फैटी लिवर एक ऐसी बीमारी है जिससे मोटापा शुगर आलस जैसी निकॉन देखिए अनदेखी बीमारियां उभर रही है हैपेटिक स्टेटस भी एक ऐसी बीमारी है जिसका नाम आज से 10 साल पहले हमें से किसी ने सुना भी नहीं था इसमें लिवर में फैट जमा हो जाता है अगर समय पर इसका उपचार न किया जाए तो एक नॉन अल्कोहलिक स्टेटोसिस, हेपेटाइटिस में बदल जाता है और फिर यहां पर भी अगर हम सचेत न हो पाए तो यह फाइब्रेसिस, सिरोसिस और लीवर फेलियर की भी वजह बन सकता है।
फैटी लिवर है युवाओं में मोटापे की वजह
आज का युवा बहुत व्यस्त है अपनी भागती दौड़ती दिनचर्या से सबसे ज्यादा नुकसान वह खुद को ही पहुंचा रहा है समय के अभाव में उसे जब भी जो मिलता है वह खा लेता है। ऐसे में विकल्प के रूप में उसके पास नाश्ते में ब्रेड बट,र वडा पाव जैसी चीज होती है तो दोपहर के खाने में वह कैंटीन में मिलने वाले या ठेलों पर मिलने वाले छोले कुलचे से काम चलाता है। शाम को बर्गर पिज़्ज़ा या सैंडविच उसकी बकेट लिस्ट में शामिल होते हैं। उसके खाने में कहीं भी फल, सब्जियां और मोटा अनाज शामिल ही नहीं होता ना उसे इन्हें खाना पसंद होता है। ना ही उसके पास इतना समय होता है कि वह इन्हें बना सके और खा सके लेकिन युवाओं के लिए ही नहीं सभी के लिए यह एक सचेत होने का समय है। अगर अभी भी खाने में क्या खाया जाए इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो न केवल वजन बढ़ेगा बल्कि लीवर पर भी चर्बी जमा हो जाएगी और जो सौ बिमारियों की वजह होगी।
फैटी लीवर से कैसे बचाएं खुद को?
अपने शरीर से अधिक से अधिक काम लेकर हम अपने हर अंग की चर्बी कम कर सकते हैं तो फिर लीवर की क्यों नहीं डॉक्टरों का कहना है कि हम नियमित व्यायाम करके, एरोबिक गतिविधियां करके अपने लिवर की चर्बी को कम कर सकते हैं। क हम जांच दवाए समय पर ही उपचार में शामिल कर रोग को बढ़ने से रोक भी सकते हैं।
अगर है आपको लीवर की समस्या तो क्या खाने से बचे
अगर आपको फैटी लीवर की या किसी भी तरह की लीवर की प्रॉब्लम है तो आपको अधिक फैट वाला खाना खाने से बचना चाहिए। आपको अधिक चीनी वाला खाना अधिक नमक वाला खाना नहीं खाना चाहिए। आपको फास्ट फूड खाने से बचना चाहिए। बहुत अधिक तला हुआ भोजन मैदा युक्त भोजन नहीं करना चाहिए। आपको फिश फूड खाते समय भी सतर्कता बरतनी चाहिए। अधिक तेल वाली फिश, शेलफिश, शीप, क्लैम आदि को खाने से बचना चाहिए। कच्ची या अधपक्की फिश को भी नहीं खाना चाहिए। जिन व्यक्तियों को लिवर में परेशानी है उन्हें कम कैलोरी वाला भोजन करना चाहिए जिससे कि उन्हें आसानी से पचाया जा सके क्योंकि अगर लिवर बीमार होगा तो पित्त का निर्माण सही प्रकार से नहीं हो पाएगा क्योंकि यही पित्त होता है जो कि छोटी आंत में वसा को डाइजेस्ट करने में मददगार होता है।
कैसे तेल का करें उपयोग
आपको पशु वसा के जगह वनस्पति वसा का प्रयोग करना चाहिए। जैतून, मक्का, सूरजमुखी, मूंगफली, सन के बीज का तेल उपयोग करना चाहिए। क्योंकि इन तेलों में उपलब्ध वसा को तोड़ने के लिए पित्त की कम मात्रा में आवश्यकता होती है। अगर लीवर की समस्या बढ़कर हेपेटाइटिस सी लिवर रोग बन चुकी है तो आपको आयरन की मात्रा अपने शरीर में कम कर देनी चाहिए। ऐसे खाद्य पदार्थों को कम खाएं जिनसे आयरन बनता हो या जिन में बहुत अधिक आयरन हो। लोहे के बर्तन में खाना ना खाएं और अधिक नमक वाले भोजन को भी ना करें
आहार में प्रोटीन कितनी मात्रा में ले
डॉक्टरों का कहना है कि अगर आपको लीवर की समस्या है तो आपको प्रोटीन भी सोच समझ कर ही लेना चाहिए अपने डॉक्टर से पूछ कर ही अपने प्रोटीन की मात्रा निर्धारित करें।
लीवर की समस्या होने पर कैसा हो आपका आहार
वैसे तो अगर आप स्वस्थ हैं तो भी आपको यही आहार लेना चाहिए जिससे आप हमेशा स्वस्थ रहें लेकिन फिर भी अगर आपको लीवर की समस्या हो ही गई है तो आप ऐसा भोजन करें जिसमें फल सब्जियां बहुत अधिक मात्रा में हो। आपका आहार संतुलित होना चाहिए। उचित मात्रा में ही दूध और तेल का प्रयोग करें। अपने भोजन में फाइबर अवश्य लें क्योंकि फाइबर आपके लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। फल, सब्जियां, साबुत अनाज में उपलब्ध फाइबर आपके शरीर से अवांछित तत्व को निकालने में मददगार होता है। खाने के साथ-साथ पीने के पानी पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। लीवर के मरीज को अधिक पानी पीना होता है जिससे कि उसके शरीर में पानी की कमी ना हो पाए और उसके शरीर में अवांछित तत्व और वसा जो इकट्ठा हो चुके हैं वह पानी की सहायता से शरीर से बाहर निकल पाए।