रिसर्च से ज्ञात हुआ है कि दिल के दौरे का खतरा रक्त वाहिनियों में मौजूद सूचना प्लास्टिक कणों के कारण बढ़ सकता है। डॉक्टर ने रिसर्च से पता लगाया है की प्लास्टिक प्लास्टिक प्रदूषण जीवन को भी प्रभावित कर रहा है प्लास्टिक प्रदूषण से कैंसर के होने की तो पहले भी संभावनाएं व्यक्त की जा रही है अब एक नई रिसर्च से पता चला है कि प्लास्टिक के सूक्ष्म कण अगर हमारे रक्त कोशिकाओं में पाए जाते हैं तो यह दिल के दौरे की वजह बन सकते हैं
तो आईए जानते हैं क्या है यह अध्ययन क्या कहना है डॉक्टरों का
डॉक्टरों का कहना है की रिसर्च से पता चला है कि प्लास्टिक प्रदूषण जीवन को खतरे में डालने लगा है । डॉक्टर ने पाया कि जिन व्यक्तियों के रक्त कोशिकाओं में रक्त वाहिनियों में सूक्ष्म प्लास्टिक के कण पाए जाते गए उनमें स्ट्रोक, दिल का द्वारा पड़ने रक्त वाहिनियों में ब्लड क्लॉटिंग होने और समय से पहले मृत्यु होने का खतरा काफी बढ़ गया था।
रिसर्च स्कॉलर्स दे मरीज की रक्त वाहिनियों से निकल गई वसायुक्त कोशिकाओं की पट्टिकाओं की जांच की जांच में पता चला की आधे से अधिक व्यक्तियों की कोशिकाओं में पोलो एथिलीन या पाली विनायल क्लोराइड पीवीसी के सूक्ष्म कण पाए गए थे। जिन व्यक्तियों की रक्त कोशिकाओं में माइक्रो प्लास्टिक या नैनोप्लास्टिक पाया गया था उन व्यक्तियों को अगले 34 महीनों में दिल का दौरा पड़ने, हार्ट स्ट्रोक होने या मृत्यु होने की संभावना अन्य व्यक्तियों से लगभग पांच गुना अधिक पाई गई। वह व्यक्ति जिनके शरीर में प्लास्टिक प्रदूषण के कण नाम मात्र को भी नहीं थे वह पूर्ण रूप से स्वस्थ व्यक्ति माने गए उन्हें ऐसे किसी हृदय रोग या दिल रो दिल के रोग का खतरा होने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही थी।
डॉक्टरों ने कहा लोगों को अपने जीवन शैली के प्रति जागरूक होना चाहिए
रिसर्च स्कॉलर ने कहा कि लोगों को अपने जीवन शैली के प्रति जागरूक होना चाहिए उन्हें पता होना चाहिए कि वह क्या जोखिम उठा रहे हैं। रिसर्च स्कॉलर्स का कहना था कि हमारे अध्ययन से मिले अलार्म संदेश से नागरिकों खासकर सरकारों की चेतना जागृत होगी। ताकि वह मनुष्यों, जानवरों, पक्षियों सभी के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो सके। प्लास्टिक मुक्त पृथ्वी हमारे ग्रह की और हमारे हृदय की आवश्यकता है।
क्या कहना है मैंने चेस्टर की प्रोफेसर होली सशिल्स का
मैनचेस्टर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर होली ससशिल्स ने कहा कि ब्लॉक निर्माण और कोरोनरी हृदय रोग पर माइक्रो नैनोप्लास्टिक के प्रभाव का अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। नैनोप्लास्टिक माइक्रो प्लास्टिक और उनके विषाक्त पदार्थ हमारे दिल,हमारी रक्त वाहिनियों को प्रदूषित कर रहे हैं।
डॉ राफेल माफिला ने कहा अगर हमारे उत्तर की पुष्टि होती है तो यह हृदय स्वास्थ्य पर प्रभाव डालेगा
नेपल्स में अध्ययन के लेखक डॉ रफिल माफिला का कहना है कि अगर इस डाटा की पुष्टि हो जाती है तो हमें हृदय शास्त्र पर विशेष काम करना होगा क्योंकि हमारे पास प्लास्टिक प्रदूषण से बचने के कोई उपाय नहीं है हमारे पास सिर्फ एक मात्र बचाव प्लास्टिक उत्पाद को कम करना है।
डॉक्टर ने यह रिसर्च कब शुरू किया
डॉक्टर को जब लगा कि सामान्य रूप से कम जोखिम वाले मरीजों में स्ट्रोक का दिल के दौरे की संभावना बढ़ गई है तो उन्होंने करॉटिड धमनियों को प्रभावित करने वाले एथेरोसिलेरोसिस से पीड़ित 304 रोगियों से निकल गए वसा युक्त पट्टिकाओं का विश्लेषण किया। कैरॉटिड धमनिया मुख्य रक्त वाहिकाएं हैं जो गरदन ,चेहरे, मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति करती है इस बीमारी के कारण धमनी में पट्टिकाओं का निर्माण होने लगता है जिसके कारण स्ट्रोक का जोखिम काफी बढ़ जाता है। पट्टीकाओं को करॉटिड एंडाटेरेक्टामी नामक प्रक्रिया द्वारा हटाया जाता है। इन पट्टिकाओं की जब जांच की गई तो पाया गया कि इनमें प्लास्टिक युक्त सूक्ष्म कण थे।