एलन मस्क ने डॉग कॉइन के संस्थापक बिली मार्क्स को नौकरी देने की पेशकश की। जिसे बिली मार्क्स ने अस्वीकार कर दिया है। एलॉन मस्क ने बिली को नव स्थापित सरकारी दक्षता विभाग DOGE में मार्क्स को नौकरी ऑफर की थी।
क्या था यह प्रस्ताव
मार्क्स ने एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हास्य पूर्ण व मनोरंजक तरीके से मजाकिया पोस्ट डाली थी। जिसमें उन्होंने अपने बेरोजगार होने का ज़िक्र किया था और लिखा था कि उन्हें मदद की आवश्यकता है। इस ट्वीट को उन्होंने बाद में हटा दिया था लेकिन उनकी इस ट्वीट की तरफ एलॉन मस्क का ध्यान आकर्षित हुआ और उन्होंने उन्हें एक ऐसा प्रस्ताव दे दिया जिसके विषय में कोई सोच भी नहीं सकता था । ऐलन मस्क ने कहा की मार्क्स संघीय पैरा स्टेटल के लिए एकदम सही है। अभी हाल ही में संघीय पैरा स्टेटल को उनके DOGE प्रमुख विवेक रामास्वामी ने छोड़ा है। यह प्रस्ताव निश्चित रूप से बहुत आश्चर्यजनक था और आकर्षक भी था लेकिन मार्क्स नए संगठन में शामिल होने के लिए निश्चित नहीं थे।ऐसे में मार्क्स को समर्थन मिल रहा है तो उनकी आलोचनाएं भी हो रही है तो आईए जानते हैं क्या कह रहे हैं उनके समर्थक और आलोचक बिली मार्क्स एलेन की टीम का हिस्सा क्यों नहीं बनना चाहते
बिली मार्क्स को नए प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने में झिझक महसूस हो रही थी। उन्होंने कहा कि इस टीम के लिए काम करना काफी महत्वपूर्ण है लेकिन अभी कुछ व्यक्तिगत कारणों से वो थोड़ा समय लेना चाहते हैं। हां कुछ समय बाद उस टीम का हिस्सा बनने के लिए जरूर उत्सुक हैं ।
क्या कह रहे हैं मार्क्स के प्रशंसक
मार्क्स के कुछ प्रशंसकों का कहना है कि उन्हें मजे के लिए नौकरी कर लेनी चाहिए। जबकि उनके कुछ प्रशंसकों का कहना है कि यह उनका सौभाग्य होता अगर वह DOGE में नौकरी कर लेते। उनके कुछ प्रशंसकों ने कहा कि अगर वह डॉग में नौकरी करते तो वह डॉग एजेंसी में अपना एक नया सकारात्मक दृष्टिकोण लाते जो कि दोनों पक्षों के लिए फायदे का सौदा होता।
क्या कह रहे हैं मार्क्स के आलोचक
मार्क्स के आलोचकों का कहना है कि इस भूमिका को अस्वीकार करके बिली मार्क्स ने अच्छा ही किया है। क्योंकि यह नौकरी बहुत मुश्किल है। मार्क्स के पास सरकारी एजेंसी के साथ काम करने का कोई अनुभव नहीं है। अभी तक मार्क्स ने कभी किसी सरकारी संस्था के साथ काम नहीं किया है।आलोचकों का कहना है कि इतनी मुश्किल नौकरी को देखते हुए मार्क्स का यह निर्णय व्यावहारिक दृष्टिकोण से सही है।
मार्क्स को है अपने डॉग काइन से प्यार
मार्क्स चाहे कितना भी डॉग के प्रति अपनी अरूचि दिखाएं लेकिन उन्हें डॉग कॉइन से प्यार है। उन्होंने निरंतर क्रिप्टोकरेंसी का समर्थन किया है।और उन्होंने ही क्रिप्टो करेंसी को व्यापक बना दिया है। डॉग कॉइन को इसका स्थान भी मार्क्स के कारण ही मिल पाया है। अब देखना है कि DOGE और मार्क्स का संबंध भविष्य में कैसा होने वाला है।
वही भारतीय मूल केअमेरिकी नागरिक विवेक रामास्वामी ने कहा की DOGE को लेकर उनकी और मस्क की एप्रोच काफी अलग है।
कौन है विवेक रामास्वामी विवेक रामास्वामी डोनाल्ड ट्रंप सरकार में सरकारी फिजूल खर्ची को रोकने के लिए बनाए गए डिपार्मेंट आफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी डॉग (DOGE) में काफी अच्छी पोजीशन पर थे। ऐसे में उनका डॉग से अलग होना चर्चा का विषय बना हुआ है।जब उनसे पूछा गया कि क्या वह एलन मस्क के कारण डॉग से अलग हुए हैं तो उन्होंने जवाब दियाकि उनकी और मस्क की एप्रोच काफी अलग थी लेकिन हमारे बीच कोई अनबन नहीं है। विवेक रामास्वामी ने एक इंटरव्यू में कहा कि टेक्नोलॉजी और डिजिटल अप्रोच के लिए रामास्वामी से बेहतर कोई नहीं लेकिन डॉग की अगुवाई के लिए एलन मस्क से बेहतर कोई नहीं हो सकता। विवेक रामास्वामी ने कहा कि हमारे काम करने का तरीका अलग है मैं संवैधानिक नियमों पर काम करना चाहता हूं और एलन मस्क पूरी तरह टेक्नोलॉजी पर फोकस्ड हैं।
डॉग (DOGE) है क्या
ट्रंप ने एक नया डिपार्टमेंट बनाया है डॉग। यह एक ऐसी संस्था है जो कि नौकरशाही पर लगाम लगाने के लिए बनाई गई है। जिससे कि सरकारी खर्चों में कटौती की जा सके|
क्या है डॉग कॉइन
डाग कॉइन एक पॉप्युलर क्रिप्टोकरेंसी है।साल 2013 में बनाया गया था। डॉग को बिली मार्क्स और जैक्सन पाॅलमर ने 2013 में लॉन्च किया था। इस करेंसी पर शिबा इनु डॉग की एक फोटो लगी है। डॉग कॉइन का निर्माण बिटकॉइन और दूसरी क्रिप्टो करेंसी का मजाक उड़ाने के लिए किया गया था। लेकिन 2021 में यह करंसी काफी चर्चा में आई। इसकी वजह भी एलॉन मस्क थे एलॉन मस्क ने डॉग कॉइन के बारे में ट्वीट करना शुरू किया। इसकी मीम्स वायरल होने लगे और लोगों का ध्यान डॉगी की तरफ खींचा।
डॉगकॉइन एक क्रिप्टो करंसी है जिसे यूं ही मजाक मजाक में बना लिया गया था।