Wednesday, January 22, 2025
Homeव्यवसाय और वित्तसेंसेक्स में 1,200 अंकों की भारी गिरावट: ₹7 लाख करोड़ के बाजार...

सेंसेक्स में 1,200 अंकों की भारी गिरावट: ₹7 लाख करोड़ के बाजार नुकसान के 5 प्रमुख कारण

भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट:

मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों ने जोरदार बिकवाली की, जिससे प्रमुख सूचकांकों में भारी गिरावट देखने को मिली। एनएसई निफ्टी 50 ने 291.70 अंकों (1.25%) की गिरावट के साथ 23,053.05 पर कारोबार समाप्त किया। वहीं, बीएसई सेंसेक्स 1,071.98 अंकों (1.39%) की बड़ी गिरावट के साथ 76,001.46 के स्तर पर बंद हुआ। यह गिरावट निवेशकों के विश्वास में आई कमजोरी और वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण आई।

व्यापक बाजार में व्यापक गिरावट:

न केवल प्रमुख सूचकांक बल्कि व्यापक बाजार भी इस बिकवाली से अछूते नहीं रहे। निफ्टी मिडकैप 100 ने सत्र 2.31% की गिरावट के साथ 53,834.95 पर समाप्त किया। छोटे और मझोले शेयरों में भी भारी नुकसान हुआ। इन शेयरों में खुदरा निवेशकों की अधिक हिस्सेदारी होती है, जो अक्सर बाजार की अस्थिरता का शिकार होते हैं।

क्षेत्रीय सूचकांकों का प्रदर्शन:

अलग-अलग सेक्टरों पर नजर डालें तो निफ्टी रियल्टी और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर सबसे ज्यादा दबाव में दिखे, जिनमें 4% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। बैंकिंग सेक्टर भी इस दबाव से अछूता नहीं रहा। बैंक निफ्टी ने 779.90 अंक (1.58%) की गिरावट के साथ 48,570.90 पर कारोबार समाप्त किया। इसके अलावा ऑटो, मेटल और फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर में भी निवेशकों ने भारी बिकवाली की।

बाजार में अस्थिरता का बढ़ना:

बाजार में अस्थिरता का सूचकांक इंडिया VIX 3.89% उछलकर 17.06 के स्तर पर पहुंच गया। यह बताता है कि निवेशकों के बीच डर और अनिश्चितता बढ़ रही है। जब भी VIX का स्तर बढ़ता है, यह आमतौर पर इस ओर संकेत करता है कि बाजार में भविष्य में और अधिक उतार-चढ़ाव हो सकता है।

प्रमुख हारने वाले स्टॉक्स:

निफ्टी 50 में ट्रेंट ने 6% की बड़ी गिरावट दर्ज की, जो कि सबसे बड़ा लूजर साबित हुआ। इसके अलावा एनटीपीसी में 3.44%, अदानी पोर्ट्स में 3.3%, आईसीआईसीआई बैंक में 2.8%, और अदानी एंटरप्राइजेज में 2.7% की गिरावट दर्ज की गई। इन स्टॉक्स में आई भारी गिरावट ने बाजार की धारणा को और कमजोर कर दिया।

प्रमुख बढ़ने वाले स्टॉक्स:

हालांकि, इस गिरावट के बीच कुछ स्टॉक्स ने मजबूती दिखाई। अपोलो हॉस्पिटल्स, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, बीपीसीएल, श्रीराम फाइनेंस, और जेएसडब्ल्यू स्टील निफ्टी 50 के प्रमुख गेनर्स रहे। इन कंपनियों ने विपरीत परिस्थितियों में भी सकारात्मक प्रदर्शन किया, जिससे यह संकेत मिलता है कि कुछ सेक्टरों में अभी भी स्थिरता बनी हुई है।

निवेशकों की संपत्ति पर असर:

इस बिकवाली का सबसे बड़ा असर निवेशकों की संपत्ति पर पड़ा। केवल एक दिन में ₹7 लाख करोड़ की संपत्ति बाजार से साफ हो गई। बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण ₹431.6 लाख करोड़ से घटकर ₹424.3 लाख करोड़ पर आ गया। यह गिरावट निवेशकों के लिए बड़ी चिंता का कारण बनी हुई है।

गिरावट के पीछे के कारण:

  1. वैश्विक अनिश्चितताएं: अमेरिका और अन्य देशों के बीच व्यापारिक नीतियों में तनाव ने निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया।
  2. विदेशी निवेशकों की बिकवाली: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने भारतीय बाजार से लगातार पैसा निकाला है।
  3. मुनाफाखोरी: कमजोर तिमाही नतीजों और ऊंचे मूल्यांकन के चलते निवेशकों ने मुनाफा बुक करना शुरू कर दिया।
  4. अस्थिर आर्थिक स्थिति: भारतीय अर्थव्यवस्था में मांग की कमी और निजी निवेश में कमी बाजार पर दबाव डाल रही है।
  5. आगामी बजट को लेकर सतर्कता: निवेशक केंद्रीय बजट 2025 से पहले सतर्क हैं, क्योंकि बजट में सरकार की नीतियां बाजार की दिशा तय कर सकती हैं।

निवेशकों के लिए सलाह:

इस समय बाजार में उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि निवेशकों को अपने निवेश को लंबी अवधि के नजरिए से देखना चाहिए। साथ ही, पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखना जरूरी है ताकि जोखिम कम किया जा सके।

ABHISHEK KUMAR ABHAY
ABHISHEK KUMAR ABHAY
I’m Abhishek Kumar Abhay, a dedicated writer specializing in entertainment, national news, and global issues, with a keen focus on international relations and economic trends. Through my in-depth articles, I provide readers with sharp insights and current developments, delivering clarity and perspective on today’s most pressing topics.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments