गांधीनगर, गुजरात – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात दौरे के दूसरे दिन मंगलवार को एक महत्वपूर्ण संबोधन में 1947 के विभाजन, कश्मीर में आतंकवाद और पाकिस्तान की युद्ध नीति पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले को 75 साल पुराने फैसलों की विकृत छाया बताया और कहा कि अगर सरदार पटेल की बात मानी जाती, तो हालात कुछ और होते।
“1947 में ही जंजीरें तोड़ देनी चाहिए थीं”
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का विभाजन सिर्फ एक राजनीतिक भूल नहीं थी, बल्कि इसका दंश देश आज भी भुगत रहा है।
“जब देश का बंटवारा हुआ, तब हमें पाकिस्तान के मंसूबों को उसी समय कुचल देना चाहिए था। लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ। कश्मीर में पहला आतंकी हमला उसी के बाद हुआ और पाकिस्तान ने एक हिस्से पर कब्जा कर लिया।”
उन्होंने इस बात पर भी अफसोस जताया कि सरदार पटेल की चेतावनी पर गौर नहीं किया गया, जिन्होंने सेना को PoK तक बढ़ने की अनुमति देने की बात कही थी।
“पहलगाम हमला उसी पुराने जख्म की नई परछाई”
मोदी ने कहा कि जो हमला 22 अप्रैल को पहलगाम में हुआ, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई, वो उसी छल-कपट से भरे इतिहास का हिस्सा है।
“हमने 75 साल तक इस दर्द को सहा है। अब जवाब देने का समय है। ऑपरेशन सिंदूर इसी का प्रमाण है।”
ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान को करारा जवाब
7 मई को भारत ने पाकिस्तान और PoK में मौजूद 9 से अधिक आतंकी अड्डों पर सटीक हमले किए। इस अभियान को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया। इसके बाद चार दिन तक सैन्य तनाव चला, जिसे 10 मई को एक आपसी समझौते के तहत रोका गया।
“हर युद्ध में पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी है”
प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान ने हर बार भारत से हार खाई है और अब वह सीधे युद्ध की बजाय छद्म युद्ध का सहारा ले रहा है।
“लेकिन ये छद्म नहीं, बल्कि एक पूरी तरह से सुनियोजित युद्ध रणनीति है। पाकिस्तान के आतंकी अगर सेना की तरह सम्मान पा रहे हैं, तो इसका मतलब साफ है — वे उनके सैनिक हैं।”
उन्होंने दो टूक कहा —
“अगर तुम युद्ध कर रहे हो, तो तुम्हें वैसा ही जवाब मिलेगा। हम शांति चाहते हैं, लेकिन कायरता नहीं।”
₹5,536 करोड़ की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने गांधीनगर में महात्मा मंदिर से ₹5,536 करोड़ की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इनमें शहरी बुनियादी ढांचे, सामाजिक कल्याण और परिवहन व्यवस्था से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं।
भारत बना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
प्रधानमंत्री ने भारत की आर्थिक प्रगति पर भी बात की।
“2014 में जब मैंने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, तब हम 11वें स्थान पर थे। आज हम दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। छठे से पाँचवें और अब चौथे स्थान तक पहुंचना हमारे आत्मबल और सामर्थ्य की जीत है।”
उन्होंने यह भी कहा कि अब देश का अगला लक्ष्य तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना है।
“अब ये देश रुकना नहीं चाहता। अगर कोई कहे कि थोड़ा धैर्य रखो, तो पीछे से आवाज़ आती है — ‘मोदी है तो मुमकिन है।’ हमारा लक्ष्य है 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना।”
निष्कर्ष: अब भारत बदला है, हर साजिश का मिलेगा जवाब
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में यह स्पष्ट संदेश दिया कि भारत अब सहने वाला देश नहीं रहा। आतंकवाद, राष्ट्रविरोधी ताकतों और युद्ध की नीति अपनाने वालों को अब सटीक जवाब मिलेगा।
“भारत शांति चाहता है, लेकिन किसी भी कीमत पर अपने लोगों की जान की कुर्बानी नहीं देगा।”