अमेरिका में नेशनल गार्ड और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसा जनक झड़प हुई जिसमें 1000 से अधिक प्रदर्शनकारी गिरफ्तार हुए।आईए जानते हैं क्या है यह पूरा मामला
अमेरिका में प्रदर्शनकारियों और नेशनल गार्ड के बीच हुई झड़प
कल अमेरिका के शिकागो में नेशनल गार्ड और प्रदर्शनकारियों के बीच विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कल शिकागो में बढ़ते अपराधों प्रदर्शन को देखते हुए 300 नेशनल गार्डों को तैनात किया इसके बाद प्रदर्शनकारी और गार्ड के बीच में झड़प हुई।
ऑपरेशन मिडवे ब्लिट्ज के कारण हुई यह झड़प
इस कार्यवाही को ऑपरेशन मिडवे ब्लिट्ज के अंतर्गत अंजाम दिया गया। इस ऑपरेशन को 2025 सितंबर में शुरू किया गया था। जिसके अंतर्गत अवैध प्रवासियों और अपराधियों को गिरफ्तार किया जा रहा था। इस मूवमेंट की शुरुआत एक अमेरिकी लड़की की मौत के बाद हुई एक अवैध प्रवासी ने केटी अब्राहम नमक एक अमेरिकी लड़की को अपनी गाड़ी से रौंद दिया था।
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अतिरिक्त सुरक्षा गार्ड भेजने से प्रदर्शन हुआ हिंसक
प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने 300 अतिरिक्त सुरक्षा गार्ड भेज दिए। सुरक्षा गार्डों ने पेपर स्प्रे और रबर की गोलियां प्रदर्शनकारियों पर छोड़ी।बताया जा रहा है कि हिंसक प्रदर्शन और प्रतिक्रिया की शुरुआत शनिवार को हुई। जब शिकागो में शनिवार को एक हथियारों से लैस महिला ने अपनी कार से इमिग्रेशन डिपार्टमेंट की गाड़ियों पर हमला किया। जिसके बाद सुरक्षा गार्ड ने भी गोलियां चलाई जिसमें वो महिला घायल हो गई। वो महिला घायल होने के बाद खुद ही गाड़ी ड्राइव कर हास्पिटल पहुंची जहां से उसे दोपहर तक डिस्चार्ज कर दिया गया। किसी सुरक्षा गार्ड के घायल होने की कोई खबर नहीं आयी है।
इलिनॉय के गवर्नर नाखुश दिखे डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले से
डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा अतिरिक्त सुरक्षा गार्ड भेजने से इलिनॉय के गवर्नर नाखुश दिखे।इलिनॉय के गवर्नर जेबी प्रिट्जकर ने कहा कि लोकल पुलिस पहले ही सब कुछ अच्छे से संभाल रही थी। लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने मुझे धमकी दी कि अगर मैं सैनिक नहीं भेजता हूं तो वो भेज देंगे। और वो लोकल पुलिस के सब कुछ संभालने के बाद भी अतिरिक्त सुरक्षा बल भेज रहे हैं। इलिनॉय के गवर्नर ने कहा वो डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले को अदालत में चुनौती देंगे। डोनाल्ड ट्रंप का यह फैसला कानून का उल्लंघन है। उन्होंने पीसी कोमिटेटस एक्ट का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यह एक्ट सैनिकों का घरेलू कानून व्यवस्था में प्रयोग रोकता है।इलिनॉय के अटॉर्नी जनरल ने भी डोनाल्ड ट्रंप पर मुकदमा दायर करने के लिए कहा।
अदालत ने लगाई पोर्टलैंड शहर में सुरक्षा बलों को तैनात करने पर रोक
अमेरिकी फेडरल कोर्ट ने ओरेगन पोर्टलैंड शहर में डोनाल्ड ट्रंप द्वारा तैनात किए गए 200 नेशनल गार्डस पर रोक लगा दी है। अदालत में जज ने कहा की डोनाल्ड ट्रंप का पोर्टलैंड के विषय में किया गया दावा कि पोर्टलैंड युद्ध ग्रस्त है यहां पर हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं, यह सही नहीं है यह शांतिपूर्ण तरीके से किए गए प्रदर्शन है जोकि छोटे-मोटे प्रदर्शनों की श्रेणी में आते हैं और इन्हें पोर्टलैंड पुलिस आसानी से संभाल पा रही है।
न्यायाधीश ने कहा डोनाल्ड ट्रंप कर रहे हैं अपनी सीमाओं का उल्लंघन
न्यायाधीश ने डोनाल्ड ट्रंप द्वारा तैनात किए गए सुरक्षा बलों को अमेरिकी राष्ट्रपति के द्वारा अपनी संवैधानिक सीमाओं का उल्लंघन बताया। जज ने कहा कि यह डोनाल्ड ट्रंप की सीमाओं का उल्लंघन है। क्योंकि राष्ट्रपति को राज्य की मंजूरी के बिना नेशनल गार्ड को फेडरल कंट्रोल में लेने का अधिकार तभी मिलता है जब विद्रोह का खतरा हो या कोई बड़ा खतरा हो जबकि ऐसा कोई खतरा यहां नहीं है।
जगह हो रही है प्रदर्शनकारी और सैनिकों में
शिकागो में कई जगह प्रदर्शनकारियों और सैनिकों की झाड़ पर हुई सैनिकों ने प्रदर्शन कार्यों पर पेपर से और रबड़ की गोलियां इस्तेमाल की। वही डीएचएल प्रमुख क्रिस्टी नोएम ने कहा कि वह स्पेशल फोर्स भेज रही हैं। वही वाइट हाउस की प्रवक्ता अबिगेल जैक्सन ने कहा कि ट्रंप शहरों में गड़बड़ी को रोकना चाहते हैं। ये सैनिक हमारे अधिकारियों और सामान की रक्षा करेंगे। अभी तक 1000 से भी अधिक प्रदर्शनकारी गिरफ्तार किया जा चुके हैं।