📰 मुख्य अपडेट:
नई दिल्ली और ओटावा ने एक-दूसरे की राजधानियों में उच्चायुक्तों को फिर से बहाल करने पर सहमति जताई है, जो भारत-कनाडा संबंधों में सुधार का संकेत है।
🤝 मोदी–कार्नी बैठक की मुख्य बातें:
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की मुलाकात G7 शिखर सम्मेलन के दौरान कनानास्किस, अलबर्टा में हुई।
- यह मुलाकात 2023 में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर तनाव के बाद पहली बार हुई है।
- कार्नी से मीडिया ने पूछा कि क्या इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी से उनकी कोई बातचीत हुई।
🇨🇦 कार्नी का जवाब:
- मार्क कार्नी ने कहा, “यह एक न्यायिक प्रक्रिया है और मुझे इस पर आगे कोई टिप्पणी करने में सावधानी बरतनी होगी।”
- उन्होंने कानूनी एजेंसियों के बीच सहयोग और संवाद की आवश्यकता पर जोर दिया, खासकर अंतरराष्ट्रीय दमन (transnational repression) जैसे मामलों में।
- उन्होंने जस्टिन ट्रूडो जैसी आक्रामक भाषा से परहेज किया।
🕊️ राजनयिक सुलह:
- भारत और कनाडा ने एक-दूसरे के यहां उच्चायुक्तों की बहाली पर सहमति जताई है।
- इसे “सकारात्मक और रचनात्मक बैठक” का नतीजा बताया गया।
📢 आधिकारिक बयान:
“यह बैठक भारत-कनाडा संबंधों के महत्व पर केंद्रित थी, जो साझा मूल्यों, लोकतंत्र, कानून के शासन और लोगों के बीच संपर्क पर आधारित है।” — विदेश सचिव विक्रम मिस्री
🧠 पृष्ठभूमि:
- 2023 में ट्रूडो सरकार ने निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता का आरोप लगाया था।
- भारत ने किसी भी भूमिका से इनकार किया और कहा कि कनाडा ने कभी ठोस सबूत नहीं दिए।
- इस आरोप के बाद दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों में गिरावट आई थी।
🔁 आगे क्या?
- उच्चायुक्तों की बहाली के बाद दोनों देशों के बीच व्यापक राजनयिक संपर्क फिर से शुरू हो सकते हैं।
- भविष्य में द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य करने के लिए अन्य कदम भी उठाए जा सकते हैं।
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सारांश: पीएम मोदी और कनाडा के पीएम कार्नी की G7 बैठक भारत-कनाडा संबंधों में एक नया मोड़ है। निज्जर हत्याकांड पर खुलकर चर्चा नहीं हुई, लेकिन दोनों पक्षों ने कानूनी सहयोग और राजनयिक उपस्थिति को बहाल करने की दिशा में सकारात्मक कदम उठाए हैं।