2023 में हुए ब्रिक्स सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि हमें ब्रिक्स देशों को अपनी राष्ट्रीय मुद्राओं का विस्तार करना चाहिए और बैंकों में आपसी सहयोग बढ़ाना चाहिए | दरअसल ब्रिक्स देश अमेरिका पर निर्भरता कम करना चाहते हैं। इसलिए वह डॉलर पर अपनी निर्भरता कम करना चाहते हैं। डॉलर पर अपनी निर्भरता काम करने के लिए ब्रिक्स देश एक नई मुद्रा बनाने की सोच रहे हैं जिसके कारण अमेरिकी सरकार संशय में आ गई है।
इस पर डोनाल्ड ट्रंप नाराज नजर आए हैं । आईए जानते हैं क्या कहना है डोनाल्ड ट्रंप का इस विषय में।
डोनाल्ड ट्रंप ने दी ब्रिक्स देशों को चेतावनी
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह कोई नई ब्रिक्स करेंसी न बनाएं और न हीं अमेरिकी डॉलर के बदले किसी अन्य करेंसी को समर्थन दे। अगर ब्रिक्स देश ऐसा करते हैं तो अमेरिकी दरवाजे उनके व्यापार के लिए बंद हो जाएंगे। वह अपने लिए कोई अन्य बेवकूफ बेस्ट ढूंढ ले। ट्रंप ने कहा कि ऐसी कोई संभावना नहीं कि ब्रिक्स करेंसी इंटरनेशनल मार्केट में या कहीं और अमेरिकी डॉलर की जगह ले पाएगी।
अगर कोई भी देश ऐसा करता है तो वह हंड्रेड परसेंट टैरीफ झेलने के लिए तैयार रहे। वह तैयार रहे अमेरिका को अलविदा कहने के लिए।
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका मजबूत है और वह ब्रिक्स देशों पर प्रभाव बनाए रखेगा।
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका मजबूत स्थिति में है और ब्रिक्स देशों पर अपना प्रभाव बनाए रखेगा। डोनाल्ड ट्रंप ने ऐसा पूर्व राष्ट्रपति जो बिडेन के बयान के विषय में बोलते हुए कहा।
डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को दी 100% टैरिफ की चेतावनी
डोनॉल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देश को चेतावनी दी की अगर ब्रिक्स देश कोई नई करेंसी लांच करते हैं तो उन्हें 100% टैरिफ का सामना करना पड़ेगा। ब्रिक्स देशों को हंड्रेड परसेंट टैरिफ के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा की इन देशों ने अगर डॉलर का विकल्प ढूंढने की कोशिश की तो उन्हें अमेरिका में अपना सामान बेचने की इजाजत नहीं होगी।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में क्या कहा था रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 2023 में हुए ब्रिक्स देशों के सम्मेलन में कहा था कि हमें अपनी राष्ट्रीय मुद्रा का विस्तार करना चाहिए और हमें ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग बढ़ाना चाहिए। ब्रिक्स देशों
की बैठक जून 2024 में रूस के निजनी नोवगोरोड में हुई थी। वहां उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देशों के बीच द्विपक्षीय और बहु पक्षीय व्यापार होना चाहिए पुतिन ने वित्तीय लेन-देन में स्थानीय करेंसी के उपयोग पर बल दिया था।
डोनाल्ड ट्रंप ने दिया सोशल मीडिया पर बयान
डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि ब्रिक्स देश अगर डॉलर से दूर जाने की कोशिश करेंगे और हम सिर्फ खड़े होकर देखते रहेंगे तो ऐसा नहीं होगा वह समय खत्म हो चुका है हमें इन देशों से यह आश्वासन चाहिए की वह कोई नई करेंसी नहीं बनाएंगे और न हीं अमेरिकी डॉलर की जगह किसी और दूसरी करेंसी का समर्थन करेंगे। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें हंड्रेड परसेंट टैरिफ का सामना करना पड़ेगा। वो अमेरिकी अर्थव्यवस्था में कुछ भी नहीं बेच पाएंगे। डोनाल्ड कंपनी कहा की ऐसा नहीं हो सकता कि ब्रिक्स देश अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में या कहीं और अमेरिकी डॉलर की जगह किसी और मुद्रा का प्रयोग करें और जो भी देश ऐसा करना चाहेगा उसे टैरिफ का स्वागत और अमेरिका को अलविदा करने के लिए तैयार रहना होगा
कौन-कौन से देश ब्रिक्स में शामिल है
ब्रिक्स समूह में भारत, चीन, ब्राजील, रूस, दक्षिण अफ्रीका, मिश्र, इथोपिया, यूएई, ईरान शामिल है ब्रिक्स समूह ने कुछ मौकों पर अमेरिका का विकल्प ढूंढने की बात की है। जिसके कारण अमेरिका नाराज है और खुले तौर पर कह चुका है कि अमेरिकी डॉलर की खिलाफ कोई साजिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी। डोनाल्ड ट्रंप ने तो कई मौकों पर भारत और चीन का नाम लेकर अमेरिका की तरफ से 100% टैरिफ लगाने की बात की भी की है। ब्रिक्स समूह ने इस विषय में अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।