Thursday, March 6, 2025
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बीएसई के शेयर आज 9% गिरे, छह हफ़्तों में स्टॉक 35% गिरा; जानिए क्यों

एनसीसी एक फैसले के कारण बीएससी के शेयर में आई 9% की गिरावट। कहा जा रहा है की बीएसई के शेयरों में गिरावट डेरिवेटिव कांट्रैक्ट्स की एक्सपायरी की डेट में परिवर्तन करने का फैसले के कारण आईं है। जिसके कारण बीएसई के शेयर 9% से अधिक नीचे गिर गए हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से

बीएसई के शेयर में आज कैसे किया कारोबार

आज बीएसई के शेयर  शुरुआती स्तर पर 9%से अधिक टूटे। आज 3 .67 % की गिरावट देखी गई। बीएसई का शेयर में शुरुआत में 4.290.00 पर था। बाद में 9.40 प्रतिशत टूटकर 4.035.10 पर आ गया था।

क्या है बीएससी के शेयर में गिरावट की वजह

एनएसई ने अपनी मंथली और वीकली एक्सपायरी डेट के दिनों में बदलाव किया है। कांटेक्ट के एक्सपायरी डेट के दिनों में यह बदलाव किया गया है। बीएसई के डेरिवेटिव कान्टैक्स से एक दिन पहले यह परिवर्तन हुआ। जिसके कारण बीएसई के शेयर 9% से अधिक नीचे आ गए। बीएसई के शेयर अभी भी कमजोरी स्थिति में बने हुए हैं। बीएसई के शेयर आज एनएससी पर 3.67% की गिरावट के साथ 4.290.00 रुपए पर बंद हुए। इंट्रा-डे में यह 9.40 प्रतिशततक गिरावट के साथ 4.035.10 रुपए तक आ गये थे।आज बीएसई के शेयर शुरुआती स्तर पर 9% अधिक टूटे। आज 3.67% की गिरावट के साथ 4.290.00 की शुरुआत के बाद 9.40 प्रतिशत टूटकर 4.035.10 पर आ गये थे।

क्या वजह रही एनएसई के एक्सपायरी में बदलाव की

एनएसई ने बताया कि अब निफ़्टी बैंक के मंथली, तिमाही, छमाही और निफ्टी फाइनेंसियल सर्विसेज, निफ्टी मिडकैप और निफ़्टी नेक्स्ट 50 के मासिक तिमाही कॉन्ट्रैक्ट्स अब हर महीने के आखिरी बृहस्पतिवार की बजाय आखिरी शुक्रवार को एक्सपायर होंगे।

निफ्टी के वीकली कॉन्ट्रैक्ट बृहस्पतिवार के बजाय अब हर सोमवार को एक्सपायर होंगे। आने वाले महीने के चार तारीख से प्रभावित होंगे‌ 4 अप्रैल से इन नियमों के अनुसार एनएससी काम करेगी जबकि बीएसई के डेरिवेटिव कांट्रैक्ट्स मंगलवार को एक्सपायर होते हैं।

क्या वजह रही है इस बदलाव की

एनसीसी के बिजनेस डेवलपमेंट ऑफिसर श्री रामकृष्णन ने कहा वीकेंड पर दुनिया भर में कई घटनाएं होती हैं। ऐसे में एक्सपायरी का दिन सोमवार को रखना सबसे अच्छा रहेगा। उनका कहना है की एक्सपायरी के दिन में बदलाव के ऐलान के बाद बहुत सारे फीडबैक मिले। लेकिन इस ऐलान को बहुत सोच समझ कर किया गया है। बदलाव का यह विचार दक्षता व सहजता को ध्यान में रखते हुए किया गया है। उन्होंने कहा की एनएससी का तो यह भी मानना है कि सभी एक्सचेंजों पर एक्सपायरी का एक ही दिन हो।

बीएसई में इस 1 साल में कैसा रहा कारोबार

बीएई का शेयर अपना रिकॉर्ड परिणाम भी दे चुका है। बीएसई का शेयर अपने रिकॉर्ड हाई से लुढ़क कर नीचे तक आया है बीएसई के शेयर 10 महीने में निवेशकों का पैसा 3 गुना से अधिक बढ़ा चुके हैं। 19 मार्च 2024 को यह 1941.05 रुपए पर था जो बीएससी के शेयरों का 1 साल का निचला स्तर था। 10 महीने में यह अपने निचले स्तर से 216 प्रतिशत उछलकर 20 जनवरी 2025 को 6.13 3.40 रुपए तक पहुंच गया था। यह एक रिकॉर्ड स्तर था बीएसई के शेयरों और निवेशकों के लिए‌ उसके बाद लेकिन। बीएसई के शेयरों की तेजी की रफ्तार थम गई। इस समय यह अपने हाई रिकॉर्ड से 31% नीचे है‌ ब्रोकरेज फॉर्म ने अभी इसकी न्यूट्रल रैंकिंग को बरकरार रखा है लेकिन इसका अब टारगेट प्राइस 5650 रूपये से कम करके 4880 रूपये हो गया है।

बीएससी के शेयर अभी तक 35% क्यों गिर चुके हैं

*शेयर मार्केट की गिरने की बड़ी वजह डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ प्लान है। जो वह रोज पूरे विश्व को देते जा रहे हैं।

*भारतीय आईटी सेक्टर की कमजोरी का असर भी शेयर मार्केट पर पड़ रहा है।

*विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली भी शेयर मार्केट की गिरने की एक बड़ी वजह बन चुकी है।

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