संजय मल्होत्रा को भारतीय रिजर्व बैंक का नया गवर्नर नियुक्त किया गया है संजय मल्होत्रा वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव है। संजय मल्होत्रा को 11 दिसंबर से 3 साल के कार्य कार्य के लिए गवर्नर नियुक्त किया जा रहा है।
रुपया अपने अब तक के सबसे निचले स्तर पर
मंगलवार को 84.80 तो 84.82 के बीच में रुपया अपनी अब तक के सबसे निचले स्तर पर रहा। रुपए ने अब तक के अपने ् के पिछले रिकॉर्डों को पार कर लियाहै। रुपए का अब तक का सबसे निचला पिछला रिकॉर्ड 84.75 था। यह गिरावट पहले वाली गिरावट 84.73 से अधिक थी कल मंगलवार को रुपए की सबसे अधिक गिरावट 84.80 देखी गई।
क्यों आई है रुपए में इतनी अधिक गिरावट
अभी हाल ही में दरौली घरेलू ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद जताई जा रही है। कहां जा रहा है कि यह गिरावट इसी वजह से आई है। संजय मल्होत्रा की नियुक्ति के समय हमारी भारतीय अर्थव्यवस्था काफी धीमी गति से चल रही है जबकि महंगाई बढ़ने से मुद्रास्फीति बढ़ चुकी है। अंदाजा लगाया जा रहा था कि पिछले गवर्नर शक्तिकांत का कार्यकाल बढ़ेगा लेकिन संजय मल्होत्रा को आरबीआई का गवर्नर बना दिया गया है।
क्या मानना है केंद्रीय रिजर्व बैंक का
नए गवर्नर संजय मल्होत्रा 11 दिसंबर से अपना कार्यभार संभालेंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि 2025 में ब्याज दरों में कटौती हो सकती है यह ब्याज दरें कितनी होगी और कितने समय तक होगी। इसका अंदाजा लगाया जा रहा है कि 2025 तक रुपया और कमजोर होगा। रुपए के 85 .50 जाने की संभावनाएं जताई जा रही है।अभी तक शशिकांत दास गवर्नर पद का कार्यभार संभाल रहे थे। अभी हाल ही में उन्होंने नई नीतियां भी लागू की थी उन्हें में से एक थी ग्रामीणों व लघु उद्योगकर्ताओं को क्रेडिट लाइंस प्रदान करना। नये गवर्नर के आने से लोगों के संशय को दूर करते हुए केंद्रीय रिजर्व बैंक का कहना है कि संजय मल्होत्रा की नियुक्ति से रिजर्व बैंक की विदेशी मुद्रा प्रबंधन नीति या अन्य नीतियों में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा।
क्या आरबीआई के हाथों में है कुछ
बाजार का मानना है कि आरबीआई अत्यधिक उतार-चढ़ाव के लिए अपना हस्तक्षेप कर सकता है। इस समय उतार-चढ़ाव के बीच में झूल रहा है। आरबीआई के हस्तक्षेप से बाजार अस्थिर नहीं रहेगा। केंद्रीय रिजर्व बैंक के ट्रेडर ने कहा आरबीआई बाजार में स्थिरता बनाए रखने के प्रयास करेगा।
अन्य मुद्राओं का है क्या हाल
रुपए के अतिरिक्त अन्य एशियाई मुद्राएं मजबूत होती दिख रही हैं। जिनमें चीनी युआन में 0.2% की बढ़त देखी गई है। हालांकि डॉलर में कमजोरी देखी गई है डाॅलर इंडेक्स 106.1 पर कमजोर हुआ है।
केंद्रीय रिजर्व बैंक क्या प्रयास कर सकता है रुपए को कमजोर होने से रोकने के लिए
भारतीय केंद्रीय रिजर्व बैंक का कहना है कि वह रुपए को कमजोर होने से रोकने के लिए बैंक अप्रवासियों के लिए ब्याज दरों को बढ़ाने की अनुमति देगा। रिजर्व बैंक का कहना है कि अगर हमें रुपए को कमजोर होने से रोकता है तो हमें विदेशी मुद्रा को अपने देश में लाना होगा। भारतीय केंद्रीय रिजर्व बैंक का कहना है की विदेश में रहने वाले भारतीयों द्वारा जमा किए जा रहे धन पर केंद्रीय बैंक ब्याज दरें बढ़ाने की अनुमति देगा।
नये गवर्नर से क्या है उम्मीदें
संजय मल्होत्रा जो कि नए गवर्नर बनाए जा रहे हैं। उनके सामने विकास की धीमी गति की चुनौती है। महंगाई इस समय चरम पर है। जिसके कारण मुदसस्फीति बढ़ती जा रही है। साथ ही साथ विकास की गति धीमी होती जा रही है। जिसके कारण रुपया निरंतर निकले स्तर पर आता जा रहा है। नए गवर्नर के सामने इन सरी समस्याओं का हल निकालने की चुनौती होगी। उन्हें नई पॉलिसी के साथ-साथ पुरानी नीतियों के ऊपर ध्यान देने की आवश्यकता होगी।
सारांश
रिजर्व बैंक के नये गवर्नर संजय मल्होत्रा के आने से बाजार में उम्मीद बताई जा रही है कि घरेलू ब्याज दरों में कमी आएगी जिसके कारण आज रुपए को अपने अब तक के सबसे निचले स्तर पर आंका गया है। अब देखना है कि नए गवर्नर इन चुनौतियों का सामना कैसे करेंगे।