नेपाल में पहली महिला कार्यवाहक प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रदर्शन में मारे गए लोगों को शहीद का दर्जा दिया है आइए जानते हैं इस विषय में और
नेपाल में पहली महिला कार्यवाहक प्रधानमंत्री सुशीला कार्की द्वारा प्रदर्शन में मारे गए लोगों को मिला शहीद का दर्जा
नेपाल की कार्यवाहक सरकार ने जेनजी आंदोलन में मारे गए सभी लोगों को शहीद का दर्जा दे दिया है। 17 सितंबर को शोक दिवस के रूप में हर साल मनाने का निर्णय लिया गया है। सरकार ने इस जेनजी आंदोलन के दौरान हुए दुर्घटना और हादसों के लिये एक निष्पक्ष जांच आयोग भी गठित करने का फैसला किया है। यह एक उच्च स्तरीय न्यायिक जांच आयोग होगा। इस सरकार ने औली सरकार के मंत्रिमंडल द्वारा प्रस्तुत किए गए सभी प्रस्तावों को भी वापस लेने का निर्णय किया है।
नेपाल में जेनजी के द्वारा हुई हिंसा व प्रदर्शनों में 72 से अधिक लोगों की मृत्यु
नेपाल में जेनजी के द्वारा हुई हिंसा व प्रदर्शन में 72 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई थी। नेपाल में सोशल मीडिया साइट्स फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूटयूब पर रोक लगाने के बाद यह आंदोलन शुरू हुआ था। रोक लगाने के एक दिन बाद ही प्रधानमंत्री केपी औली ने रोक हटा ली थी लेकिन तब तक परिस्थितियों उनके हाथों से निकल गई और फिर उन्हें देश छोड़कर जाना पड़ा। इस हिंसक प्रदर्शन में बहत्तर से अधिक लोगों की मृत्यु हुईं। यह प्रदर्शन दो प्रदर्शनकारियों पर प्रधानमंत्री केपी औली के निवास स्थान के बाहर गोली चलाने से उनकी मृत्यु के बाद हिंसक हो गया था। जेन जी के साथ ही सैकड़ों प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री केपी औली के निवास स्थान और उनके कार्यालय में घुस गए थे। मंगलवार 9 सितंबर 2025 को उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।
नेपाल की कार्यवाहक प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने किया 10 लाख रुपए मुआवजे का ऐलान
नेपाल की कार्यवाहक प्रधानमंत्री के तौर पर सुशीला कार्की ने अपना पद संभाल लिया है और पहली बार उन्होंने राष्ट्र को संबोधित किया। नेपाल की सुशीला कार्की सरकार की यह पहली कैबिनेट बैठक थी। सरकार ने मारे गए लोगों के परिवार के लोगों को मुआवजे के रूप में 10 लाख रुपए देने का ऐलान किया है।
सरकार बनवाएगी जेनजी मेमोरियल पार्क
सरकार ने आंदोलन में लोगों की याद में एक मेमोरियल पार्क बनाने का निर्णय किया है। लोगों को उनका बलिदान याद रहे आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए यह एक प्रेरणा स्रोत बन सके इसलिए यह निर्णय लिया गया है। ।
सुशीला कार्की सरकार ने बनाए नए तीन मंत्री
सुशीला कार्की नेपाल की कार्यवाहक प्रधानमंत्री बन चुकी हैं। उन्होंने अपने मंत्रिमंडल में तीन नए मंत्रियों को शामिल किया है जिसमें कुलमन घीसिंग, रामेश्वर खनाल, ओमप्रकाश आर्यल को सोमवार 15 सितंबर को शपथ दिलवाई जा चुकी है। सुशीला कार्की 14 सितंबर रविवार को अपना पद संभाल चुकी है। राष्ट्रपति रामचंद्र पांडे ने अनुशंसा पर उनकी नियुक्ति की थी।
किन मंत्रियों को कौन सा पद मिला है
ओम प्रकाश आर्यल
ओम प्रकाश आर्यल को कानून और गृह मंत्रालय संभालने का मौका मिला है।
रामेश्वर खनाल
रामेश्वर खनाल वित्त मंत्री का पद संभालेंगे।
कुलमन घीसिंग
कुलमन घीसिंग को ऊर्जा जल संसाधन और शहरी विकास मंत्रालय का कार्यभार संभालने का अवसर मिला है।
क्या नेपाल में संकट टल गया है?
नेपाल के वरिष्ठ पत्रकारों का कहना है कि नेपाल में लोकतंत्र के सारे स्तंभ जला दिए गए हैं लेकिन रॉयल पैलेस नारायण सिटी को किसी ने भी नहीं छुआ है। राजा ज्ञानेंद्र का आवास भी सुरक्षित रहा है। लग तो रहा था कि राजशाही दोबारा वापस आ सकती है लेकिन ऐसे में राष्ट्रपति ने अपनी भूमिका निभाई है। राष्ट्रपति नहीं चाहते थे कि संसद को भंग किया जाए इसलिए उन्होंने खुद संसद को भंग नहीं किया लेकिन ऐसा नहीं है कि संकट अभी टल गया है। आगे का रास्ता नई सरकार के लिए चुनौतियों से भरा होने वाला है।
क्या राष्ट्रपति ने या सेना ने अपनी भूमिका निभाई है या दोनों ने मिलकर निभाई है अपनी भूमिका?
कुछ लोगों का कहना है कि राष्ट्रपति ने अकेले ही स्थिति संभाली है। तो कुछ लोगों का कहना है कि राष्ट्रपति को भी प्रधानमंत्री की तरह ही त्यागपत्र देने के लिए विवश किया गया था लेकिन उन्होंने त्यागपत्र देने की जगह अपनी जान देना स्वीकार किया और कहा अगर जेन जी मुझसे त्यागपत्र चाहते हैं तो वह मेरी हत्या कर दें लेकिन मै त्यागपत्र नहीं दे सकता। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि सेना और राष्ट्रपति ने मिलकर इस स्थिति को संभाला है।