Wednesday, January 22, 2025
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दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति पर लगा बैन अब विदेश यात्रा संभव नहीं

 राष्ट्रपति यून सूक येओल पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब राष्ट्रपति विदेश यात्रा नहीं कर पाएंगे। पिछले काफी समय से दक्षिण कोरिया में राजनीतिक उठा पटक चल रही है। पहले राष्ट्रपति ने मार्शल लॉ लगाया। उसके बाद विरोधियों ने महाभियोग लगाया। जिसमें विपक्ष के साथ सत्ता पक्ष के कुछ लोगों ने भी वोट किया। महाभियोग प्रस्ताव अल्पमत के कारण निरस्त हो गया। महाभियोग प्रस्ताव के लिए 200 वोटो की आवश्यकता थी जबकि पक्ष में 197 वोट ही पड़े तीन वोटो के कारण राष्ट्रपति के खिलाफ लगाया गया महाभियोग प्रस्ताव निरस्त हो गया।

क्यों लगाया गया है यह प्रतिबंध

यूसू की ओर ने जनवरी के प्रथम सप्ताह में मार्शल लाॅ लगा दिया था। इस पर विपक्ष और सत्ता पक्ष के भी कुछ लोगों ने विरोध जताया था। इसी सिलसिले में राष्ट्रपति यून सूक येओल पर प्रतिबंध लगाया गया है। राष्ट्रपति ने मार्शल लॉ लगाया था इसी के कारण की जांच करने के लिए न्यायालय ने राष्ट्रपति को विदेश यात्रा पर प्रतिबंधित कर दिया है। दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति को उनके पद पर रहते हुए गिरफ्तार नहीं किया जा सकता ना उनके ऊपर कोई मुकदमा चलाया जा सकता है। अगर राष्ट्रपति ने देशद्रोह किया हो या विद्रोह किया हो तो उनके ऊपर मुकदमा चल सकता है। राष्ट्रपति के ऊपर इन्हीं आरोपों की जांच होनी है अगर यह आरोप सच साबित होते हैं तो उन्हें पदमुक्त भी किया जा सकता है और उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। इसीलिए जब तक जांच चल रही है तब तक राष्ट्रपति को देश से बाहर न जाने के लिए न्यायालय से आदेश मिला है।

दक्षिण कोरिया के पूर्व सुरक्षा मंत्री गिरफ्तार

दक्षिण कोरिया के पूर्व सुरक्षा मंत्री को गिरफ्तार कर लिया गया है उन्हें दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ लागू करवाने में राष्ट्रपति का समर्थन करने का दोषी माना गया है। पूर्व सुरक्षा मंत्री राष्ट्रपति के करीबी माने जाते हैं उनके खिलाफ जाती चल रही है अगर वह दोषी मांगे गए तो उन्हें सजा भी हो सकती है।

 मार्शल लॉ के लिए राष्ट्रपति ने मांगी माफी

राष्ट्रपति ने मार्शल लॉ लगाने के लिए जनता से माफी मांगी है। यह मार्शल लॉ सिर्फ 6 घंटे के लिए ही जारी रहा था। नेशनल असेंबली जो कि दक्षिण कोरिया की संसद है ने इसका विरोध किया था और इसके विपक्ष में मतदान किया था। विपक्षियों के साथ-साथ सत्ता पक्ष के भी कुछ व्यक्तियों ने विरोध में वोट किया था। राष्ट्रपति ने बाद में मार्शल लॉ लगाने के अपने आदेश के लिए माफी मांग ली थी उनका कहना है कि वह राजनीतिक रूप से अपनी जिम्मेदारी लेते हैं अभी तक जो भी हुआ उसके लिए वह दक्षिण कोरिया की जनता से क्षमा चाहते हैं। राष्ट्रपति का कहना है कि अब उनकी पार्टी देश की देश की राजनीतिक परिस्थितियों से निपटने के लिए के लिए जैसा चाहेगी वह वैसा ही करेंगे।

सारांश

राष्ट्रपति को देश से बाहर जाने के लिए मना कर दिया गया है और उनके खिलाफ जांच हो रही है। अगर उनके ऊपर आरोप सच साबित हो जाते हैं तो उन्हें पदमुक्त भी किया जा सकता है और उन्हें सजा भी हो सकती है आगे देखना है कि आने वाले समय में दक्षिण कोरिया में राजनीति क्या रंग दिखलाती है।

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