Sunday, February 2, 2025
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वॉन का चौंकाने वाला यू-टर्न, भारत के विवादित कनकशन सब्स्टीट्यूट पर सोशल मीडिया में मचा बवाल

माइकल वॉन, जिन्होंने पहले इस फैसले की आलोचना की थी, बाद में मान गए कि इंग्लैंड भी भारत की तरह ही कनकशन सब्स्टीट्यूट का फायदा उठाता।

पुणे में खेले गए टी20 सीरीज के निर्णायक मुकाबले में भारत ने 15 रनों से इंग्लैंड को हराया, लेकिन यह मैच रोमांचक मुकाबले से ज्यादा एक विवादास्पद फैसले के लिए याद रखा जाएगा। भारत द्वारा बल्लेबाज शिवम दुबे की जगह तेज गेंदबाज हर्षित राणा को कनकशन सब्स्टीट्यूट के रूप में उतारने के फैसले ने इंग्लिश टीम और क्रिकेट विशेषज्ञों को हैरान कर दिया।

‘लाइक-फॉर-लाइक’ नियम पर इंग्लैंड का असंतोष

यह विवाद तब शुरू हुआ जब पारी के आखिरी ओवर में, अर्धशतक (53 रन) बना चुके शिवम दुबे को जेमी ओवरटन की बाउंसर ने हेलमेट पर जा लगी। फिजियो ने ऑन-फील्ड चेकअप किया और उन्हें अगली गेंद खेलने के लिए फिट घोषित कर दिया। लेकिन बाद में भारत को हर्षित राणा को कनकशन रिप्लेसमेंट के रूप में शामिल करने की अनुमति मिल गई। इस फैसले ने इंग्लैंड के रन चेज के दौरान बड़ा अंतर पैदा कर दिया।

इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने इस फैसले पर नाराजगी जताई, क्योंकि दुबे एक बल्लेबाज हैं जो कभी-कभी गेंदबाजी करते हैं, जबकि राणा एक विशेषज्ञ तेज गेंदबाज हैं जो 90 मील प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी कर सकते हैं। आईसीसी के नियमों के मुताबिक, कनकशन सब्स्टीट्यूट को “लाइक-फॉर-लाइक” होना चाहिए, और इंग्लैंड को लगा कि इस नियम को तोड़ा गया है।

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा,
“कैसे एक विशेषज्ञ गेंदबाज, एक बल्लेबाज के बदले टीम में आ सकता है, जो कभी-कभी गेंदबाजी करता है?”

वॉन का बदला हुआ रुख

हालांकि, मैच खत्म होने के बाद वॉन का नजरिया अचानक बदल गया। उन्होंने स्वीकार किया कि अगर इंग्लैंड इसी स्थिति में होता, तो शायद वही करता जो भारत ने किया।

“मुझे यह समझ नहीं आता कि कैसे हर्षित राणा, शिवम दुबे के ‘लाइक-फॉर-लाइक’ रिप्लेसमेंट हो सकते हैं? एक पूर्ण गेंदबाज को एक पार्ट-टाइम गेंदबाज बल्लेबाज के स्थान पर लाना अजीब है। लेकिन, सच्चाई यह है कि अगर इंग्लैंड को यह विकल्प मिलता, तो वे भी यही करते। फिर भी, कोई यह नहीं कह सकता कि हर्षित और दुबे समान खिलाड़ी हैं,” वॉन ने कहा।

बटलर ने जताई आपत्ति

इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर ने भी इस फैसले पर नाखुशी जताई और इसे अनुचित बताया।

“हम कनकशन सब्स्टीट्यूट के इस फैसले से सहमत नहीं हैं। यह ‘लाइक-फॉर-लाइक’ रिप्लेसमेंट नहीं था,” बटलर ने पोस्ट-मैच प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा।

हर्षित राणा ने अपने प्रदर्शन से भारत की जीत में बड़ी भूमिका निभाई। उन्होंने तीन अहम विकेट झटके, जिसमें लियाम लिविंगस्टोन का विकेट भी शामिल था। इस फैसले से नाखुश बटलर ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा,
“या तो शिवम दुबे की गेंदबाजी अचानक 90 मील प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ चुकी है, या फिर हर्षित राणा की बल्लेबाजी में जबरदस्त सुधार आ गया है।”

हालांकि इंग्लैंड इस फैसले से नाखुश था, लेकिन तकनीकी रूप से आईसीसी के नियमों का पालन किया गया था। यह मामला क्रिकेट के आधुनिक नियमों की जटिलताओं को एक बार फिर उजागर करता है और इस पर बहस शायद जल्द खत्म नहीं होगी।

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