नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी को रमज़ान के दौरान रोज़ा न रखने पर एक मौलवी की आलोचना झेलनी पड़ी। इस विवाद ने खेल और धर्म के बीच संतुलन को लेकर चर्चा शुरू कर दी। भारत के पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह ने शमी का समर्थन किया और कहा कि खेल और धर्म को अलग रखा जाना चाहिए।
मौलवी ने शमी को बताया गुनाहगार
मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने शमी को रमज़ान में रोज़ा न रखने पर ‘गुनाहगार’ और ‘अपराधी’ कहा। उन्होंने कहा कि शमी को अपने धर्म का पालन करना चाहिए था, भले ही वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे हों। इस बयान पर क्रिकेट प्रेमियों और विशेषज्ञों ने नाराजगी जताई।
हरभजन सिंह ने दिया जवाब
इंडिया टुडे से बातचीत में हरभजन सिंह ने शमी का समर्थन किया और कहा कि धर्म को खेल से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
यह मेरी निजी राय है—शायद सही या गलत। लेकिन खेल को धर्म से अलग रखना चाहिए। खिलाड़ियों से यह उम्मीद करना गलत है कि वे खेलते समय रोज़ा रखें। शमी हो, रोहित शर्मा हो या कोई और खिलाड़ी, उन्हें अपनी सेहत के अनुसार फैसले लेने देना चाहिए।
हरभजन ने समझाया कि क्रिकेट जैसे खेल में शारीरिक फिटनेस जरूरी होती है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को हाइड्रेटेड रहना चाहिए, वरना उनकी सेहत पर असर पड़ सकता है।
जो लोग शमी पर सवाल उठा रहे हैं, वे घर बैठकर ऐसा कर सकते हैं। लेकिन एक खिलाड़ी को अपनी सेहत और खेल दोनों का ध्यान रखना होता है। तेज़ गर्मी में बिना पानी और खाना खाए खेलना बहुत मुश्किल है।
क्या खेल और धर्म को अलग रखना चाहिए
यह विवाद खेल और धार्मिक आस्थाओं के बीच संतुलन को लेकर सवाल खड़ा करता है। कुछ लोग मानते हैं कि खिलाड़ियों को धार्मिक परंपराओं का पालन करना चाहिए, जबकि अन्य कहते हैं कि खेलते समय शरीर की जरूरतें ज्यादा महत्वपूर्ण होती हैं।
दुनिया के कई मुस्लिम खिलाड़ी रमज़ान के दौरान अपने खेल कार्यक्रम के अनुसार रोज़े रखते हैं। यह बहस अभी भी जारी है कि खिलाड़ी अपने धार्मिक कर्तव्यों और खेल के बीच कैसे संतुलन बनाए रख सकते हैं।
भारत की जीत और फाइनल में एंट्री
शमी पर विवाद के बावजूद भारतीय क्रिकेट टीम ने शानदार प्रदर्शन जारी रखा। टीम ने ऑस्ट्रेलिया को सेमीफाइनल में चार विकेट से हराकर चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में जगह बनाई। अब भारत फाइनल में न्यूजीलैंड से भिड़ेगा, जो रविवार को दुबई में खेला जाएगा।
भारत को घरेलू फायदा मिलने का आरोप
शमी के रोज़े को लेकर विवाद के अलावा, भारत को सभी मैच दुबई में खेलने का फायदा मिलने पर भी सवाल उठाए गए हैं। कुछ विरोधी टीमों का मानना है कि यह भारत के लिए अनुकूल स्थिति है।
हालांकि, यह फैसला भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक तनाव के कारण लिया गया था। भारत ने पाकिस्तान में खेलने से इनकार किया, और ICC ने दुबई को तटस्थ स्थल के रूप में चुना।
फाइनल मुकाबला: भारत बनाम न्यूजीलैंड
अब सभी की नजरें भारत और न्यूजीलैंड के बीच चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल पर टिकी हैं। रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम इंडिया ने अब तक शानदार प्रदर्शन किया है। भारतीय टीम को शमी और बाकी गेंदबाजों से बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद होगी।
निष्कर्ष
मोहम्मद शमी के रोज़ा न रखने को लेकर उठे विवाद ने खेल और धर्म के बीच संतुलन पर बहस छेड़ दी है। हरभजन सिंह के समर्थन से यह साफ है कि पेशेवर खिलाड़ियों को धार्मिक दबाव से बचकर अपनी सेहत और खेल पर ध्यान देना चाहिए। जैसे-जैसे चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल करीब आता है, भारतीय टीम का ध्यान खेल पर रहना चाहिए, न कि विवादों पर।