रेजर पे एक प्राइवेट कंपनी है जो कि डिजिटल सुरक्षा की दिशा में काम करती है। अब जबकि देश में 65% डिजिटल भुगतान होने लगा है। जितना ज्यादा हम नेटवर्किंग की तरफ अग्रसर हो रहे हैं उतना ही साइबर सुरक्षा के खतरे मे बढ़ते जा रहे हैं। साइबर सिक्योरिटी को ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय ने रेजर पे के साथ साझेदारी की है। इस साझेदारी से अब आसानी से साइबर अपराध नहीं हो पाएंगे। अभी तक देश में 1 दिन में 7000 से अधिक साइबर क्राइम की रिपोर्ट दर्ज की जा चुकीहै। इनमें से अधिकतर में वित्तीय धोखाधड़ी हुई है जो की साइबर असुरक्षा को दर्शाती है।
कैसे काम करेगी रेजर पे
रेजर पे उपभोक्ताओं को साइबर सुरक्षा के प्रति सचेत करेगी। रेजर पे बड़े स्तर पर व्यापक जागरूकता अभियान चलाएगी जिसका उद्देश्य व्यापारियों ब उपभोक्ताओं को साइबर सुरक्षा के प्रति सजग करना होगा। रेजर पे फिनटेक समूह की एक शाखा है जिसका उद्देश्य साइबर क्राइम को रोकना है। फिनटेक 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अपने 16 सौ साइबर क्राइम स्टेशन लगा चुका है सिम का उद्देश्य साइबर अपराधियों को रंगे हाथों पकड़ना है। फिनटेक समूह समय समय पर कार्यक्रम भी आयोजित करता है। जिससे सभी साइबर क्राइम के प्रति सतर्क हो सके। भारत का डिजिटल भुगतान विश्व की 40% भुगतान प्रणाली का हिस्सा है।
Bengaluru-based fintech unicorn @Razorpay has joined hands with the Ministry of Home Affairs (MHA) and Indian Cyber Crime Coordination Centre (I4C) in an effort to bolster India’s digital payments security ecosystem👇
— Inc42 (@Inc42) December 2, 2024
This collaboration aims to empower businesses and… pic.twitter.com/sQEE1lbUC7
क्या कहना है रेजर पे का
रेजर पे के कार्यकारी अधिकारियों ने कहा जैसे-जैसे हमारी डिजिटल बैंकिंग में हिस्सेदारी बढ़ती जा रही है कैसे-कैसे साइबर अपराधी भी चालाक होते जा रहे हैं। अपराध के क्षेत्र में एआई के प्रयोग से स्थिति और खराब हो गई है। ऐसे में उपभोक्ताओं को सजक करना बहुत आवश्यक है। भारत डिजिटल बैंकिंग के क्षेत्र में अपनी नई पहचान बना रहा है
इन परिस्थितियों में डिजिटल भुगतान को सुरक्षित रखने की भी जिम्मेदारी भी बहुत बड़ी है। डिजिटल बैंकिंग मैं बढ़ाते अपराधों के प्रति उपभोक्ताओं को अवेयर करने के लिए रेजर पे ने कुछ प्रयास भी किए हैं। समय-समय पर कार्यशालाएं आयोजित करना
सुरक्षा हेतु करण उपलब्ध कराना आदि इनमें से कुछ प्रयास है। रेजर पे के साथ मिलकर गृह मंत्रालय इस तरह के प्रोग्राम बना रहा है ताकि पेमेंट पहले से सुरक्षित हो जाए। बच्चों से लेकर बूढ़े तक मोबाइल के जरिए बैंकिंग कर रहे डिजिटल पेमेंट अब सिर्फ व्यवसाईयों के लिए ही नहीं रह गई है। बच्चों से लेकर बूढ़े तक मोबाइल के जरिए बैंकिंग कर रहे हैं ।जिसमें कई बार उनसे धोखाधड़ी हो जाती है इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए ही गृह मंत्रालय ने रेजर पे के साथ हाथ मिलाया है।
निष्कर्ष
रेजर पे के साथ मिलकर गृह मंत्रालय और भारतीय अपराध समन्वय केंद्र एक नई प्रणाली विकसित कर रहा है जिसमें उपभोक्ताओं को डिजिटल बैंकिंग और उनसे होने वाले खतरों के प्रति सावधान किया जाएगा। रेजर पे कार्यशालाएं भी आयोजित करेगा ताकि सभी साइबर क्राइम से होने वाले नुकसान के विषय में जान सके। भारत में डिजिटल सुरक्षा इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि यहां अधिकतर बूढ़े व बच्चे भी डिजिटल पेमेंट कर रहे हैं। डिजिटल सुरक्षा इसलिए भी जरूरी है क्योंकि आजकल बच्चों से ऑनलाइन गेम के बहाने से माता-पिता के फोन में ओटीपी डालकर पैसे निकलवाने के काफी मामले दर्ज किया जा रहे हैं। लोगों को ऑनलाइन धोखाधड़ी के भी मामलों को फेस करना पड़ रहा हैं। आने वाले समय में भारत में डिजिटल पेमेंट को सुरक्षित करने के लिए रेजर पे डिजिटल सुरक्षा पर काफी ध्यान देने वाला है।