आयकर विभाग ने बैंक के नियमों में बदलाव किया है।आयकर विभाग के अनुसार अगर आप 10 लाख रुपए से अधिकअपने बचत खाते में जमा कर रहे हैं तो आपको उस पैसे का प्रूफ देना पड़ेगा कि वह पैसा कहां से आया है। आपको स्पष्ट करना पड़ेगा कि आपके धन का सोर्स क्या है।आयकर विभाग ने यह नियम अभी हाल ही में लगाया है। वहीं अगर आप अपना करंट अकाउंट व्यवसायिक गतिविधियों के लिए प्रयोग कर रहे हैं तो 50 लाख रुपए होने तक आपको कोई टैक्स देना आवश्यक नहीं हैं।
क्या है यह नियम
आयकर विभाग के अनुसार अगर आप 10 लाख रुपए से अधिक अपने बचत खाते में जमा करते हैं और आपके पास कोई प्रमाण नहीं है कि आपके पास वो धन कहां से आया है तो आपको उस धन पर टैक्स देना होगा। क्योंकि सरकार के अनुसार अगर आप आय का प्रमाण नहीं दे पा रहे हैं तो वह काला धन है।
जिसके लिए आपको 60% टैक्स देना पड़ेगा इसके साथ ही आपको 25% सर चार्ज और 4% सेस भी देना होगा।
क्या है सर चार्ज (अधिभार )औरसेस (उपकर)
सर चार्ज 50 लख रुपए से अधिक की आय होने पर लगाए जाने वाला टैक्स है। जिसे निर्धन तबके के उत्थान के लिए खर्च किया जाता है। अगर आपकी आय 50 लाख से अधिक है तो आपकी आय पर यह टैक्स लगता है। अगर आपकी कंपनी है तो कंपनी की आय एक करोड़ से अधिक होने परपर कंपनी परसर चार्ज लगता है। सेस एक तरीके का उपकर है जो कि टैक्स पर लगता है इसे सरकार अपने पास ही रखती है। उपकर प्राथमिक , माध्यमिक शिक्षा, कच्चे तेल, रोड के लिए लगता है।
सरचार्ज किसी भी टैक्स पर लगने वाला एक्स्ट्रा चार्ज है। जिसे अधिक आय वालों के लिए शुरु किया गया था। उप कर शिक्षा, सड़क, कच्चे तेल, पैट्रोल जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए लगाया जाने वाला कर है।
कुछ मिलाकर कितनाकर देना होगा
अगर आप अपनी जमा राशि की प्रमाणिक जानकारी नहीं उपलब्ध करवा पाते हैं तो आपको 60% कर, 25% अधिभार और 4% उपकर देना होगा। आपकी जरा सी लापरवाही आपका 89% नुकसान करवा सकती हैं।
कैसे करें सुरक्षा
आपको अपने हर ट्रांजैक्शन की डिटेल्स पता होनी चाहिए नकद लेनदेन से बचें। हर लेनदेन का रिकॉर्ड प्रमाण के साथ रखें। सभी टैक्स नियमों का पालन करें। सतर्क रहें सुरक्षित रहे। दस्तावेज न दिखाने पर टैक्स के साथ साथ आप को नोटिस मिलने के साथ आप पर कानूनी कार्यवाही भी हो सकती हैं।