियंत्रण में कारगर होता है।
भ्रामरी प्राणायाम
भ्रामरी प्राणायाम करने से मानसिक तनाव दूर होता है अच्छी नींद आती है।
बुजुर्गों के लिए ध्यान
बुजुर्गों के लिए ओम मंत्र का जप और ध्यान करना और और धीरे-धीरे गहरी सांस लेना विशेष लाभदायक होता है इससे फेफड़े मजबूत होते हैं और शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है। ध्यान करते समय सकारात्मक मित्रों का जाप करें गायत्री मंत्र महामृत्युंजय मंत्र या फिर खुद के लिए सकारात्मक अफर्मेशन किए जा सकते हैं।
सावधानियां
बुजुर्गों को कोई भी आसान आराम से करना चाहिए अगर आसान करने में दिक्कत आ रही है तो कुर्सी पर बैठकर सीटेट फॉरवर्ड एंड बैंड, सीटेट नेक रोल्स, हाथों की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करके भी बुजुर्ग खुद को स्वस्थ रख सकते हैं।
थायराइड के लिए योग प्राणायाम
क्या है थायराइड नामक बीमारी?
जब आपकी थायराइड ग्रंथि असंतुलित हो जाती है तो आपका शरीर का ऊर्जा का स्तर, मेटाबॉलिज्म हार्मोन और मूड भी अनियंत्रित हो जाते हैं आपका वजन लगातार बढ़ता या घटता रहता है आपको थकान रहती है आपको मूड स्विंग्स होते हैं आपके पीरियड्स होते हैं आपके बाल झड़ने और रु होखे ने लगते हैं आमतौर पर पुरुषों की जगह महिलाओं को थायराइड की बीमारी अधिक होती है महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले थायराइड की बीमारी आठ गुना अधिक पाई जाती है।
थायराइड के लिए कौन सी आसान है उपयोगी ?
सर्वांगासन
थायराइड के लिए सबसे उपयोगी आसन सर्वांगासन है। सर्वांगासन करने से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है और यह आपके मेटाबॉलिक रेट को बेहतर बनाता है। सर्वांगासन आपकी थायराइड ग्रंथि पर सीधा प्रभाव डालता है। लेकिन अगर आपको हाई बीपी या गर्दन के दर्द की समस्या हो तो सर्वांगासन ना करें।
मत्स्यासन
इसे सर्वांगासन के फौरन बाद किया जाता है यह आपकी थायराइड ग्रंथि को सक्रिय करता है आपकी थकान और मानसिक तनाव को दूर करता है।
भुजंगासन
भुजंगासन आपकी थायराइड ग्रंथि पर दबाव डालकर आपकी ऱीढ़ व छाती के सारे ब्लॉकेज को दूर करता है आपकी थकान आपके आलस को दूर करता है।
उष्ट्रासन
इस आसन के द्वारा आपका एड्रोक्राइन सिस्टम संतुलित होता है आपकी गले के क्षेत्र की स्ट्रेचिंग होती है।
हलासन
हलासन करने से आपके शरीर का रक्त प्रवाह थायराइड ग्रंथि की तरफ सक्रिय होता है। हलासन करने से आपका शरीर लचीला होता है।
थायराइड ग्रंथि के लिए लाभदायक प्राणायाम
उज्जाई प्राणायाम
उज्जायी प्राणायाम थायराइड में सर्वोत्तम प्राणायाम है यह गले में कंपनी उत्पन्न करता है। थायराइड ग्रंथि पर सीधा असर डालता है।
अनुलोम विलोम प्राणायाम
अनुलोम विलोम प्राणायाम करने से सुकून व शांति मिलती है।तनाव दूर होता है।
भ्रामरी प्राणायाम
भ्रामरी प्राणायाम! भ्रामरी प्राणायाम करने से मन शांत होता है हार्मोन स्थिर होते हैं।
ध्यान और अफर्मेशन
5 मिनट के लिए बीज़ मंचों का जाप करें। गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र के साथ-साथ अपने लिए सकारात्मक अफर्मेशन करें साथ ही साथ ड्रीप ब्रीदिंग की भी एक्सरसाइज करें।
सावधानियां
थायराइड के लिए प्रयोग की जड़ी दवाइयां को ना छोड़े। योग अपना असर दिखाएगा लेकिन धीरे-धीरे इसलिए तनाव मुक्त रहें क्योंकि स्ट्रेस होने से थायराइड ग्रंथि और बुरा प्रभाव पड़ता है अनुभवी शिक्षकों की देखरेख में ही योग करें।
आज के लिए बस इतना ही कल हम बात करेंगे थायराइड के 7 दिन के योग चार्ट की और साथ ही साथ शुगर और कोलेस्ट्रॉल की भी