संयुक्त राष्ट्र संघ में रूस और यूक्रेन के लिए एक मतदान हुआ। जिसमें 93 देशों ने यूक्रेन के पक्ष में मतदान में भाग लिया। मतदान करने वाले देशों में जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, जी सेवन देश, रूस, अमेरिका, इजरायल, हंगरी जैसे देश शामिल है। संयुक्त राष्ट्र संघ में रूस और यूक्रेन युद्ध में हुए मतदान में अमेरिका रूस के साथ खड़ा नजर आया। 3 साल पहले रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया था। इस प्रस्ताव में रूस को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में सैन्य वापसी, रूस और यूक्रेन युद्ध को समाप्त करना और शांतिपूर्ण समाधान की मांग की गई है। यूरोपीय देशों और जी 7 देशों ने यूक्रेन के पक्ष में मतदान किया। अमेरिका ने इस प्रस्ताव के विरोध में मतदान किया। रूस, अमेरिका, इजरायल और हंगरी समित 18 देशों ने इसके विरोध में मतदान किया। 93 देशों ने इसके पक्ष में मतदान किया। यूनाइटेड नेशन में 176 सदस्य देश हैं जिसमें से 93 सदस्यों ने इस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया और 18 सदस्य देशों ने इसके विरोध में मतदान किया। 65 देशों ने इस मतदान में हिस्सा नहीं लिया इसमें भारत और चीन जैसे देश भी शामिल थे।
यूएन में पास किया गया प्रस्ताव
इस प्रस्ताव में यूक्रेन में तैनात रूसी सैनिकों की तत्काल वापसी की मांग की गई है। संयुक्त राज्य संघ में इस समय 176 सदस्य हैं जिसमें से 93 सदस्यों ने इसके पक्ष में मतदान किया है। 18 सदस्यों ने इसके विरोध में मतदान किया है। पहली बार इस प्रस्ताव के विरोध में अमेरिका ने वोट किया है। 3 सालों से अमेरिका यूरोपीय देशों के साथ मतदान करता था। इस प्रस्ताव को पास करने के लिए कोई भी देश कानूनी रूप से मजबूरनहीं है लेकिन यह प्रस्ताव विश्व का जनमत माना जाता है। यह माना जाता है कि पूरे विश्व के सभी देश इसी प्रस्ताव के द्वारा अपने विचार व्यक्त करते हैं। इससे पहले के सालों में इस प्रस्ताव में 140 देशों ने रूस के यूक्रेन पर आक्रमण की निंदा की थी। इससे पिछले प्रस्ताव में रूस के यूक्रेन क्षेत्र पर कब्जा करने की भी निंदा की गई थी और उसके चार यूक्रेनी क्षेत्रों से कब्जा हटाने के लिए मांग की गई थी।
अमेरिका ने बदला रवैया
अमेरिका पिछले 3 सालों से यूरोपीय देशों के साथ था और वह यूक्रेन के पक्ष में मतदान कर रहा था। इस साल अमेरिका ने रूस के पक्ष में मतदान किया है। यह अमेरिका के नीतिगत बदलाव का संकेत है। अमेरिकी राष्ट्रपति पहले भी यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेस्की को तानाशाह कह चुके हैं। डोनाल्ड ट्रंप का कहना है की जेलेस्की बिना चुनाव के नेता बने हुए हैं और उनके कारण यूक्रेन युद्ध में जल रहा है।
जेलेस्की ने दिया त्यागपत्र देने का प्रस्ताव
रूस और यूक्रेन 3 साल से एक दूसरे से युद्ध कर रहे हैं। अब संयुक्त राष्ट्र संघ में अमेरिका ने रूस का हाथ पकड़ लिया है। ऐसे में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेस्की ने अपना बयान दिया है। उनका कहना है कि वह शांति के लिए कुछ भी करेंगे। अगर उनके त्यागपत्र देने से शांति आती है तो वह त्यागपत्र देने को तैयार है। जेलेस्की का कहना है कि अगर रूस सभी यूक्रेनी बंदियों को आजाद करता है तो यूक्रेन भी सभी रूसी बंधकों को आजाद कर देगा और यह शुरुआत होगी। जेलस्की बोले कि हमें शांति चाहिए लेकिन गारंटी के साथ। ट्रंप हमेशा के लिए नहीं रहने वाले लेकिन रूस का खतरा हमेशा रहेगा। हम जानते हैं कि पुतिन जब तक ट्रंप सत्ता पर है हमला नहीं करेंगे लेकिन हमें ऐसी शांति और गारंटी चाहिए कि ट्रंप या पुतिन के जाने के बाद भी यूक्रेन में शांति रहे। यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका की तरफ से मिले 500 बिलीयन डॉलर को वह कर्ज नहीं मानते उन्होंने कहा कि मैं तो 100 अरब डॉलर को भी कर्ज नहीं मानता क्योंकि बाइडेन ने मुझे मदद की थी मदद को कर्ज नहीं कहते।