329 बिलियन डॉलर पर, तमिलनाडु पाकिस्तान की GDP को पछाड़ने के करीब
पिछले दो दशकों में पाकिस्तान का आर्थिक बढ़त भारतीय राज्यों जैसे तमिलनाडु और महाराष्ट्र पर कम हो गई है। वर्ष 2004-05 में, पाकिस्तान की GDP 132 बिलियन डॉलर थी, जबकि तमिलनाडु का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) केवल 48 बिलियन डॉलर था। वर्ष 2023-24 में, तमिलनाडु का GSDP लगभग 329 बिलियन डॉलर तक पहुँच गया है, जो पाकिस्तान की GDP के बराबर है। यह आर्थिक अंतर में तेजी से बढ़त को दर्शाता है।
आर्थिक परिदृश्य में बदलाव
नई दिल्ली: कभी तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसे भारतीय राज्यों से आगे रहने वाला पाकिस्तान अब पिछड़ता नजर आ रहा है। नए आँकड़ों के अनुसार, तमिलनाडु का GSDP अब पाकिस्तान की राष्ट्रीय GDP के लगभग बराबर है।
वर्ष 2004-05 में, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था 132 बिलियन डॉलर पर थी। वहीं, तमिलनाडु का GSDP मात्र 48 बिलियन डॉलर था, जो पाकिस्तान की GDP का केवल 37% था। दूसरी ओर, भारत का सबसे औद्योगिक राज्य महाराष्ट्र 92 बिलियन डॉलर पर था, जो पाकिस्तान की GDP का लगभग 69% था।
क्या कहता है आँकड़ा?
-
समय अवधि: 2004-05 से 2023-24 तक
-
GDP तुलना (यूएसडी बिलियन में):
-
पाकिस्तान (ग्रीन लाइन)
-
महाराष्ट्र (रेड लाइन)
-
तमिलनाडु (ऑरेंज लाइन)
-
वर्ष 2004-05 में:
-
पाकिस्तान की GDP: 132 बिलियन डॉलर
-
तमिलनाडु का GSDP: 48 बिलियन डॉलर (लगभग 37% पाकिस्तान की GDP)
-
महाराष्ट्र का GSDP: 92 बिलियन डॉलर (लगभग 69% पाकिस्तान की GDP)
वर्ष 2023-24 में:
-
पाकिस्तान की GDP: 338 बिलियन डॉलर
-
तमिलनाडु का GSDP: 329 बिलियन डॉलर (लगभग पाकिस्तान के बराबर)
-
महाराष्ट्र का GSDP: 490 बिलियन डॉलर (काफी आगे)
आर्थिक उछाल का नया दौर
वर्तमान समय में, पाकिस्तान की GDP महाराष्ट्र के मुकाबले केवल 69% रह गई है, जबकि दो दशक पहले यह महाराष्ट्र से लगभग 1.5 गुना अधिक थी। तमिलनाडु, जिसे कभी आर्थिक रूप से पिछड़ा माना जाता था, अब पाकिस्तान की कुल आर्थिक क्षमता के बराबर खड़ा है।
तमिलनाडु और महाराष्ट्र की तीव्र आर्थिक प्रगति ने यह सिद्ध कर दिया है कि योजनाबद्ध औद्योगिकीकरण और मजबूत बुनियादी ढाँचा किस तरह से क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाइयों पर पहुँचा सकते हैं। इस परिप्रेक्ष्य में, पाकिस्तान के लिए यह एक गंभीर आर्थिक चुनौती है।
अर्थव्यवस्था की यह बदलती तस्वीर न केवल भारतीय राज्यों के विकास की कहानी बयां करती है, बल्कि वैश्विक आर्थिक मानचित्र पर भी भारत की मजबूत उपस्थिति को उजागर करती है।