डोनाल्ड ट्रंप ने अभी कुछ समय पहले ही पनामा को चीन से दूर रहने की धमकी दी थी और अब पनामा ने इस धमकी पर अमल भी कर लिया है। पनामा और चीन काफी समय से बी आर आई प्रोजेक्ट का हिस्सा है जिसके कारण डोनाल्ड ट्रंप पनामा से नाराज चल रहे हैं। उनका कहना है कि पनामा नहर का स्वामित्व पनामा को अमेरिका ने अपने लिए दिया था लेकिन अब पनामा इसका दुरुपयोग कर रहा है। चीन के साथ खड़ा होकर वह अमेरिका के साथ अपने संबंध खराब कर रहा है और इसलिए अमेरिका पनामा नहर से अपना स्वामित्व दोबारा लेना चाहता है। डोनाल्ड ट्रंप की इस धमकी का पनामा पर गहरा असर पड़ा है और पनामा ने चीन के बी आर आई प्रोजेक्ट से अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं। आईए जानते हैं क्या है यह पूरा मामला ,
चीन के बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट से पीछे हटा पनामा
चीन के विदेश मंत्रालय ने बताया है कि पनामा चीन के प्रोजेक्ट बेल्ट एंड रोड से हट गया है। चीनी सरकार ने पनामा कै इस फैसले को निराशाजनक बताया है। चीन का कहना है की पनामा का यह फैसला अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दी जा रही पनामा को चेतावनी का नतीजा है। पनामा अमेरिकी राष्ट्रपति के दबाव में आकर यह फैसला ले रहा है।
क्या कहना है चीन का पनामा के इस फैसले के विषय में
चीन के बीजिंग में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई। प्रेस कॉन्फ्रेंस में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने इस विषय में अपना अफसोस जताया। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा की पनामा विपक्षी संबंधों को बेहतर बनाने में आगे आ रहे बाहरी हस्तक्षेप को जल्दी ही खत्म करेगा। चीनी प्रवक्ता ने कहा की पनामा उन डेढ़ सौ देशों में से एक है जिसने बेल्ट एंड रोड जैसी महत्वाकांक्षी परियोजना में हिस्सा लिया था और इस परियोजना का हिस्सा बनकर सभी देशों में काफी विकास हुआ है पनामा को भी इस विकास का काफी लाभ मिला है।
चीन के विदेश मंत्री को क्यों ऐसा लगता है कि अमेरिका कर रहा है बाहरी हस्तक्षेप
अभी कुछ समय पहले अमेरिका के विदेश मंत्री मार्क रबियो ने पनामा यात्रा की थी। पनामा यात्रा के समय मार्क रबियो को पनामा के राष्ट्रपति जॉन्स राउल मुलीनो ने पनामा के बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव से बाहर रखने के लिए एक फाइल प्रस्तुत की थी। अमेरिका नहीं चाहता था की पनामा चीन के साथ यह संबंध स्थापित करें। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बनने से पहले से ही पनामा को चीन से एक दूरी बनाए रखने के लिए सचेत कर रहे हैं वह बार-बार पनामा नहर को अपने अधिकार में लेने की घोषणा कर रहे हैं। हाल ही में दिए एक भाषण में ट्रंप ने कहा था की पनामा अमेरिकी जहाजों पर बहुत टैक्स लगा रहा है और इसका सारा फायदा चीन के पास जा रहा है। हमने यह नहर चीन के लिए नहीं बल्कि अमेरिका के लिए बनाई थी। अब हम इसे गलत हाथों में जाने नहीं देना चाहते। अगर पनामा इस मामले में कुछ नहीं करता तो अमेरिका पनामा नहर पर अपना कब्जा कर लेगा। पनामा ने अमेरिका की धमकी का जवाब दिया था।
क्या कहा था पनामा ने अमेरिका की धमकी के जवाब में
पनामा ने कहा था कि पनामा नहर पनामा के ही अस्तित्व में है। पनामा नहर पर पनामा का स्वामित्व है। चीन का इस पर कोई अधिकार नहीं है। पनामा ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था की पनामा चीन के साथ अब आगे बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट का हिस्सा नहीं होगा। पनामा के राष्ट्रपति ने कहा कि पनामा अब इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट सहित नए प्रोजेक्ट्स पर अमेरिका के साथ मिलकर काम करेगा। पनामा के राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी सरकार पनामा पोर्टस कंपनी का ऑडिट करेगी। यह कंपनी पनामा नहर के दो बंदरगाहों को ऑपरेट करने वाली चीन की कंपनी के साथ जुड़ी हुई है। पनामा के राष्ट्रपति ने कहा कि हम इस ऑडिट के खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं।