🔥 रूस ने किया यूक्रेन पर सबसे बड़ा हमला, पूरे देश में दहशत
6 जून 2025 की सुबह रूस ने यूक्रेन पर अब तक का सबसे विशाल हमला किया। इस हमले में 400 से ज्यादा ड्रोन और 40 मिसाइलें पूरे देश भर में दागी गईं। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने इसे युद्ध की शुरुआत के बाद से अब तक का सबसे बड़ा और भयावह हमला करार दिया।
📍 किन क्षेत्रों को बनाया गया निशाना?
रूसी हमले ने यूक्रेन के लगभग हर हिस्से को प्रभावित किया, लेकिन सबसे अधिक तबाही कीव, लविव और सुमी जैसे नौ बड़े क्षेत्रों में देखी गई। ये हमला सिर्फ किसी एक शहर या सीमावर्ती इलाके तक सीमित नहीं था, बल्कि इसने देश की रीड को हिला कर रख दिया।
😢 जनहानि और नुकसान
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6 लोगों की मृत्यु, जिनमें तीन फायरफाइटर, दो आम नागरिक और एक अन्य शामिल हैं।
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80 से ज्यादा घायल, कुछ अब भी मलबे के नीचे दबे हो सकते हैं।
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यूक्रेनी रेस्क्यू टीमें दिनभर राहत और बचाव कार्य में जुटी रहीं।
🧨 रूस का दावा और मकसद
रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह हमला कीव द्वारा की गई “आतंकी गतिविधियों” के जवाब में किया गया है। हालांकि विशेषज्ञ अभी इस बात पर असमंजस में हैं कि क्या यह रूस की अंतिम प्रतिक्रिया है या राष्ट्रपति पुतिन आगे और आक्रामक कदम उठाएंगे।
🔁 यूक्रेन की जवाबी कार्रवाई
रूस के इस भीषण हमले से पहले यूक्रेन ने मॉस्को पर पलटवार किया था। यूक्रेनी सुरक्षा सेवा के अनुसार, यूक्रेन ने 5 रूसी एयरबेस – मुरमंस्क, इरकुत्स्क, इवानोवो, रियाज़ान और आमूर – पर FPV ड्रोन स्ट्राइक की। इसमें 40 से अधिक रूसी विमान नष्ट या क्षतिग्रस्त हो गए।
📞 पुतिन की चेतावनी
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस पूरे घटनाक्रम के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति से फोन पर बातचीत की। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर यूक्रेन की ओर से हमले जारी रहे, तो रूस भी मजबूरन और सख्त कदम उठाएगा।
💬 कीव की जनता का जज़्बा
कीव की निवासी 39 वर्षीय ओल्हा ने CNN से बातचीत में कहा,
“यह हमला हमें तोड़ नहीं पाया। हमारा मनोबल आज भी उतना ही मजबूत है जितना पहले था। हमें अपनी सेना पर पूरा विश्वास है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह हमला भी उन अनगिनत रातों जैसा ही है जो युद्ध के दौरान गुज़री हैं।
“शायद यही बदला था, या शायद असली बदला अभी आना बाकी है। लेकिन हमारी सोच और हमारे देश के प्रति प्रेम अडिग है।”
📌 निष्कर्ष
यूक्रेन पर रूस का यह हमला सिर्फ मिसाइलों और ड्रोन का प्रहार नहीं था, यह एक मनोवैज्ञानिक जंग भी थी। हालांकि यूक्रेन ने जिस हिम्मत और रणनीति से जवाब दिया, वह उसकी ताकत का प्रतीक है। युद्ध चाहे जितना लंबा चले, यूक्रेनी जनता का आत्मबल और उसकी ज़मीन से प्यार कभी कम नहीं होने वाला।
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