सैमको सिक्योरिटीज के अपूर्व सेठ ने बजट 2025 से पहले निफ़्टी फिफ्टी के रुझानों पर चर्चा की जिसमें उन्होंने फार्मा और लार्ज कैप जैसे दूरंगामी क्षेत्रों का पक्ष लिया। अपूर्व सेठ ने होने वाले राजकोषीय घाटे की चुनौतियों की तरफ ध्यान आकर्षित किया। अपूर्व सेठ ने डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा अमेरिका के राष्ट्रपति बनने से विश्व में आए भू राजनीतिक परिवर्तनों के बीच उम्मीद जताई है की बजट के बाद बाजार में सकारात्मक परिवर्तन होंगे। अपूर्व सेठ सैमको सिक्योरिटीज में मार्केट पर्सपेक्टिव एंड रिसर्च हेड हैं।
अपूर्व सेठ ने कहा हमें फार्मा और एफएमसीजी जैसे रक्षात्मक शेयर पसंद है
अपूर्व सेठ ने कहा की गिरावट के दौर में अच्छा प्रदर्शन करने वाले फार्मा और एफएमसीजी शेयर सब की पसंद होने चाहिए। उनके अनुसार लार्ज कैप शेयर्स को खरीदना भी फायदेमंद होता है। लार्ज कैप शेयर्स ने लंबे समय तक स्मॉल कैप से कम प्रदर्शन किया है और ऐसा लगता है की लार्ज कैप शेयर्स के आगे बढ़ने की संभावनाएं अधिक है। निवेशकों को भी सोच समझकर ही इस समय निवेश करना चाहिए। उन्होंने निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में सोना चांदी खरीदने की सलाह दी।
अपूर्व सेठ के अनुसार क्या स्थिति है इस समय दलाल स्ट्रीट की
अपूर्व सेठ ने कहा की दलाल स्ट्रीट में अभी तक बजट से पहले की तेजी देखने को नहीं मिली है। हो सकता है की बजट के बाद तेजी देखने को मिल जाए। इस बार बजट से एक सप्ताह पहले मंदी रही है। बजट से एक सप्ताह पहले निफ्टी का औसत रिटर्न 2010 से 0.46 प्रतिशत रहा है। बजट के 1 हफ्ते बाद निफ्टी 50 का रिटर्न आम तौर पर 1.35% पर सकारात्मक रहा। हाल ही में जो गिरावट आ रही है ऐसे में उम्मीद की जा रही है की संशय की स्थिति दूर होने पर बाजार में तेजी आएगी।
अपूर्व सेठ के अनुसार वित्त वर्ष 2026 में कितना होगा राजकोषीय घाटा
अपूर्व सेठ ने कहा की देखते हैं भारत सरकार वित्त वर्ष 26 में कितना राजकोषीय घाट रख पाती है। क्या वित्त वर्ष 26 में राजकोषीय घाटे को 4.5% पर सीमित रख पाएगी सरकार। 2025 के लिए सरकार का राजकोषीय घाटे का अनुमान 4.9% था। अब ऐसा लग रहा है कि सरकार खुद को इस लक्ष्य के भीतर सीमित रखना चाहेगी। वित्त वर्ष 2026 के लिए सरकार ने घाटे को 4.5% तक कम करने का लक्ष्य रखा था। लेकिन विकास में मंदी और चुनाव जीतने के लिए फ्री में गिफ्ट बांटने की राजनीतिक मजबूरियों को देखते हुए यह थोड़ा चुनौती पूर्ण लग रहा है। ईश्वर का इस बात का धन्यवाद है कि 2025 में केवल बिहार में ही चुनाव होंगे इसलिए नई मुफ्त सुविधा बांटने का बोझ सरकार पर कम होगा। लेकिन घाटे में वृद्धि किए बिना मुफ्त सुविधा प्रदान करना एक कठिन कार्य होगा।
आगामी केंद्रीय बजट में किन बातों पर ध्यान होगा सरकार का
अपूर्व सेठ ने कहा की सरकार पूंजीगत व्यय पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगी। चालू वित्त वर्ष में किए गए 11.11 लाख करोड़ के पूंजीगत व्यय को वित्त वर्ष 26 के लिए कम से कम 12 लाख करोड़ या उससे अधिकतर बढ़ाएगी। इस बजट में बुनियादी ढांचे, रेलवे, रक्षा जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित किए जाने की संभावना है।
डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा सत्ता संभालने से क्या बदलाव आ सकते हैं विश्व की राजनीतिक आर्थिक व्यवस्था में
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कार्यभार संभालते हुए अभी 1 महीने से भी कम का समय हुआ है लेकिन उन्होंने 50 कार्यकारी निर्णयों की घोषणा कर दी है। मुख्यतः अमेरिकी फेडरल रिजर्व से बाजार नियंत्रित होता है लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप अमेरिकी फैट को अनुमान लगाने पर मजबूर कर रहे हैं। इस प्रक्रिया में अमेरिकी फेड ने दरों को अपरिवर्तित रखा है। ब्याज दरों के मुद्दे पर भी कोई निर्णय लेने से पहले अगली तिमाही में नई व्यवस्था में चीजों को देखने का फैसला किया है। डोनाल्ड ट्रंप का सबसे बड़ा चुनावी वादा था 2 साल पुरानी नीति को खत्म करने का।