Sunday, December 22, 2024
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11 करोड़ जनधन खाता धारक हुए गायब

10 दिसंबर को संसद में सरकार द्वारा बताया गया कि प्रधानमंत्री जनधन योजना के अंतर्गत खोले गए 54.03 खातों में से 11.30 करोड़ खाते में अब कोई लेनदेन नहीं हो रहा है। सदन में विरोधी पक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने जनधन खाता योजना के अंतर्गत खुले हुए खातों की जानकारी सरकार से मांगी थी। मल्लिकार्जुन ने खोले गए जनधन खातों की संख्या और निष्क्रिय हुए खातों की संख्या की जानकारी राज्यों के क्रम के अनुसार सरकार से मांगी थी। जिसमें सर्वे के द्वारा ज्ञात हुआ की 11 करोड़ जनधन खाताधारक अब निष्क्रिय हो चुके हैं अर्थात गायब हो चुके हैं।

निष्क्रिय खातों की संख्या राज्य और वर्ष के अनुसार

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कल सदन में मल्लिकार्जुन के द्वारा पूछे गए जनधन योजना के खातों की संख्या के उत्तर में यह जवाब दिया। वित्त राज्य मंत्री ने बताया कि सबसे अधिक खाते 9.63 करोड़ उत्तर प्रदेश में खोले गए थे। जिनमें से कि अब 2.34 करोड़ खाते निष्क्रिय हैं। पश्चिम बंगाल में 5.25 करोड़ खाता खोले गए जबकि निष्क्रिय खातों की संख्या 78.5 लाख है। कुल मिलाकर निष्क्रिय खातों में 14.750.27 करोड रुपए की राशि शेष है।

क्या है प्रधानमंत्री जनधन योजना

प्रधानमंत्री जनधन योजना 15 अगस्त 2014 को खोली गई थी। जनधन को देश के अर्थव्यवस्था में भागीदारी करने के लिए प्रधानमंत्री जनधन योजना 15 अगस्त 2024 को लागू की गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2014 को लाल किले से इस योजना की घोषणा की थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब तबके को भी बुनियादी बचत करना सीखना था। देश का कमजोर तबका भी ऋण, बीमा, पेंशन जैसी सुविधाओं का लाभ उठा सके इसलिए प्रधानमंत्री जनधन योजना शुरू की गई थी। इस योजना के अंतर्गत किसी भी सरकारी बैंक में वे लोग अपना खाता खोल सकते थे जिनका पहले से कोई खाता नहीं था। इसके लिए उन्हें बैंक में किसी न्यूनतम धनराशि को रखने की आवश्यकता नहीं है। इससे पहले आपको अगर अपना खाता खुलवाना है तो आपको एक न्यूनतम शेष राशि अपने बैंक में अवश्य रखनी होती है। इसी राशि से बैंक आपका बैंक में अकाउंट खोलने का शुल्क हर साल काटता रहता है।
लेकिन प्रधानमंत्री जन धन योजना के अंतर्गत अकाउंट खुलवाने वाले लोगों के लिए इसी धन से उन्हें ब्याज मिलता है।

क्या होते हैं निष्क्रिय खाते

निष्क्रिय खाते वे खाते होते हैं जिनमें 2 साल तक कोई लेनदेन नहीं होता। 2017 में ऐसे खातों की संख्या 39.62%थी। 14 करोड़ 750 रुपए 27 पैसे की धनराशि शेष थी। सरकार द्वारा बैंकों को निर्देश जारी किए जाते हैं की वह लगातार सक्रिय खातों के प्रतिशत की निगरानी करें। सरकार द्वारा बैंकों से समय-समय पर इस विषय में जानकारी ली जाती है।

क्या सुविधा मिलती है प्रधानमंत्री जनधन योजना के खाता धारकों को

सिर्फ पीएम जन धन योजना के अंतर्गत खोले गए खातों में जमा राशि पर ब्याज मिलने हैके साथ साथ खाताधारक को रुपए डेबिट कार्ड प्रदान किया जाता है। इस रुपए डेबिट कार्ड के द्वारा खाता धारक को ₹100000 का दुर्घटना बीमा कवर भी मिलता है यह बीमा कवर 28 अगस्त 2018 के बाद बढ़ाकर 2 लाख कर दिया गया है। सुपात्र खाता धारकों के लिए अन्य सुविधाएं भी लागू की गई है। इस योजना के अंतर्गत खोले गए खातेधारकोंं को प्रधानमंत्री जीवन बीमा योजना के अंतर्गत बीमा का लाभ मिलता है। पीएमजी ए खाते के अंतर्गत डीबीटी का लाभ मिलता है। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत सुरक्षा बीमा योजना का लाभ मिलता है। अटल पेंशन योजना के अंतर्गत एक निश्चित अवधि के बाद इन खाताधारकों को पेंशन मिलना शुरू हो जाती है। इसके अतिरिक्त सुयोग्य पात्र माइक्रो यूनिट डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी बैंक मुद्रा योजना के भी पात्र होते हैं। जिसमें उन्हें रोजगार के लिए सुविधा प्रदान की जाती है। इस योजना के अंतर्गत सुपात्रों को 10.27% ब्याज की दर से उपकरण, मशीनों, फर्नीचर आदि के लिए लोन दिया जाता है।

इस योजना से सुयोग्य पात्र को मिले है क्या लाभ

प्रधानमंत्री जनधन योजना के अंतर्गत 53 करोड लोगों को जनधन खाता खोलने का लाभ मिला है। इन बैंक हाथों में 2.3 लाख करोड रुपए जमा हुए हैं 36 करोड लोगों को रुपए कार्ड मिले हैं जिसमें ₹200000 का बीमा दुर्घटना बीमा कवर भी है।

निष्क्रिय खातों का क्या होगा आगे

प्रधानमंत्री जन धन योजना के अंतर्गत खोले गए 54.0311.30 करोड़ खाता सक्रिय अवस्था में नहीं है।इन खातों में से 67% खाते कस्बे और गांवों में खोले गए थे जबकि 55% खाते घरेलू महिलाओं द्वारा खोले गए थे। इन खातों में 20 नवंबर 2024 तक 14750 करोड रुपए पड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री जनधन योजना के अंतर्गत ग्रामीणों मजदूरों और घरेलू स्त्रियों ने खाते खुलवाए थे। इन खातों में शुरू में ही धन का लेनदेन किया गया था और बाद में धनभाव के कारण या फिर किसी व्यक्तिगत कारण से इन खातों में धन का लेनदेन नहीं हो पाया ऐसी स्थिति में अब सरकार बैंकों को सक्रिय करेगी। उनसे फीडबैक लेगी जिससे कि दोबारा से ये निष्क्रिय खाते सक्रिय हो पाए।

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