इज़रायल और हिज़्बुल्ला के बीच दशकों से चला आ रहा संघर्ष अब खतरनाक रूप ले चुका है। हाल ही में हुए हवाई हमलों ने इस तनाव को और गहरा कर दिया है। लेबनान का Tyr क्षेत्र, जो ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है, अब बार-बार हो रहे हमलों का शिकार हो रहा है। इन हमलों ने न केवल लोगों की जान ली है, बल्कि उनके घर, सांस्कृतिक स्थलों और जीने की आशाओं को भी मिटा दिया है।
इज़रायली हमले में Tyr क्षेत्र तबाह
इज़रायली सेना के हवाई हमलों ने लेबनान के Tyr क्षेत्र में भारी तबाही मचाई है। 11 लोगों की मौत और 48 लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई है। ये हमले न केवल सैन्य उद्देश्य से किए जा रहे हैं, बल्कि आम नागरिकों के जीवन को भी प्रभावित कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि वे इन हमलों के कारण हर पल डर में जी रहे हैं। Tyr क्षेत्र, जो पहले ही एक संघर्ष क्षेत्र बन चुका है, अब पूरी तरह से असुरक्षित हो गया है।
सांस्कृतिक धरोहरों को गंभीर क्षति
Tyr क्षेत्र, जो अपनी ऐतिहासिक धरोहरों और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है, इन हमलों में बुरी तरह प्रभावित हुआ है। अक्टूबर में हुए हमलों में कई ऐतिहासिक स्थल क्षतिग्रस्त हो गए और 16 लोग घायल हुए। सांस्कृतिक धरोहरों का यह नुकसान न केवल लेबनान के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक बड़ी क्षति है। Tyr जैसे क्षेत्रों में हो रहे हमले यह दिखाते हैं कि इन संघर्षों का असर केवल सैन्य और राजनीतिक क्षेत्रों तक सीमित नहीं है।
मोहम्मद अफ़ीफ़ की हत्या
हिज़्बुल्ला के मीडिया प्रमुख मोहम्मद अफ़ीफ़ को इज़रायली सेना ने बेरूत में एक सटीक हवाई हमले में मार गिराया। अफ़ीफ़, जिन्हें हिज़्बुल्ला का “मुख्य प्रचारक” माना जाता था, संगठन के प्रचार अभियानों और मनोवैज्ञानिक युद्ध के मास्टरमाइंड थे। उनकी मृत्यु को इज़रायली सेना ने हिज़्बुल्ला के खिलाफ एक बड़ी जीत करार दिया। अफ़ीफ़ की हत्या ने हिज़्बुल्ला के प्रचार अभियानों और आतंकवादी गतिविधियों को एक बड़ा झटका दिया है।
इज़रायली सेना का बयान
इज़रायली सेना (IDF) ने अपने बयान में कहा कि मोहम्मद अफ़ीफ़ हिज़्बुल्ला के लिए एक अहम नेता थे। उन्होंने आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए प्रचार अभियानों का नेतृत्व किया और इज़रायल के नागरिकों के खिलाफ मनोवैज्ञानिक अभियान चलाए। सेना के मुताबिक, अफ़ीफ़ की गतिविधियां हिज़्बुल्ला की रणनीति का एक बड़ा हिस्सा थीं। उनकी मृत्यु से हिज़्बुल्ला को बड़ा नुकसान हुआ है।
नेतन्याहू के घर पर हमला
इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के घर पर भी हमला हुआ। तीन संदिग्धों ने उनके घर पर आग के गोले फेंके, जिन्हें बाद में गिरफ्तार कर लिया गया। यह हमला उसी दिन हुआ, जिस दिन बेरूत में मोहम्मद अफ़ीफ़ की हत्या हुई थी। इससे पता चलता है कि इज़रायली नेतृत्व पर हमले का खतरा लगातार बढ़ रहा है। इससे पहले अक्टूबर में, एक हिज़्बुल्ला ड्रोन ने नेतन्याहू के निजी आवास को निशाना बनाया था, जिससे उनकी खिड़की में दरारें आ गई थीं।
बढ़ते हमले और शांति की संभावना
इज़रायल और हिज़्बुल्ला के बीच बढ़ते हमलों ने क्षेत्र में शांति की उम्मीदों को धूमिल कर दिया है। दोनों पक्ष लगातार एक-दूसरे पर हमले कर रहे हैं। इज़रायल के हवाई हमले और हिज़्बुल्ला की जवाबी कार्रवाइयों के कारण आम नागरिकों की जिंदगी मुश्किल हो गई है। इन हालातों में शांति स्थापित करने की संभावना फिलहाल बहुत कम नजर आ रही है।