मार्क ज़ुकरबर्ग के बयान पर विवाद और मेटा की माफी का पूरा विवरण 5 बिंदुओं में:
जनवरी 15 को, भारतीय संसद की स्थायी समिति की ‘समन’ चेतावनी के दो दिन बाद, मेटा इंडिया ने अपने सीईओ मार्क ज़ुकरबर्ग के उस बयान पर माफी मांगी, जिसमें उन्होंने कहा था कि कोविड-19 महामारी से जुड़े मुद्दों के कारण 2024 के लोकसभा चुनाव में भारत की सत्ताधारी सरकार हार गई।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस बयान को झूठा करार दिया। मेटा इंडिया द्वारा माफी जारी किए जाने के बाद मामला “समाप्त” घोषित कर दिया गया। आइए, जानते हैं इस विवाद की पूरी कहानी:
1. मार्क ज़ुकरबर्ग ने क्या कहा था?
जो रोगन के पॉडकास्ट पर बोलते हुए, मार्क ज़ुकरबर्ग ने कहा था कि 2024 विश्वभर में एक महत्वपूर्ण चुनावी वर्ष था और भारत जैसे कई देशों में सत्ताधारी दल चुनाव हार गए।
उन्होंने कहा, “2024 वैश्विक चुनावी वर्ष था। भारत जैसे देशों में चुनाव हुए और सभी सत्ताधारी दल हार गए। यह एक प्रकार की वैश्विक घटना है – चाहे वह महंगाई के कारण हो, कोविड से निपटने की आर्थिक नीतियों के कारण हो या सरकारों द्वारा महामारी के प्रबंधन के कारण। इसका प्रभाव वैश्विक रूप से देखा गया।”
2. अश्विनी वैष्णव ने कैसे खंडन किया?
13 जनवरी को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मार्क ज़ुकरबर्ग के बयान को सख्ती से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “यह निराशाजनक है कि स्वयं श्री ज़ुकरबर्ग से गलत जानकारी देखने को मिली। हमें तथ्यों और विश्वसनीयता को बनाए रखना चाहिए।”
वैष्णव ने उनके दावे को “भ्रामक” और “तथ्यों से परे” बताया।
3. संसदीय समिति द्वारा मेटा को समन की चेतावनी
इस बयान के बाद, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे, जो संचार और सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं, ने मेटा इंडिया को समन भेजने की घोषणा की।
उन्होंने कहा, “मेरी समिति मेटा को इस गलत जानकारी के लिए बुलाएगी। किसी भी लोकतांत्रिक देश के बारे में झूठी जानकारी उसकी छवि खराब करती है। मेटा को भारतीय संसद और यहां के लोगों से माफी मांगनी होगी।”
#WATCH | Delhi: Chairperson, Parliamentary Committee on Communications and Information Technology and BJP MP Nishikant Dubey says “We have decided that we will summon the people of Meta…The CEO of Meta, Mark Zuckerberg has given a statement and shown that after COVID-19, an… pic.twitter.com/4YMLvdgQqQ
— ANI (@ANI) January 14, 2025
4. मेटा इंडिया की माफी: क्या कहा गया?
समन की चेतावनी के बाद, मेटा इंडिया ने 15 जनवरी को अपने सीईओ के बयान के लिए माफी मांगी और इसे एक “अनजाने में हुई त्रुटि” बताया।
मेटा इंडिया के उपाध्यक्ष शिवनाथ ठुकराल ने X (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, “आदरणीय मंत्री @AshwiniVaishnaw जी, मार्क का यह कहना कि 2024 के चुनावों में कई सत्ताधारी दल पुन: निर्वाचित नहीं हुए, कई देशों के लिए सत्य है, लेकिन भारत के लिए नहीं।”
उन्होंने आगे लिखा, “हम इस अनजाने में हुई त्रुटि के लिए माफी मांगते हैं। भारत हमारे लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण देश है, और हम इसके नवाचार के भविष्य में अपनी भूमिका निभाने के लिए तत्पर हैं।”
5. भाजपा ने माफी को ‘जीत’ बताया, विवाद समाप्त
मेटा की माफी के बाद, निशिकांत दुबे ने कहा कि मेटा इंडिया द्वारा आधिकारिक माफी जारी किए जाने के बाद यह मामला “समाप्त” हो गया है।
उन्होंने कहा, “मेटा इंडिया के अधिकारी ने अंततः इस गलती के लिए माफी मांगी। यह भारत के सामान्य नागरिकों की जीत है।”
निष्कर्ष:
यह प्रकरण दिखाता है कि कैसे तथ्यात्मक सटीकता और सार्वजनिक बयानों की जिम्मेदारी बड़े संगठनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। मेटा इंडिया की माफी ने इस मुद्दे को शांत कर दिया, लेकिन यह घटना एक महत्वपूर्ण सबक भी छोड़ती है।