Infosys Share Buyback: भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी सेवा प्रदाता कंपनी Infosys ने हाल ही में अपने इतिहास का सबसे बड़ा share buyback (शेयर पुनर्खरीद) योजना का ऐलान किया है। कंपनी ने ₹18,000 करोड़ (लगभग 2.04 बिलियन डॉलर) मूल्य का शेयर बायबैक करने की मंजूरी दी है। इस घोषणा के बाद जहां अमेरिकी बाजार में Infosys के शेयरों में हल्की तेजी देखने को मिली, वहीं मुंबई स्टॉक एक्सचेंज में इसके शेयर 1.5% की गिरावट के साथ ₹1,509.7 पर बंद हुए।
यह खबर निवेशकों, बाजार विशेषज्ञों और आईटी इंडस्ट्री के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। आइए विस्तार से जानते हैं कि Infosys share buyback का क्या मतलब है, यह निवेशकों को कैसे प्रभावित करेगा और कंपनी ने यह कदम क्यों उठाया है।
Infosys Share Buyback क्या है?
शेयर बायबैक एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कंपनी अपने ही शेयरों को निवेशकों से एक तय कीमत पर वापस खरीदती है। इस प्रक्रिया से न केवल शेयरधारकों को लाभ होता है बल्कि कंपनी की वैल्यू और ब्रांड इमेज पर भी सकारात्मक असर पड़ता है।
Infosys ने इस बार प्रति शेयर ₹1,800 के दाम पर बायबैक की घोषणा की है। यानी, अगर किसी निवेशक के पास Infosys का शेयर है, तो वे इस स्कीम के तहत उसे कंपनी को बेचकर निश्चित लाभ कमा सकते हैं।
Infosys Share Buyback की प्रमुख बातें
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कुल मूल्य – ₹18,000 करोड़ (लगभग $2.04 बिलियन)
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बायबैक प्राइस – प्रति शेयर ₹1,800
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मार्ग – टेंडर ऑफर रूट
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इतिहास में पांचवां बायबैक – Infosys ने अब तक 5 बार बायबैक किया है, पिछला 2022-2023 में हुआ था।
निवेशकों के लिए इसका क्या मतलब है?
1. निश्चित रिटर्न का मौका
अगर निवेशक ₹1,509.7 (क्लोजिंग प्राइस) पर Infosys के शेयर रखते हैं और उन्हें ₹1,800 पर कंपनी को बेचते हैं, तो उन्हें अच्छा-खासा रिटर्न मिलेगा।
2. शेयरहोल्डर वैल्यू में वृद्धि
बायबैक से कंपनी के शेयरों की मांग बढ़ सकती है, जिससे मार्केट में उनकी वैल्यू मजबूत होती है।
3. कैश रिजर्व का सही उपयोग
Infosys जैसी कैश-रिच कंपनी जब बायबैक करती है, तो यह निवेशकों को संकेत देती है कि कंपनी के पास पर्याप्त फंड है और वह इसे शेयरहोल्डर्स के हित में इस्तेमाल कर रही है।
Infosys Share Buyback क्यों किया जाता है?
कंपनी के इस कदम के पीछे कई रणनीतिक कारण हैं –
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निवेशकों को आकर्षित करना – बायबैक से निवेशकों को निश्चित लाभ का भरोसा मिलता है।
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शेयर की कीमत स्थिर करना – जब कंपनी बाजार से शेयर वापस खरीदती है, तो डिमांड बढ़ने से शेयर की कीमत पर सकारात्मक असर पड़ता है।
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अतिरिक्त नकदी का उपयोग – Infosys जैसी आईटी कंपनी के पास अक्सर कैश रिजर्व होता है, जिसे वह निवेशकों के हित में उपयोग करती है।
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बाजार में विश्वास बढ़ाना – लगातार बायबैक करने से कंपनी का भरोसा और मजबूत होता है।
मार्केट विशेषज्ञों की राय
मार्केट रिसर्च फर्म UnearthInsight के फाउंडर गौरव वासु का कहना है कि –
“भारतीय आईटी कंपनियां अभी भी निवेशक-हितैषी बनी हुई हैं और बायबैक करती रहती हैं। हालांकि, उन्हें अमेरिकी कंपनियों की तरह AI और क्लाउड-आधारित प्रोडक्ट्स पर भी ज्यादा ध्यान देना चाहिए।”
इस बयान से साफ है कि जहां बायबैक एक सकारात्मक कदम है, वहीं भविष्य में Infosys जैसी कंपनियों को प्रोडक्ट इनोवेशन और AI-ड्रिवन टेक्नोलॉजी पर फोकस करने की ज़रूरत है।
अमेरिकी और भारतीय बाजार की प्रतिक्रिया
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अमेरिकी बाजार – Infosys के शेयर $16.99 पर 0.03% बढ़कर बंद हुए।
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भारतीय बाजार – मुंबई में Infosys के शेयर 1.5% गिरकर ₹1,509.7 पर बंद हुए।
यह अंतर बताता है कि भारतीय निवेशक अल्पकालिक उतार-चढ़ाव को लेकर सतर्क हैं, जबकि विदेशी बाजार में इस ऐलान का स्वागत हुआ।
Infosys के पिछले बायबैक
Infosys ने अब तक पांच बार शेयर बायबैक किए हैं।
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2017 – पहला बड़ा बायबैक
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2019 – दूसरा
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2021 – तीसरा
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2022-23 – चौथा
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2025 – अब तक का सबसे बड़ा बायबैक
हर बार बायबैक से निवेशकों को लाभ हुआ है और कंपनी की वैल्यू में इज़ाफा हुआ है।
Infosys Share Buyback से जुड़ी चुनौतियाँ
हालांकि बायबैक निवेशकों के लिए अच्छा संकेत है, लेकिन इसमें कुछ चुनौतियाँ भी हैं –
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शेयर मार्केट का उतार-चढ़ाव निवेशकों की वास्तविक कमाई पर असर डाल सकता है।
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लंबी अवधि में अगर कंपनी इनोवेशन पर ध्यान न दे, तो केवल बायबैक से ग्रोथ कायम नहीं रह सकती।
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निवेशक अल्पकालिक लाभ के लिए बायबैक का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे कंपनी के दीर्घकालिक निवेशकों की संख्या प्रभावित हो सकती है।
Infosys Share Buyback – निवेशकों के लिए रणनीति
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जिन निवेशकों के पास Infosys के शेयर पहले से हैं, वे बायबैक में हिस्सा लेकर निश्चित लाभ कमा सकते हैं।
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लंबी अवधि के निवेशकों को सोचना चाहिए कि क्या वे अपने शेयर बेचना चाहते हैं या भविष्य की ग्रोथ पर भरोसा करके उन्हें होल्ड करना चाहते हैं।
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नए निवेशक कंपनी की मजबूत बैलेंस शीट और AI/क्लाउड की भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए इसे अपने पोर्टफोलियो में शामिल कर सकते हैं।
निष्कर्ष
Infosys का ₹18,000 करोड़ का share buyback न केवल उसके इतिहास का सबसे बड़ा बायबैक है, बल्कि यह निवेशकों के लिए भी एक सुनहरा मौका है। कंपनी ने यह दिखा दिया है कि उसके पास न केवल मजबूत कैश रिजर्व है बल्कि वह अपने शेयरहोल्डर्स के हितों का भी ध्यान रखती है।
हालांकि, बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि Infosys को अब केवल सर्विस-ड्रिवन मॉडल तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि AI और क्लाउड-आधारित प्रोडक्ट्स पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
कुल मिलाकर, अगर आप Infosys में निवेशक हैं, तो यह बायबैक आपके लिए निश्चित लाभ का अवसर है। वहीं, अगर आप नए निवेशक हैं, तो Infosys जैसी मजबूत कंपनी में निवेश लंबी अवधि के लिए एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है।