Saturday, April 19, 2025
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वक्फ़ कानून संशोधन पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई: ओवैसी बोले — सरकार बच्चों जैसी जिद में!

नई दिल्ली:
वक्फ़ कानून में संशोधन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर सुनवाई के बीच AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका स्वतंत्र है और उसका प्रथम कर्तव्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी कानून संविधान की मूल भावना, स्वतंत्रता और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन तो नहीं कर रहा है।

NDTV से विशेष बातचीत में ओवैसी ने स्पष्ट कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह दायित्व है कि वह यह तय करे कि क्या कोई कानून संविधान के मूल ढांचे और नागरिक स्वतंत्रताओं के विपरीत है।

ओवैसी का तंज — “सरकार बन गई है एक जिद्दी बच्चा”

ओवैसी ने सरकार के व्यवहार पर कटाक्ष करते हुए कहा,

“यह स्वीकार करना पड़ेगा कि सरकार आजकल छोटे बच्चे जैसी हरकतें कर रही है। जैसे कोई बच्चा खिलौना न मिलने पर रोने लगता है, कुछ वैसा ही हाल केंद्र सरकार का है।”

गौरतलब है कि ओवैसी स्वयं उन याचिकाकर्ताओं में शामिल हैं जिन्होंने संशोधित वक्फ़ कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

वक्फ़ कानून की संवैधानिक वैधता पर सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के उस वादे को स्वीकार कर लिया है जिसमें उसने कानून के दो अहम प्रावधानों को एक सप्ताह के लिए स्थगित रखने का आश्वासन दिया। इस दौरान केंद्र सरकार याचिकाओं पर अपनी प्रतिक्रिया दाखिल करेगी।

याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि संशोधित वक्फ़ कानून संविधान प्रदत्त समानता के अधिकार और धर्म की स्वतंत्रता जैसे मूल अधिकारों का उल्लंघन करता है।

मुस्लिम समुदाय को होगा सीधा नुकसान — ओवैसी

ओवैसी का कहना है कि इस कानून के लागू होने से मुस्लिम समुदाय वक्फ़ संपत्तियों का बड़ा हिस्सा खो बैठेगा। उन्होंने बताया कि कानून में ऐसे सात प्रावधान हैं, जिनसे वक्फ़ संपत्ति पर गंभीर संकट खड़ा हो गया है।

उन्होंने कहा,

“जब तक हम इस कानून को असंवैधानिक सिद्ध नहीं कर लेते, सरकार वक्फ़ की संपत्तियों को लूटती रहेगी और मुसलमानों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। हमारी कानूनी लड़ाई जारी रहेगी।”

“लिमिटेशन एक्ट” से अतिक्रमण करने वालों को मिलेगा फायदा

ओवैसी ने विशेष उदाहरण देते हुए बताया कि संशोधित कानून में ‘लिमिटेशन एक्ट’ लागू कर दिया गया है। इसका सीधा फायदा अतिक्रमण करने वालों को मिलेगा और वे संपत्ति के वैध मालिक बन जाएंगे।

उन्होंने आगे कहा,

“धारा-2 के तहत जो संपत्तियाँ वक्फ़ का हिस्सा थीं, अब उससे बाहर हो जाएंगी। इस बदलाव का सबसे बड़ा फायदा देश के सबसे अमीर उद्योगपति को मिल रहा है, जिन्होंने वक्फ़ की जमीन पर एक महलनुमा घर खड़ा कर लिया है। जहां पहले ‘खोजा कोजा अनाथालय’ था, आज वहां आलीशान महल खड़ा है।”

धार्मिक पहचान पर भी संकट

ओवैसी ने कानून के एक और प्रावधान पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब यह तय करने का अधिकार किसी के हाथ में चला जाएगा कि कौन इस्लाम का पालन कर रहा है और कौन नहीं।

उन्होंने तंज कसा,

“पाँच साल तक इस्लाम का पालन करने की शर्त किस आधार पर तय होगी? और कौन तय करेगा कि कोई मुस्लिम है या नहीं?”

इवाक्यूई प्रॉपर्टीज़ पर भी मंडरा रहा है खतरा

अंत में ओवैसी ने कहा कि संशोधित कानून के जरिए सभी ‘इवाक्यूई प्रॉपर्टीज़’ सरकार की अभिरक्षा में चली जाएंगी। उन्होंने कहा,

“आज से सारी खाली पड़ी वक्फ़ संपत्तियाँ सरकारी नियंत्रण में चली जाएंगी। इससे मुस्लिम समुदाय को गहरी क्षति होगी।”

निष्कर्ष:

वक्फ़ कानून में संशोधन को लेकर देश की सियासत गर्म है। सुप्रीम कोर्ट इस पर अंतिम निर्णय देगा, लेकिन फिलहाल असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि यह लड़ाई केवल अदालत में नहीं, बल्कि वक्फ़ संपत्ति और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की लड़ाई भी है।

ABHISHEK KUMAR ABHAY
ABHISHEK KUMAR ABHAY
I’m Abhishek Kumar Abhay, a dedicated writer specializing in entertainment, national news, and global issues, with a keen focus on international relations and economic trends. Through my in-depth articles, I provide readers with sharp insights and current developments, delivering clarity and perspective on today’s most pressing topics.
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