निशुल्क कैंसर वैक्सीन बर्ड फ्लू जिस एवियन फ्लू भी कहा जाता है इसके मामले हाल ही में काफी बढ़ गए हैं। इन मामलों में वायरस के नए म्यूटेशन का पता चला है जिसके कारण वैज्ञानिक चिंतित है। वायरस में देखा गया नये म्यूटेशन वाला यह वायरस अमेरिका वाले वेरिएंट से काफी अलग है।
वैज्ञानिक क्यों है चिंतित इस नए वेरिएंट से
वैज्ञानिक इस नए म्यूटेशन के वेरिएंट वाले वायरस से इसलिए चिंतित है क्योंकि उन्हें लगता है कि यह एक महामारी का रूप ले सकता है। अमेरिका में गायों में इस वेरिएंट के होने की खबर मिली है। अभी तक माना जा रहा था कि बर्ड फ्लू से सिर्फ पक्षी ही बीमार हो रहे हैं लेकिन अब जानवरों के भी इस वेरिएंट का शिकार होने की खबर मिल रही हैं। जानवरों के साथ-साथ मनुष्यों में भी इस वेरिएंट से संक्रमित होने की खबर आ रही है। माना जा रहा है कि कुछ मौतें भी इस वेरिएंट के कारण हो चुकी है।
महाराष्ट्र में आए बर्ड र्फ्लू के मामले
बर्ड फ्लू का यह संक्रमण दिसंबर जनवरी से फैलना शुरू हुआ है। सबसे पहले यह मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कुछ गांवों में देखा गया। महाराष्ट्र के लातूर में एक पोएट्री फॉर्म में 4200 चूजों की और 60 से अधिक कौवों की मौत इस संक्रमण के कारण हुई है। अधिकारियों ने बताया कि कुछ गांवों में भी बड़ी संख्या में पक्षियों की मौत हुई है। सैंपल टेस्टिंग के दौरान हुए नतीजे से पता चला है कि ये पक्षी h5n1 से संक्रमित थे।
आइसीएमआर बनाने में जुटा है वैक्सीन
भारतीय चिकित्सा अनुसंधानपरिषद आईसीएमआर की टीम एक स्वदेशी वैक्सीन बनाने पर काम कर रही है। आईसीएमआर ने अन्य कंपनियों से भी सहयोग की अपील की है। एजेंसी ने बताया की पुणे स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ वायरोलॉजी में इस वायरस के स्ट्रेन उपलब्ध हैं। अब ईएमसीआर अन्य कंपनियों के साथ मिलकर इस वैक्सीन को बनाने में जुटा हुआ है। वैज्ञानिकों ने मुर्ग़ी के भूर्ण युक्त अंडे से वायरस निकालकर ये वैक्सीन बनाई है। संक्रमित अंडों और पक्षियों को वैज्ञानिक तरीके से नष्ट किया जा रहा है।
बर्ड फ्लू के लक्षण
- *रोगी को 100 डिग्री से अधिक बुखार हमेशा रहता है।
- *गले में खराश खांसी और दर्द की समस्या रहती है।
- *सिर और मांसपेशियों में दर्द आंखों में लालिमा।
- *लगातार नाक बहना, पीला कफ आना।
- *हमेशा थकान रहना।
- *सांस लेने में कठिनाई होना, पेट में दर्द होना, दस्त होना।
- *फेफड़ों में पानी भरना, फेफड़ों में संक्रमण होना।
- *निमोनिया की समस्या होना।
- * मस्तिष्क में सूजन होना। *दिमाग की नसों का कमजोर होना।
- जीविका फाउंडेशन और टेक फर्म टेकियन के सहयोग से
- बेंगलुरु ने निशुल्क एचपीवी टीकाकरण अभियान किया शुरू
- बैंगलुरू में लड़कियों को निःशुल्क कैंसर वैक्सीन लगाने के लिए यह अभियान शुरू किया था गया था।
यह अभियान सर्वाइकल कैंसर को रोकने के लिए चलाया गया था। इस समय भारत में महिलाओ में सर्वाइकल कैंसर काफी तेजी से फ़ैल रहा है। सर्वाइकल कैंसर के उच्च प्रसार को कम करने के लिए यह अभियान शुरू किया गया था। इस अभियान में एच पी वी वैक्सीन के बारे में जागरूकता फैलाने का काम किया गया। इस अभियान में लड़कियों को मुफ्त में वैक्सीन लगाई गई।
यह वैक्सीन नौ से चौदह वर्ष की आयु वर्ग की लड़कीयों के अधिक कारगर है। इस अभियान का उद्घाटन राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता श्रुति हरिहरन और प्रसिद्ध स्त्री विशेशज्ञ और पद्मिनी प्रसाद ने किया। यह वैक्सीन वायरस के संपर्क में आने से पहले दिया जाता है।
आइएमसीआर ने बनाई स्वदेशी डैंगू वैक्सीन
आइएमसीआर और पेनेसिया बायोटेक ने मिलकर एक स्वदेशी डैंगू वैक्सीन बनाई है। इस वैक्सीन को बनाकर आइएमसीआर ने भारत को वैश्विक स्तर पर पहुंचा दिया है। यह टीका भारत के 18 राज्यों में और 19 केंद्र शासित प्रदेशों में लगाया जा रहा है।