राष्ट्रीय हित में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व
भारत के खिलाफ पाकिस्तान से उत्पन्न आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाने के उद्देश्य से, सरकार ने सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों की घोषणा की है। ये प्रतिनिधिमंडल विभिन्न देशों का दौरा करेंगे और भारत का कड़ा संदेश – ‘आतंकवाद के प्रति शून्य-सहिष्णुता’ – को विश्वभर में प्रसारित करेंगे।
प्रमुख नेताओं का नेतृत्व
इन प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व कांग्रेस के शशि थरूर, भाजपा के रविशंकर प्रसाद, जद(यू) के संजय कुमार झा, डीएमके की कनिमोझी करुणानिधि, एनसीपी की सुप्रिया सुले और शिवसेना के श्रीकांत एकनाथ शिंदे करेंगे। सरकार ने कहा कि इन दलों में प्रमुख राजनीतिक हस्तियां और प्रतिष्ठित राजनयिक भी शामिल होंगे।
शशि थरूर का बयान
घोषणा के बाद, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, ‘जब राष्ट्रीय हित की बात हो और मेरी सेवाओं की आवश्यकता हो, तो मैं कभी पीछे नहीं हटूंगा।’ उन्होंने कहा कि उन्हें गर्व है कि भारत सरकार ने उन्हें इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के लिए चुना।
सरकार का सख्त रुख
सरकार का मानना है कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत, ये प्रतिनिधिमंडल वैश्विक स्तर पर भारत की आतंकवाद विरोधी नीतियों को मजबूत करेंगे। साथ ही, इनका लक्ष्य संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों समेत प्रमुख साझेदार देशों तक भारत का सशक्त संदेश पहुँचाना है।
राजनीतिक दृष्टिकोण
यह कदम राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि कांग्रेस सरकार पर अमेरिकी भूमिका को लेकर सवाल उठा रही है। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का राजनीतिकरण किया है। साथ ही, कांग्रेस ने एक दर्जन शहरों में ‘जय हिंद रैली’ आयोजित करने की योजना बनाई है।
निष्कर्ष
ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से भारत का स्पष्ट संदेश है – आतंकवाद के खिलाफ एकता और दृढ़ता। यह कदम न केवल अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की स्थिति को मजबूत करेगा बल्कि घरेलू राजनीतिक संदेश भी देगा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि है।