इंडसइंड बैंक के शेयर काफी समय से नीचे जा रहे है। आज इंडसइंड बैंक के शेयरों में पांच प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट देखी गई। आईए जानते हैं क्या है वजह बैंक के शेयरों की गिरावट की
आरबीआई ने दिया 5 साल की जगह सिर्फ 1 साल का विस्तार
भारतीय रिजर्व बैंक में इंडसइंड बैंक की सेवा के लिए 1 साल का विस्तार दिया है जबकि इंडसइंड बैंक के सीईओ सुमन काठपालिया ने 3 साल का कार्यकाल विस्तार के लिए मांगा था। विशेषज्ञों का कहना है कि यही एक वजह है जिसके कारण निवेशक इंडसइंड बैंक से पीछे हट रहे हैं। तीन साल की जगह आरबीआई के एक साल का विस्तार इंडसइंड बैंक को देने के कारण ही इंडसइंड बैंक के लक्ष्य मूल्य में गिरावट आ गई है।आरबीआई ने पिछले साल भी प्रस्तावित समय से कम अवधि की मंजूरी दी थी। जिसके कारण ही इंडसइंड बैंक के शेयरों में 42.45% की गिरावट देखी गई थी। इंडसइंड बैंक के शेयरों में पिछले तीन महीना में 8.41% की गिरावट आई है। और एक हफ्ते से इंडसइंड बैंक के शेयरों में 9.1% की गिरावट और हो चुकी है।
क्या कहना है एमके ग्लोबल का
एमके ग्लोबल का कहना है कि इंडसइंड बैंक ने अपने लक्ष्य मूल्य को घटा दिया है। पहले एमके ग्लोबल ने लक्ष्य मूल्य ₹1400 रखा था। अब लक्ष्य मूल्य को घटाकर 1125 रुपए कर दिया गया है। लक्ष्य मूल्य में -22% प्रतिशत की कटौती की गई है। जबकि खरीदे रेटिंग समान ही रखी गई है। नया लक्ष्य निर्धारित करने का अर्थ है की इंडसइड बैंक के शेयर में जो कि अभी 886.4 रूपये का है उसके मूल्य में 27 प्रतिशत की बढ़त होने की संभावना है। एमके ग्लोबल का कहना है कि सीईओ का छोटा कार्यकाल प्रबंधन भी इंडसइड बैंक के लिए नकारात्मक परिवर्तन हो सकता है। इस छोटे कार्यकाल के कारण बैंक का विकास रुक सकता है और इसका परिसंपत्ति गुणवत्ता पर भी असर पड़ सकता है। इन सब का असर पड़ने के कारण इंडसइंड बैंक की कार्यशैली भी प्रभावित हो सकती है। इन चिताओं के कारण आने वाले समय में क्या कार्य शैली कायम करनी है इसके विषय में भी अनीश्चिंता बढ़ सकती है। साथ ही साथ एमके ग्लोबल ने कहा की 1 साल का समय काफी है बाहरी उत्तराधिकारी की पहचान के लिए।
नुवामा का क्या कहना है
नुवामा ने अपने दृष्टिकोण को काफी निराशात्मक रखते हुए कहा कि आरबीआई बाहरी नियुक्तियां की तरफ रुख कर बाहरी व्यक्तियों का चयन कर रही है जिसके कारण निकट भविष्य में आय की संभावना कम हो सकती है। माइक्रोफाइनेंस चक्र कमजोर हो सकता है। अभी हाल ही में इंडसइंड बैंक के सीईओ ने अपना त्यागपत्र दिया है जिसके कारण शीर्ष प्रबंधन के विषय में भी सही दृष्टिकोण ना होने के कारण स्टॉक भी अच्छा प्रदर्शन करने में असहज रहने वाला है।
क्या कहना है एलारा सिक्योरिटीज का
एलारा सिक्योरिटी ने भी अपना रवैया बदल दिया है। और इंडसइंड बैंक पर अपना नजरिया खरीदने से बदलकर एकत्रित करें कर दिया है। एलारा सिक्योरिटी ने इसके लक्ष्य मूल्य को घटाकर 1320 रुपए से 1050 रुपए कर दिया है। यह कटौती 20.5% की कटौती है। एलारा सिक्योरिटी ने इस कटौती का मुख्य कारण नेतृत्व में कमी बताई है जिसके कारण इस शेयर में हाथ डालने को एक प्रमुख जोखिम बताया है।
एलारा सिक्योरिटी ने कहा कि सीईओ के 1 साल के विस्तार से शेयर मार्केट की चिंताएं और बढ़ गई है।