Tuesday, July 1, 2025
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इज़राइली गोलीबारी से रफ़ा में तबाही: खाद्य सहायता केंद्र के पास 27 फ़िलिस्तीनियों की मौत, दर्जनों घायल

ग़ाज़ा में बिगड़ता मानवीय संकट | जून 2025 की भयावह घटना

3 जून 2025 को ग़ाज़ा पट्टी के दक्षिणी हिस्से रफ़ा में एक बार फिर दिल दहला देने वाली घटना घटी। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, खाद्य सहायता केंद्र के पास इज़राइली सेना की गोलीबारी में कम से कम 27 फ़िलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई और लगभग 200 से अधिक लोग घायल हो गए। यह हमला उस समय हुआ जब नागरिक अत्यंत आवश्यक खाद्य सामग्री प्राप्त करने के लिए केंद्र पर एकत्र हुए थे।

यह घटना ग़ाज़ा में सहायता वितरण प्रक्रिया के दौरान हुई हालिया हमलों की श्रृंखला का हिस्सा है। इससे पहले रविवार को ऐसी ही स्थिति में कम से कम 31 फ़िलिस्तीनी मारे गए थे और सोमवार को तीन और नागरिकों की मृत्यु हुई थी। इस सप्ताह के भीतर ही मानवीय राहत केंद्रों पर हुए हमलों में मरने वालों की संख्या 60 से अधिक हो चुकी है, जिससे पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई है।

इज़राइली सेना का पक्ष: “चेतावनी के बावजूद आगे बढ़े संदिग्ध”

इज़राइली रक्षा बल (IDF) ने बयान जारी करते हुए कहा कि उनके सैनिकों ने केवल उन व्यक्तियों पर गोलीबारी की जो निर्धारित सहायता मार्गों से हटकर सैन्य चौकियों की ओर बढ़ रहे थे। सेना के अनुसार, पहले चेतावनी स्वरूप गोलियां चलाई गईं, लेकिन जब वे लोग नहीं रुके, तो अतिरिक्त गोलीबारी की गई।

सेना ने यह भी स्पष्ट किया कि यह हमला पूर्व नियोजित नहीं था और पूरी घटना की गहन जांच जारी है। साथ ही, रविवार की घटना में हुई मौतों को इज़राइली सेना ने “हमास द्वारा फैलाए गए झूठे प्रचार” की संज्ञा दी है।

प्रत्यक्षदर्शियों की आपबीती: “हर ओर लाशें, चीखें और अफरा-तफरी”

घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि गोलीबारी अचानक शुरू हुई और बेहद भयंकर थी। कई लोगों ने भागने की कोशिश की, लेकिन गोलियों की बौछार से वे नहीं बच पाए। मृतकों में महिलाएं, पुरुष और बच्चे शामिल हैं। घायल लोगों को तुरंत निकटवर्ती अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां संसाधनों की भारी कमी के कारण इलाज प्रभावित हो रहा है।

मानवीय सहायता वितरण प्रणाली पर सवाल

ग़ाज़ा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन (GHF), जिसे अमेरिका और इज़राइल का समर्थन प्राप्त है, ने पिछले सप्ताह ग़ाज़ा में अपने पहले खाद्य वितरण केंद्र खोले थे। लेकिन संयुक्त राष्ट्र और अन्य प्रमुख सहायता संगठनों ने इस फाउंडेशन की कार्यप्रणाली की तीखी आलोचना की है। उनका कहना है कि यह पारंपरिक मानवीय सिद्धांतों का पालन नहीं करता और इसकी वजह से राहत कार्यों में बाधाएं आ रही हैं।

GHF ने मंगलवार को दावा किया कि उन्होंने 21 ट्रकों के ज़रिए खाद्य सामग्री सुरक्षित रूप से वितरित की, लेकिन रफ़ा और उसके आसपास की घटनाओं ने इन दावों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

संयुक्त राष्ट्र की तीखी प्रतिक्रिया

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गहरी चिंता जताते हुए कहा कि “सहायता प्राप्त करने की कोशिश कर रहे नागरिकों का मारा जाना अति निंदनीय है।” उन्होंने एक स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग की है ताकि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।

रफ़ा में बड़े पैमाने पर पलायन और नया संकट

इज़राइली सेना ने सोमवार देर रात खान यूनिस और रफ़ा के कई हिस्सों में रह रहे नागरिकों को पश्चिम की ओर अल-मावासी क्षेत्र में पलायन करने का निर्देश दिया है। लेकिन स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि ग़ाज़ा में अब कोई सुरक्षित स्थान नहीं बचा है। 23 लाख की जनसंख्या में से अधिकांश लोग पहले ही अपने घर छोड़कर अस्थायी शिविरों में रह रहे हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि यदि इन क्षेत्रों से सभी नागरिकों को निकाल दिया गया, तो नासिर अस्पताल — जो कि दक्षिण ग़ाज़ा का सबसे बड़ा कार्यशील अस्पताल है — बंद हो सकता है, जिससे कई गंभीर मरीजों की जान खतरे में पड़ सकती है।

अक्टूबर 2023 से अब तक की भयावह गिनती

यह संघर्ष अक्टूबर 7, 2023 को शुरू हुआ था, जब हमास द्वारा किए गए हमले में 1,200 से अधिक इज़राइली मारे गए और 251 को बंधक बना लिया गया। इसके जवाब में इज़राइल ने व्यापक सैन्य कार्रवाई शुरू की, जो आज तक जारी है। ग़ाज़ा के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इस संघर्ष में अब तक 54,000 से अधिक फ़िलिस्तीनी मारे जा चुके हैं।

निष्कर्ष: ग़ाज़ा की ज़मीन पर लहू, भूख और बेबसी

रफ़ा में हुई यह घटना न केवल ग़ाज़ा के जमीनी हालात की गंभीरता को उजागर करती है, बल्कि यह भी बताती है कि मानवीय सहायता कैसे एक युद्ध क्षेत्र में विवाद का कारण बन रही है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अब केवल बयानबाज़ी से आगे बढ़कर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

जरूरत है एक स्थायी संघर्षविराम की, पारदर्शी जांच की और एक ऐसी सहायता प्रणाली की जो राजनीति से परे हो, ताकि लाखों फ़िलिस्तीनी नागरिकों को जीवित रहने का अधिकार मिल सके।

ABHISHEK KUMAR ABHAY
ABHISHEK KUMAR ABHAY
I’m Abhishek Kumar Abhay, a dedicated writer specializing in entertainment, national news, and global issues, with a keen focus on international relations and economic trends. Through my in-depth articles, I provide readers with sharp insights and current developments, delivering clarity and perspective on today’s most pressing topics.
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