Tuesday, April 8, 2025
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भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट: सेंसेक्स 3,900 अंक टूटा, 20.16 लाख करोड़ की संपत्ति स्वाहा

नई दिल्ली, 5 अप्रैल 2025 — सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में हाहाकार मच गया। सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट देखने को मिली, जिसने निवेशकों की कमाई को शुरुआती कारोबार में ही लगभग ₹20.16 लाख करोड़ तक मिटा डाला।

सेंसेक्स-निफ्टी का तेज़ गोता

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के शीर्ष 30 कंपनियों के समूह सेंसेक्स ने दिन की शुरुआत में ही 3,939.68 अंकों की जबरदस्त गिरावट दर्ज की और 5.22% टूटकर 71,425.01 पर पहुंच गया। वहीं, निफ्टी, जो कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख इंडेक्स है, वह 1,160.8 अंक या 5.06% लुढ़ककर 21,743.65 पर आ गिरा।

एशियाई बाजार भी धराशायी

केवल भारत ही नहीं, बल्कि समूचे एशियाई शेयर बाजारों में भी गिरावट का सैलाब देखने को मिला:

  • हांगकांग का हैंगसेंग करीब 11% टूटा।

  • जापान का निक्केई 225 सूचकांक 7% की गिरावट के साथ बंद हुआ।

  • चीन का शंघाई कंपोज़िट इंडेक्स में 6% से अधिक की गिरावट देखी गई।

  • दक्षिण कोरिया का कोस्पी भी 5% तक फिसल गया।

पिछले सप्ताह भी भारतीय बाजार की हालत नाज़ुक थी — सेंसेक्स में 2,050.23 अंकों की गिरावट आई थी, जबकि निफ्टी 614.8 अंक फिसला था।

आख़िर क्या वजह है इस गिरावट की?

इस अप्रत्याशित गिरावट की सबसे बड़ी वजह अंतरराष्ट्रीय व्यापार युद्ध की आशंका मानी जा रही है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा विभिन्न व्यापारिक साझेदारों पर भारी शुल्क लगाने की घोषणा और इसके जवाब में चीन की आक्रामक प्रतिक्रिया ने निवेशकों में भय का माहौल बना दिया है।

राष्ट्रपति ट्रंप ने बीते सप्ताह अमेरिकी ट्रेड पार्टनर्स पर व्यापक टैरिफ लागू करने का ऐलान किया। बदले में, चीन ने 10 अप्रैल से सभी अमेरिकी वस्तुओं पर 34% का प्रतिशोधात्मक कर लगाने की घोषणा कर दी।

यह ‘टिट फॉर टैट’ रणनीति अब एक लम्बे व्यापार युद्ध की चेतावनी दे रही है।

विश्लेषकों की राय: अनिश्चितता और अस्थिरता का दौर

कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के विश्लेषक संजय प्रसाद ने रायटर्स को बताया,

“ऐसे पारस्परिक टैक्स भले ही अस्थायी हों, लेकिन ये बाज़ार के लिए असामान्यता और अनिश्चितता का संकेत हैं, जिससे निवेशकों का भरोसा डगमगाने लगा है।”

उन्होंने कहा कि आने वाले सप्ताहों में भारतीय बाज़ार की दिशा इस बात पर निर्भर करेगी कि अमेरिका-चीन के बीच समझौता होता है या और बढ़ती है प्रतिद्वंद्विता। साथ ही घरेलू रिटेल और संस्थागत निवेशकों का व्यवहार भी निर्णायक भूमिका निभाएगा।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट वी.के. विजयकुमार ने कहा,

“यह दौर असाधारण अस्थिरता का है। कोई नहीं जानता कि ट्रंप के टैरिफ से उपजी यह उथल-पुथल कितनी दूर जाएगी। इस समय सबसे बेहतर रणनीति है — ‘इंतज़ार करो और देखो’।”

निष्कर्ष: निवेशकों के लिए चेतावनी की घंटी

इस वैश्विक वित्तीय उथल-पुथल के बीच भारतीय शेयर बाजार की गिरावट महज़ एक शुरुआत हो सकती है। जब तक अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव कम नहीं होता, तब तक बाज़ार में अनिश्चितता बनी रह सकती है। विशेषज्ञ निवेशकों को फिलहाल सावधानी बरतने और दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दे रहे हैं।

ABHISHEK KUMAR ABHAY
ABHISHEK KUMAR ABHAY
I’m Abhishek Kumar Abhay, a dedicated writer specializing in entertainment, national news, and global issues, with a keen focus on international relations and economic trends. Through my in-depth articles, I provide readers with sharp insights and current developments, delivering clarity and perspective on today’s most pressing topics.
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