ऋषभ पंत ने रणजी ट्रॉफी में भाग लेने की पुष्टि कर दी है, लेकिन विराट कोहली की चुप्पी ने सभी का ध्यान खींचा है। दिल्ली और डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) ने कोहली से घरेलू क्रिकेट में हिस्सा लेने का आग्रह किया है।
23 जनवरी से सौराष्ट्र के खिलाफ होने वाले दिल्ली के रणजी ट्रॉफी मैच में विराट कोहली की भागीदारी अभी भी सवालों के घेरे में है। ऋषभ पंत, जो दिल्ली के लिए खेलते हैं, ने अपनी उपलब्धता की पुष्टि कर दी है। साथ ही शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल जैसे अन्य प्रमुख खिलाड़ियों ने भी रणजी ट्रॉफी में खेलने की सहमति दे दी है। हालांकि, कोहली को दिल्ली की संभावित टीम में शामिल किया गया है, लेकिन उनकी भागीदारी पर अभी तक कोई स्पष्टता नहीं है।
डीडीसीए सचिव ने क्या कहा?
डीडीसीए सचिव अशोक शर्मा ने कोहली से घरेलू क्रिकेट में हिस्सा लेने की अपील की। उन्होंने कहा, “विराट कोहली का नाम संभावित खिलाड़ियों की सूची में है। ऋषभ पंत ने सौराष्ट्र के खिलाफ मैच के लिए अपनी उपलब्धता की पुष्टि कर दी है। विराट कोहली को मुंबई के खिलाड़ियों से प्रेरणा लेनी चाहिए और जब भी मौका मिले, घरेलू क्रिकेट खेलना चाहिए। मुंबई के खिलाड़ियों की हमेशा यह परंपरा रही है कि वे रणजी मैचों में हिस्सा लेते हैं। यह परंपरा उत्तर भारत, खासकर दिल्ली में नहीं दिखती।”
बीसीसीआई का घरेलू क्रिकेट पर जोर
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भी हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में स्पष्ट किया कि जो खिलाड़ी टेस्ट करियर लंबा करना चाहते हैं, उन्हें रणजी ट्रॉफी जैसे घरेलू टूर्नामेंटों में हिस्सा लेना चाहिए। अशोक शर्मा ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, “बीसीसीआई ने सुझाव दिया है कि खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट खेलना चाहिए। मैं महसूस करता हूं कि विराट को कम से कम एक मैच जरूर खेलना चाहिए।”
डीडीसीए अध्यक्ष ने व्यक्त की वर्कलोड पर चिंता
हालांकि, डीडीसीए अध्यक्ष रोहन जेटली ने थोड़ा अलग नजरिया पेश किया। उन्होंने कहा कि घरेलू क्रिकेट खेलना जरूरी है, लेकिन खिलाड़ियों के वर्कलोड और फिटनेस का भी ध्यान रखना होगा। “उन्हें खेलना चाहिए, लेकिन इसमें कई चीजें शामिल हैं। खिलाड़ियों को अपने वर्कलोड और फिटनेस का ध्यान रखना होता है। घरेलू टूर्नामेंट में भागीदारी बेहद जरूरी है, लेकिन यह उनकी फिटनेस योजनाओं और काम के बोझ के साथ तालमेल में होनी चाहिए।”
घरेलू क्रिकेट में भागीदारी की अहमियत
जेटली ने आगे कहा, “राष्ट्रीय कर्तव्यों के चलते अगर खिलाड़ी उपलब्ध नहीं होते हैं तो यह समझा जा सकता है। लेकिन, अन्यथा घरेलू क्रिकेट को प्राथमिकता देनी चाहिए। इन निर्णयों में राष्ट्रीय चयनकर्ताओं और एनसीए का भी योगदान होता है।”
दिल्ली को कोहली की जरूरत
दिल्ली की रणजी टीम कोहली की मौजूदगी से प्रेरणा ले सकती है और इससे घरेलू क्रिकेट में एक नई संस्कृति विकसित हो सकती है। 23 जनवरी से सौराष्ट्र के खिलाफ होने वाले मैच के लिए दिल्ली की टीम उत्सुक है कि कोहली मैदान में उतरें।
यह मुद्दा सिर्फ दिल्ली की टीम तक सीमित नहीं है। यह भारतीय क्रिकेट के भविष्य और घरेलू क्रिकेट की महत्ता को दर्शाने का एक बड़ा मौका है। विराट कोहली का फैसला न केवल उनकी टीम के लिए बल्कि देशभर के युवा क्रिकेटरों के लिए एक मिसाल बनेगा।