पिछले कुछ समय से शेयर बाजार काफी नीचे जा रहा था। कल भारतीय शेयर बाजार तेजी के साथ बंद हुआ यह आरबीआई की प्लानिंग के कारण हो पाया है। आरबीआई ने बैंकिंग सिस्टम में नीतिगत ब्याज दरों में कटौती करने की संभावना दिखाई है आरबीआई ने बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए कुछ उपाय भी सुझाए हैं तो आईए जानते हैं क्या है आरबीआई की प्लानिंग
कल का सेंसेक्स कैसा रहा
कल निफ्टी 50.056 प्रतिशत बढ़कर 22, 957.25 पर पहुंच गया। कल बीएसई सेंसेक्स 0.71% बढ़कर 75 901.41 पर रहा। कल फाइनेंस सेक्टर के शहरों में 1.9 प्रतिशत और बैंकिंग शेयरों में 1.7% की वृद्धि देखी गई।
लिक्विडिटी बढ़ाने के क्या उपाय अपना रहा है आरबीआई
आरबीआई लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए बांड खरीदने और डॉलर व रूपए ₹ स्वैप करने की सोच रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों मुद्राओं को एक निश्चित समय के लिए एक्सचेंज किया जाए ताकि मुद्रा विनिमय और ब्याज दर में उतार-चढ़ाव से बचा जा सके। यह मुद्रा विनिमय एक निश्चित अवधि जैसे 3 महीने, 1 साल के लिए करना होगा। इस अवधि के दौरान भारत को डॉलर का उपयोग करने पर एक तय
ब्याज दर चुकानी होगी। लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए आरबीआई फरवरी में ब्याज दरों में कटौती भी कर सकता है। लिक्विडिटी बढ़ाने से बैंकों को क्रेडिट ग्रोथ और रेवेन्यू बढ़ाने में मदद मिलेगी ऐसे बैंक जिनको लिक्विडिटी की समस्या थी उन्हें इससे बहुत फायदा होगा।
किस क्षेत्र को मिलने वाला है सबसे ज्यादा फायदा
बाजार की स्थिति और आरबीआई का समर्थन देखते हुए लग रहा है कि बैंकों के शेयरों में उछाल आने वाला है। एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक में 2.5% और 3.8% की वृद्धि देखी गई। बजाज फाइनेंस और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज में 4.3% और 3.7 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।एल आई सी हाउसिंग फाइनेंस में 1.3% की तेजी देखी गई। विशेषज्ञों का कहना है कि आरबीआई के इस फैसले से बैंक सेक्टर को सबसे अधिक फायदा होगा। आरबीआई के इस फैसले से ऑटो रियल्टी स्टॉक पर भी असर दिखा ऑटो क्षेत्र में 1.3% की और रियल्टी स्टॉक पर 2.2% की तेजी देखी गई।
क्यों है ऑटो सेक्टर इस समय दवाब में
ऑटो सेक्टर इस समय मंदी में चल रहा है क्योंकि विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से बड़ी मात्रा में धन निकाल लिया है जिससे बाजार पर दबाव बढ़ गया है। उच्च महंगाई दरों के कारण उपभोक्ताओं की वाहनों को खरीदने की चाहत में कमी आई है इस समय कोई त्यौहारी सीजन भी नहीं चल रहा है जिसके कारण वाहनों की सेल में गिरावट आ रही है।
बैंकिंग क्षेत्र में दबाव क्यों है
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नकद आरक्षित अनुपात सीआरआर में 50 बेसिक प्वाइंट की कटौती की गई है। कुछ सरकारी बैंकों में जमा में वृद्धि भी हुई है लेकिन इसके बावजूद शेयरों में गिरावट आ रही है यह निवेशको की बदलती धारणा का प्रतीक है। निवेशक अब अपना धन बैंकों में रखने में कम इंटरेस्टेड है। इन कारणों से बैंकिंग सेक्टर में दवाब देखा जा रहा है।
फार्मा कंपनियों में गिरावट क्यों आई है
अमेरिका ने विदेशी सहायता पर रोक लगा दी है जिससे दवा निर्माताओं पर बुरा असर पड़ा है।जं एड्स जैसी बीमारी के दवा निर्माताओं पर इसका सबसे बड़ा असर पड़ा है। फार्मा कंपनियों के शेयर स्मॉल कैप और मिडकैप कमजोर तिमाही नतीजे और महंगी वैल्यूएशन के कारण 1.8 और 0.5% की गिरावट के साथ कमजोर होते देखे जा रहे हैं।
आरबीआई करने वाला है ब्याज दरों में कटौती
आरबीआई ने फरवरी 2023 से ब्याज दरों को 6.5% पर रखा है पहले 2020 में ब्याज दरों में कटौती की गई थी। जिन्हें बाद में 6.5 कर दिया गया था जिसके कारण बैंक के लोन भी महंगे हुए हैं। लेकिन अब स्थितियों को देखते हुए लग रहा है कि आरबीआई ब्याज दरों में कटौती करेगा लेकिन यह कटौती ज्यादा नहीं होगी।