गाबा में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरे टेस्ट का पहला दिन बारिश की वजह से बाधित रहा। सिर्फ 13.2 ओवर का खेल ही संभव हो सका, लेकिन इस दौरान स्टंप माइक पर जसप्रीत बुमराह का एक पल वायरल हो गया है, जिसमें उनकी निराशा साफ झलक रही है।
दिन की शुरुआत भारत के कप्तान रोहित शर्मा द्वारा टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने के फैसले से हुई। यह फैसला रणनीतिक रूप से सही दिखा, क्योंकि आसमान में बादल छाए हुए थे और पिच पर घास भी मौजूद थी, जो तेज गेंदबाजों जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज और आकाश दीप को मदद दे सकती थी। लेकिन उम्मीदों के विपरीत, पिच और परिस्थितियों ने भारतीय गेंदबाजों को कोई खास सहायता नहीं दी।
ऑस्ट्रेलिया के ओपनर उस्मान ख्वाजा और डेब्यू कर रहे नाथन मैकस्विनी ने बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए भारतीय गेंदबाजों को नाकाम कर दिया। उन्होंने फ्रंटफुट और बैकफुट पर समान सहजता के साथ गेंदों को खेला।
बुमराह की निराशा स्टंप माइक पर कैद
पहले दिन के खेल के दौरान, जसप्रीत बुमराह की नाराजगी का एक क्षण स्टंप माइक पर कैद हो गया। पांचवें ओवर में, जब बुमराह ने ख्वाजा को एक फुल लेंथ गेंद फेंकी, तो वह स्लिप में खड़े शुभमन गिल से बोले, “उपर लग रहा है,” यह बताते हुए कि वह फुलर गेंद डालने की कोशिश कर रहे हैं। इसके बाद, उसी ओवर की पांचवीं गेंद डालने के बाद, उन्होंने गिल से कहा, “नहीं हो रहा स्विंग ऐसे भी,” जो उनकी निराशा को दर्शाता है।
इस बीच, उस्मान ख्वाजा ने परिस्थितियों का भरपूर फायदा उठाया। सिराज ने जब छोटी गेंदों से ख्वाजा को परेशान करने की कोशिश की, तो ख्वाजा ने उसे आसानी से चौके में बदल दिया। नाथन मैकस्विनी ने भी संयम से खेलते हुए उनका बखूबी साथ दिया। खेल रोके जाने तक ऑस्ट्रेलिया ने बिना कोई विकेट खोए 28 रन बना लिए थे।
गाबा से भारत की ऐतिहासिक यादें
गाबा भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक खास जगह रखता है। 2020-21 दौरे के दौरान, यह वही मैदान था जहां भारतीय टीम ने अद्भुत प्रदर्शन करते हुए ऑस्ट्रेलिया का 32 साल पुराना अजेय रिकॉर्ड तोड़कर ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। उस जीत ने भारत को 2-1 से श्रृंखला दिलाई थी।
उस ऐतिहासिक जीत के नायक रहे ऋषभ पंत ने इस मैदान से जुड़े अपने भावनात्मक जुड़ाव को लेकर बात की। मौजूदा टेस्ट से पहले, उन्होंने मेजबान प्रसारक से बातचीत में कहा, “गाबा में वापस आना एक अद्भुत अनुभव है। जैसे ही मैंने इस मैदान में कदम रखा, मुझे सकारात्मक ऊर्जा महसूस हुई। यह मैदान आत्मविश्वास से भर देता है, खासकर जब श्रृंखला बराबरी पर हो।”
पंत ने दबाव में खेलने और मुश्किल परिस्थितियों से टीम को निकालने के अपने अनुभव को भी साझा किया। उन्होंने कहा, “मुश्किल हालात में टीम को उबारना मेरे लिए एक बड़ा सबक रहा है। यह चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन मैं खुद को हमेशा सकारात्मक रहने की याद दिलाता हूं। यही सोच मुझे सफलता देती है।”
अपने अनोखे शॉट्स के बारे में बात करते हुए पंत ने कहा, “मैं आमतौर पर स्विप और स्कूप जैसे अपरंपरागत शॉट्स का अभ्यास नहीं करता, लेकिन ये गेंदबाजों के खिलाफ मेरी रणनीति का हिस्सा हैं। हर बार सिर्फ बचाव करना संभव नहीं होता, इसलिए मुझे रन बनाने के तरीके खोजने पड़ते हैं। मेरा मानसिकता कहता है कि यह सुरक्षित है, और इसी ने मुझे अब तक सफलता दी है।”