पिछले सप्ताह से गले में संक्रमण और तेज़ बुखार से परेशान कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को ठाणे के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह घटनाक्रम ऐसे समय पर सामने आया है जब महायुति सरकार 5 दिसंबर को मुंबई के आजाद मैदान में होने वाले भव्य शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों में व्यस्त है। शिंदे की तबीयत खराब होने से महायुति खेमे में हलचल मच गई है।
शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां जोरों पर
मुंबई के आजाद मैदान में शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों में महायुति पूरी तरह से जुटी हुई है। यह कार्यक्रम राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन का प्रतीक बनने वाला है। लेकिन मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पदों को लेकर अनिश्चितता ने स्थिति को और रोचक बना दिया है। शिवसेना अब तक डिप्टी सीएम पद के लिए नाम फाइनल नहीं कर पाई है, और बीजेपी ने मुख्यमंत्री पद को लेकर पूरी तरह चुप्पी साध रखी है।
फडणवीस सबसे प्रबल दावेदार
हालांकि, राजनीतिक गलियारों में देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा है। बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने इस प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए निर्मला सीतारमण और विजय रूपाणी को जिम्मेदारी सौंपी है। इस बीच, शिवसेना के अंदरखाने डिप्टी सीएम पद को लेकर गहमागहमी जारी है। पार्टी के कई नेता दावा कर रहे हैं कि यह पद शिवसेना के लिए आरक्षित होना चाहिए।
#Maharashtra Govt formation Progresses with #EknathShinde as Deputy CM: BJP keen to retain home portfolio with Sena compensated with other berths, reports @RajeevDOpen https://t.co/zeoD483c8Q pic.twitter.com/UDOq2EwmQD
— Open Magazine (@Openthemag) December 3, 2024
अजित पवार की अहम भूमिका?
इस बीच, एनसीपी के महाराष्ट्र प्रमुख सुनील तटकरे ने कहा है कि अजित पवार की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात हो सकती है। इस संभावित मुलाकात से राजनीतिक समीकरण और भी उलझ सकते हैं। अटकलें यह भी लगाई जा रही हैं कि पवार महायुति सरकार के अंदर एनसीपी की भागीदारी को लेकर चर्चा कर सकते हैं।
राजनीतिक ऊहापोह के बीच स्वास्थ्य कारणों का साया
एकनाथ शिंदे की बिगड़ती तबीयत ने महायुति सरकार के शपथ ग्रहण समारोह से ठीक पहले राजनीतिक तनाव को बढ़ा दिया है। शिंदे, जो वर्तमान में शिवसेना के प्रमुख चेहरे हैं, उनकी अनुपस्थिति में पार्टी का प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है। उनके स्वास्थ्य के कारण डिप्टी सीएम पद के नाम की घोषणा में भी देरी हो सकती है।
आजाद मैदान में ऐतिहासिक आयोजन की तैयारी
आजाद मैदान में शपथ ग्रहण समारोह को महायुति सरकार के लिए एक ऐतिहासिक पल के रूप में देखा जा रहा है। भव्य मंच, हजारों समर्थकों की भीड़ और प्रमुख नेताओं की मौजूदगी के साथ यह कार्यक्रम महाराष्ट्र की राजनीति में नया अध्याय लिखने के लिए तैयार है। बीजेपी और शिवसेना दोनों इसे शक्ति प्रदर्शन के रूप में पेश करने का प्रयास कर रही हैं।
जनता की उम्मीदें और राजनीतिक चालें
महाराष्ट्र की जनता इस नई सरकार से कई उम्मीदें लगाए बैठी है। लेकिन मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के नामों को लेकर सस्पेंस ने जनता में उत्सुकता बढ़ा दी है। शिवसेना और बीजेपी दोनों के कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल है, लेकिन नेतृत्व की घोषणा का इंतजार हर किसी को है।
एकनाथ शिंदे की सेहत और अजित पवार की संभावित रणनीतियों के बीच महायुति का यह शपथ ग्रहण महाराष्ट्र की राजनीति में नए समीकरण तय करेगा।