राष्ट्रपति पर टिप्पणी को लेकर विवाद, प्रियंका गांधी ने दी सफाई
नई दिल्ली:
संसद में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के बाद कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की एक टिप्पणी विवाद का कारण बन गई। इस मुद्दे पर उठे बवाल के बीच प्रियंका गांधी ने अपनी माँ का बचाव करते हुए कहा कि उनकी बातों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।
वीडियो क्लिप से उपजा विवाद
इस पूरे विवाद की जड़ एक वीडियो क्लिप है, जिसमें सोनिया गांधी अपने बच्चों राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ अनौपचारिक बातचीत कर रही थीं। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति मुर्मू के भाषण के दौरान उनकी थकान पर टिप्पणी की।
“बेचारी राष्ट्रपति, भाषण के अंत तक बहुत थक गई थीं… वो मुश्किल से बोल पा रही थीं, बेचारी,” सोनिया गांधी के इस कथन को बीजेपी नेताओं ने अपमानजनक बताते हुए विवाद खड़ा कर दिया।
प्रियंका गांधी का पलटवार
प्रियंका गांधी ने सोनिया गांधी की टिप्पणी पर सफाई देते हुए कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की दुर्भावना नहीं थी।
“मेरी माँ 78 वर्ष की हैं। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि ‘राष्ट्रपति ने इतना लंबा भाषण दिया होगा, तो वे थक गई होंगी, बेचारी’। वे भारत के राष्ट्रपति का पूरा सम्मान करती हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि मीडिया इस तरह की बातों को तोड़-मरोड़कर पेश करता है। दोनों (सोनिया गांधी और राष्ट्रपति मुर्मू) सम्मानित और हमसे वरिष्ठ हैं। इसमें किसी तरह की कोई अनादर की भावना नहीं थी। बीजेपी को पहले अपने नेताओं से माफी मांगनी चाहिए,” प्रियंका गांधी ने कहा।
राष्ट्रपति भवन की प्रतिक्रिया
राष्ट्रपति कार्यालय ने इस बयान को लेकर कड़ी आपत्ति जताई और इसे अस्वीकार्य बताते हुए कहा कि इससे संवैधानिक पद की गरिमा को ठेस पहुंची है।
“राष्ट्रपति किसी भी समय थकी नहीं थीं। वास्तव में, वह वंचित वर्गों, महिलाओं और किसानों के अधिकारों के लिए बोलने में विश्वास रखती हैं। उनके लिए यह कभी थकान का कारण नहीं हो सकता,” राष्ट्रपति भवन के बयान में कहा गया।
इस बयान में यह भी संकेत दिया गया कि कांग्रेस नेताओं को हिंदी की सामान्य कहावतों और अभिव्यक्तियों की सही समझ नहीं है, जिसके कारण यह गलतफहमी उत्पन्न हुई।
बीजेपी ने की माफी की मांग
बीजेपी ने सोनिया गांधी की टिप्पणी की कड़ी आलोचना की और इसे भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति का अपमान करार दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा,
“कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का अहंकार साफ दिखता है। दिल्ली पर मालिकाना हक जताने वाली AAP और कांग्रेस की राजशाही मानसिकता आज सामने आ गई। सोनिया गांधी का बयान पूरी तरह से अनुचित है। उन्होंने राष्ट्रपति को ‘बेचारी’ कहकर न केवल उनका बल्कि गरीब और आदिवासी समुदायों का भी अपमान किया है।”
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी सोनिया गांधी के बयान की निंदा करते हुए निर्विवाद माफी की मांग की।
“यह कोई अकेली घटना नहीं है। जब राष्ट्रपति सरकार की उपलब्धियां गिना रही थीं, तब विपक्ष अपने राजसी मानसिकता से उन्हें नीचा दिखाने में व्यस्त था। यह प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हुए पिछड़े वर्गों और महिलाओं के सशक्तिकरण का अपमान है,” नड्डा ने कहा।
केंद्रीय मंत्रियों की तीखी प्रतिक्रिया
केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा,
“हमारी राष्ट्रपति, जो एक आदिवासी महिला हैं, कमजोर नहीं हैं। द्रौपदी मुर्मू ने देश और समाज के लिए जो योगदान दिया है, वह कांग्रेस नेताओं की कल्पना से भी परे है। उन्हें उनके इस अपमान के लिए माफी मांगनी चाहिए।”
वहीं, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस टिप्पणी को अभूतपूर्व अपमान करार दिया और कांग्रेस को कठघरे में खड़ा किया।
निष्कर्ष
यह विवाद सोनिया गांधी की साधारण टिप्पणी से शुरू हुआ, जिसे राजनीतिक रंग दे दिया गया। कांग्रेस जहां इसे गलत व्याख्या बता रही है, वहीं बीजेपी इसे आदिवासी समुदाय और राष्ट्रपति का अपमान मान रही है। अब देखना होगा कि कांग्रेस इस पर आगे क्या रुख अपनाती है और क्या सोनिया गांधी माफी मांगेंगी या नहीं।