परिवार ने दी आधिकारिक सहमति
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के परिवार ने राष्ट्रीय स्मृति स्थल में उनके स्मारक के लिए सरकार को आधिकारिक स्वीकृति दे दी है। यह निर्णय परिवार के सदस्यों द्वारा स्थल का निरीक्षण करने के बाद लिया गया। सिंह की पत्नी, गुरशरण कौर ने सरकार को एक पत्र भेजकर इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।
900 वर्ग मीटर भूमि पर बनेगा स्मारक
जानकारी के अनुसार, स्मारक के लिए 900 वर्ग मीटर का एक भूखंड निर्धारित किया गया है, जो स्मृति स्थल के बीचों-बीच स्थित है। पिछले सप्ताह, सिंह की बेटियां उपिंदर सिंह और दमन सिंह अपने परिवार के साथ स्थल का मुआयना करने पहुंचीं थीं। निरीक्षण के बाद उन्होंने सरकार को अपनी सहमति सौंप दी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रीय स्मृति स्थल में अब केवल दो भूखंड खाली बचे थे। इनमें से एक पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के परिवार को पहले ही प्रस्तावित किया जा चुका था, जबकि दूसरा अब डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए निर्धारित कर दिया गया है।
स्मारक निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाएगा परिवार
उपिंदर सिंह ने बताया कि भूमि एक ट्रस्ट को आवंटित की जाएगी, जिसे जल्द ही स्थापित किया जाएगा। सरकारी नियमों के तहत स्मारक के निर्माण के लिए 25 लाख रुपये तक की एकमुश्त सहायता राशि प्राप्त की जा सकती है।
राष्ट्रीय स्मृति स्थल का महत्व
राष्ट्रीय स्मृति स्थल देश के शीर्ष नेताओं के समाधि स्थल के रूप में बनाया गया है, जहां समान शैली में निर्मित नौ स्मारक स्थित हैं। डॉ. सिंह के लिए निर्धारित भूखंड चार प्रमुख समाधियों से घिरा हुआ है— सामने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर का स्मारक, पीछे पूर्व राष्ट्रपति आर. वेंकटरमण की समाधि, और दोनों ओर राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह एवं प्रणब मुखर्जी की समाधियां स्थित हैं।
दिलचस्प बात यह है कि 2013 में, जब डॉ. सिंह प्रधानमंत्री थे, तब उनकी सरकार ने व्यक्तिगत समाधियों के लिए नई भूमि आवंटन को रोकने के उद्देश्य से इस ‘सामूहिक स्मृति स्थल’ को मंजूरी दी थी। अब, उनके परिवार ने इसी स्थल में उनके स्मारक के लिए अंतिम उपलब्ध भूखंड स्वीकार कर लिया है।
निगमबोध घाट पर हुआ अंतिम संस्कार
हालांकि स्मारक के लिए भूमि आवंटित हो चुकी है, लेकिन डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर नहीं किया गया था। 28 दिसंबर को उनका अंतिम संस्कार दिल्ली के निगमबोध घाट पर यमुना नदी के किनारे किया गया।
उनकी अंत्येष्टि के बाद, गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि स्मारक निर्माण के लिए कांग्रेस पार्टी की औपचारिक मांग पर विचार किया गया था। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, कांग्रेस अध्यक्ष और डॉ. मनमोहन सिंह के परिवार को सूचित किया गया है कि सरकार उनके स्मारक के लिए स्थान आवंटित करेगी। इस बीच, अंतिम संस्कार और अन्य प्रक्रियाएं पूरी की जा सकती हैं, क्योंकि ट्रस्ट के गठन और भूमि आवंटन की प्रक्रिया चल रही है।
अब, राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर डॉ. मनमोहन सिंह की विरासत को संरक्षित किया जाएगा, जिससे आने वाली पीढ़ियां उनके योगदान को स्मरण कर सकेंगी।