प्रधानमंत्री मोदी 11व12 फरवरी को एआई एक्शन समिट में हिस्सा लेने के लिए फ्रांस पहुंच गए हैं । इस समिट में हिस्सा लेने के लिए देश-देश के कई नेता दुनिया भर से आ रहे हैं इस सम्मेलन में एआई की क्षमताओं उपलब्धियों और खतरों के विषय में बात की जाएगी। इस सबमिट में एआई के संभावित प्रयोगों और उपयोगिता के विषय में भी विचार विमर्श होगा।
कौन-कौन रहने वाला है इस सम्मेलन में मौजूद
यह सम्मेलन फ्रांस में हो रहा है। फ्रांस की राजधानी पेरिस में फ्रांस के राष्ट्रपति ईमेनुएल मैक्रो व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ओपन ऑल के सीईओ सैम ऑल्ट मैन, जर्मन चांसलर ओलाॅफ सोल्ज, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और माइक्रोसॉफ्ट के अध्यक्ष ब्रेड स्मित अमेरिका के वाइस प्रेसिडेंट जेडी वेंस जैसे अपने-अपने क्षेत्र के नायक इस समिट में हिस्सा लेंगे। एआई का शिखर सम्मेलन 2023 में ब्रिटेन में आयोजित हुआ था। 2024 में एआई का शिखर सम्मेलन साउथ कोरिया में हो चुका है।
किस विषय में चर्चा होने वाली है इस सम्मेलन में
दुनिया भर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बढ़ती लोकप्रियता इस शीर्षक के साथ इस सम्मेलन की शुरुआत होगी। इस सम्मेलन में चीन के एआई डेवलपमेंट तकनीक के विषय में भी चर्चा होगी। अमेरिका चीन सभी अपना आई तकनीक बनाकर पूरे विश्व में राज कर रहे हैं। हमें भी उम्मीद है कि अगले 10 महीनों में भारत भी चैट जीपीटी जैसा एआई चैटबॉट लॉन्च कर सकता है।
चीन का ए आई प्रोजेक्ट चैट बॉट डीप सीक बना हुआ है चर्चा का विषय
चीन ने अपना एआई तकनीक से चैट बोर्ड डीप सीक बना लिया है। इस चाटबॉट के लॉन्च होते ही अमेरिकी शेयर मार्केट धड़ाम से गिर गया था और इस घटना ने पूरे विश्व का ध्यान अपनी तरफ केंद्रित किया। इस घटना के बाद चीन के इस चाइनीस प्रोडक्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे लोगों ने चीनी सरकार और डीप सीक पर इस मामले में हाथ होने के आरोप भी लगाये। इस घटना के बाद से ही अमेरिका ताइवान और ऑस्ट्रेलिया ने चीन के डीप सीक एआई प्रोजेक्ट को अपने देश में बैन कर दिया है। भारत सरकार ने वित्तीय विभाग के अधिकारियों को इस चीनी तकनीक का इस्तेमाल न करने की सलाह दी है।
आज 11 फरवरी को होगा इस सम्मेलन का मुख्य कार्यक्रम
आज पीएम मोदी सभी नेताओं के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के भविष्य पर विचार विमर्श करेंगे। इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य ए आई तकनीक का जिम्मेदार तरीके से उपयोग करना होगा। इस तकनीक के द्वारा नैतिक उपयोग पर बल देना सबसे अहम होगा। इस सम्मेलन में सभी देश आपस में सहयोग के साथ मिलकर ए आई तकनीक का प्रयोग करने पर चर्चा करेंगे। इस चर्चा का उद्देश्य एआई के द्वारा वैश्विक अर्थव्यवस्था को ऊंचाइयों तक पहुंचाना होगा।
फ्रांस में प्रधानमंत्री मोदी के और भी है कार्यक्रम
प्रधानमंत्री मोदी एक आई तकनीक के इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के अलावा कई उच्च स्तरीय द्विपक्षीय कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री मोदी भारत फ्रांस सीईओ फोरम को संबोधित करेंगे इस विषय में प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रो से भी मिलेंगे। फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रो और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों देशों के व्यापार प्रौद्योगिकी और राजनीतिक साझेदारी के विषय में दोनों देशों के हितों के विषय में चर्चा करेंगे। यह चर्चाएं प्रतिबंधित और प्रतिमंडल दोनों स्तरों पर होंगी।
प्रधानमंत्री मोदी करेंगे कैडारैचे का दौरा
प्रधानमंत्री मोदी अंतर्राष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर आईटीईआर भी जाएंगे। केडारेचै एक भारत के साथ सम्मिलित वैज्ञानिक परियोजना है।
प्रधानमंत्री मोदी का ए आई शिखर सम्मेलन मैं भाग लेना आवश्यक क्यों है
इस समय एआई का चलन विश्व भर में बहुत तेजी से बड़ा है साथ ही साथ उसके खतरे भी बड़े हैं इसलिए जागरूकता और ज्ञान बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का फ्रांस में एआई शिखर सम्मेलन में भाग लेना बहुत जरूरी है। इस सम्मेलन में भाग लेकर भारत एआई तकनीक में और अच्छा करने के लिए अग्रसर होगा। भारत इस समय एआई की दिशा में चौथे नंबर पर है सबसे पहला स्थान अमेरिका का है। अमेरिका के बाद चीन का और चीन के बाद ब्रिटेन और फिर चौथे नंबर पर ब्रिटेन के बाद भारत का स्थान आता है।