Thursday, December 5, 2024
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डब्ल्यूएचओ(WHO) ने मंकीपॉक्स के हालिया उछाल को ‘असाधारण’ करार दिया

कोविड-19 के खिलाफ लंबी लड़ाई के बाद, अब दुनिया को नए स्वास्थ्य खतरों का सामना करना पड़ रहा है। मारबर्ग वायरस, मंकीपॉक्स (अब एमपॉक्स के नाम से जाना जाता है), और ओरोपोच वायरस ने 17 से अधिक देशों में अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। ये वायरस न केवल खतरनाक हैं बल्कि वैश्विक सतर्कता की भी मांग करते हैं।

क्या है मारबर्ग वायरस?

मारबर्ग वायरस, जिसे “ब्लीडिंग आई वायरस” भी कहा जाता है, ने दुनियाभर में डर का माहौल पैदा कर दिया है। इसके भयावह लक्षणों में शरीर के विभिन्न हिस्सों से रक्तस्राव, तेज दर्द और 50% तक की मृत्यु दर शामिल है। इस वायरस ने पहले ही रवांडा में कई लोगों की जान ले ली है और सैकड़ों को संक्रमित कर दिया है। न तो इसकी कोई वैक्सीन है और न ही कोई प्रभावी इलाज। यह संक्रमित व्यक्ति के शारीरिक तरल पदार्थों या दूषित सतहों के संपर्क में आने से फैलता है।

मारबर्ग वायरस के लक्षण

  • अचानक बुखार, सिरदर्द और थकावट की शुरुआत
  • पेट में तेज दर्द, उल्टी और मतली
  • पांचवें दिन से आंतरिक रक्तस्राव और नाक, मसूड़ों व आंखों से खून आना

मारबर्ग वायरस की तीव्र प्रगति इसे सबसे खतरनाक वायरस बनाती है, जिससे पहले से ही संघर्षरत देशों की स्थिति और खराब हो सकती है।

एमपॉक्स का बढ़ता खतरा

पहले केवल कुछ अफ्रीकी देशों तक सीमित एमपॉक्स अब छह डब्ल्यूएचओ क्षेत्रों में फैल चुका है। यह अब परिवारों और समुदायों में भी संक्रमण फैला रहा है। डब्ल्यूएचओ ने इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है।

एमपॉक्स का प्रसार और लक्षण

एमपॉक्स नजदीकी संपर्क के माध्यम से फैलता है, खासकर घरों में। इसके शुरुआती लक्षण संपर्क के 21 दिन बाद दिखाई देते हैं:

  • चेहरे, हाथों, पैरों और जननांगों पर फफोले जैसे चकत्ते
  • बुखार, जोड़ों में दर्द और सूजे हुए लिम्फ नोड्स
  • अत्यधिक थकावट और मांसपेशियों में दर्द

हालांकि वैक्सीन की उपलब्धता है, लेकिन परीक्षण में देरी, जागरूकता की कमी और वैक्सीन को लेकर झिझक रोकथाम के प्रयासों को बाधित कर रही है।

ओरोपोच वायरस: एक उभरता हुआ खतरा

मारबर्ग और एमपॉक्स के विपरीत, ओरोपोच वायरस मच्छरों के काटने से फैलता है। यह मुख्य रूप से दक्षिण अमेरिका और कैरिबियाई क्षेत्रों में देखा गया है। इस साल ब्राजील, बोलीविया और अन्य देशों में इसके 10,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। इसके लिए कोई विशिष्ट दवा या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है।

ओरोपोच वायरस के लक्षण

  • उच्च बुखार और चकत्ते
  • जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द
  • तेज मतली और उल्टी

प्रभावित क्षेत्रों में जाने वाले पर्यटकों को मच्छर से बचाव के उपाय अपनाने चाहिए।

वैश्विक प्रयास और चुनौतीपूर्ण स्थितियां

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और अफ्रीका सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) ने इन संकटों से निपटने के लिए संयुक्त कार्ययोजना शुरू की है। निगरानी, टीकाकरण वितरण और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग इसके मुख्य बिंदु हैं। हालांकि, एमपॉक्स प्रतिक्रिया के लिए आवश्यक $87.4 मिलियन में से केवल $40.6 मिलियन की व्यवस्था हो पाई है।

डब्ल्यूएचओ की मुख्य सिफारिशें

  1. निगरानी को मजबूत करें: स्थानीय स्वास्थ्य विभागों को संक्रमण की लगातार निगरानी करनी चाहिए।
  2. टीकाकरण तक पहुंच बढ़ाएं: उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में टीकों का समान वितरण सुनिश्चित करें।
  3. जागरूकता बढ़ाएं: जनता को लक्षणों और बचाव उपायों के बारे में शिक्षित करें।
  4. पूर्वानुमान मॉडलिंग: भविष्य के प्रकोपों का पूर्वानुमान लगाने और तैयारी के लिए डेटा का उपयोग करें।

यात्रियों के लिए एहतियाती उपाय

यदि आप प्रभावित क्षेत्रों की यात्रा कर रहे हैं, तो इन उपायों का पालन करें:

  • लक्षणों वाले व्यक्तियों के संपर्क से बचें।
  • स्वच्छता बनाए रखें और हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करें।
  • कीड़ों के काटने से बचने के लिए सुरक्षात्मक कपड़े पहनें।
  • यात्रा से पहले चिकित्सा परामर्श अवश्य लें।

सतर्कता क्यों है जरूरी?

जैसे-जैसे दुनिया इन नए खतरों का सामना कर रही है, सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता बढ़ रही है। प्रारंभिक पहचान, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और जागरूकता से इन घातक रोगों के प्रभाव को कम किया जा सकता है। मारबर्ग के भयावह लक्षणों, एमपॉक्स के तेजी से फैलाव और ओरोपोच की छिपी हुई चुनौतियों के बीच, हर कदम वैश्विक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।

ABHISHEK KUMAR ABHAY
ABHISHEK KUMAR ABHAY
I’m Abhishek Kumar Abhay, a dedicated writer specializing in entertainment, national news, and global issues, with a keen focus on international relations and economic trends. Through my in-depth articles, I provide readers with sharp insights and current developments, delivering clarity and perspective on today’s most pressing topics.
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