Saturday, April 19, 2025
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चीन ने  खेला ऐसा खेल जिससे भारत का रुपया होगा कमजोर

विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार  ऐसा चीन जानबूझकर कर रहा है चीन के ऐसा करने का उद्देश्य डोनाल्ड ट्रंप की नीति के कारण होने वाले नुकसान से खुद को बचाना है। इस समय चीन का काफी सारा सामान डम्प पड़ा हुआ है ऐसे में अगर चीन की युआन मुद्रा सस्ती होती है तो यह सामान भारत में आ सकता है जिसके कारण भारत के व्यापारियों को नुकसान हो सकता है और जिस भारत का व्यापार कमजोर हो सकता है। आईए जानते हैं इसके विषय में थोड़ा सा और 

क्या चीन युआन को खुद कमजोर कर रहा है?

चीन की मुद्रा युआन लगातार गिर रही है। चीन के सेंट्रल बैंक ने युआन का रेफरेंस रेट 7.2038 प्रति डॉलर रखा है। सितंबर 2023 के बाद पहली बार युआन 7.20 डॉलर के पार कमजोर हुआ युआन के कमजोर होने से चीन का सामान अंतरराष्ट्रीय बाजार में कम कीमतों में बिकेगा। जिससे चीन को निर्यात में बढ़त मिल सकती है चीन अपने व्यापार को बचाने के लिए युआन को कमजोर कर सकता है।

क्या रुपए और युआन में है कोई संबंध? 

 युआन और रुपए दोनों ऐसी मुद्राएं हैं जो एक दूसरे के साथ चलती है। बल्कि यह कहे तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि युआन ही एशियाई बाजार की सबसे बड़ी ईकाई है और एशियाई बाजार का प्रतिनिधित्व करती है। ऐसे में अगर युआन गिरता है तो सारी एशियाई मुद्राओं पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और वह भी गिरने लगेंगीं। अगर युआन गिरता है तो रुपए का भी गिरना निश्चित रूप से ही तय माना जाता है।

 चीन के युआन के गिरने से भारत को क्या फर्क पड़ने वाला है?

 जिन परिस्थितियों में लग रहा है कि चीन का युआन गिर रहा है ऐसे में रुपए का भी गिरना तय है। युआन के गिरने से चीन को तो फायदा होगा क्योंकि उसका सामान कम कीमत में होने के कारण आसानी से बिक जाएगा लेकिन भारत के व्यापारियों को युआन का सस्ता होना नुकसान पहुंचाएगा क्योंकि उनका समान फिर कोई नहीं खरीदेगा और रुपए के सस्ते होने से उन्हें दूसरे देशों से सामान मंगाने के लिए अधिक पैसे खर्च करने होंगे जिसके कारण भी उनके ऊपर दोहरी मार पड़ेगी

रुपए को गिरने से रोकने के लिए भारत सरकार क्या कदम उठा सकती है? 

रुपए को गिरने से रोकने के लिए भारत सरकार को आरबीआई की मदद लेनी होगी। आरबीआई इस समय युआन और रुपए के क्रॉस रेट का गहन अध्ययन कर रही है। चीन और भारत एक जैसे उत्पादों को ही वैश्विक बाजार में बेच रहे हैं। ऐसे में आरबीआई रुपए को थोड़ा गिरने की गुंजाइश छोड़ सकता है क्योंकि इससे भारत की प्रतिस्पर्धा बनी रहेगी।

क्या स्थिति है इस समय भारत के रुपए की? 

भले ही इस समय रुपया अच्छा प्रदर्शन कर रहा हो फिर भी चीन की स्थिति को देखते हुए लग रहा है कि वह फिर से कुछ ऐसा करने वाला है जिससे कि रुपए के प्रदर्शन में कठिनाई आए। इस समय भारतीय रुपया एक नए जवाब का सामना कर रहा है ऐसा चीन की मुद्रा नीति  के कारण हो रहा है आने वाले समय में अगर युआन और कमजोर होता है तो भारत के रुपए का गिरना तय है अब देखना है कि आरबीआई की नीति और आरबीआई का इस विषय में क्या भूमिका निभाते हैं।

चीन की युआन को गिराने की क्या है रणनीति? 

चीन युआन को एकदम से नहीं गिराएगा। एकदम तेजी से गिरने के कारण युआन कैपिटल आउटफ्लो को रोक सकता है और वित्तीय बाजार में अस्थिरता बढ़ा सकता है इसीलिए चीन युआन को धीरे-धीरे कमजोर कर रहा है। चीन ने अभी भी युआन पर अपना कंट्रोल बनाया हुआ है। अगर युआन 7.20 से नीचे गिरता है तो यह 7.35 वाली 2008 की वैश्विक वित्तीय संकट वाली स्थिति हो सकती है। चीन अपनी मुद्रा को 10% से अधिक नहीं गिराएगा चीन अपनी मुद्रा को स्थिर दिखाकर वैश्विक स्थिरता में अपना योगदान भी दिखाना चाहेगा।

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