आज का दिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के नाम आईए जानते हैं क्यों बैठे मोदी और पुतिन एक कार में, पुतिन जेलेंस्की से किस शर्त पर मिलने के लिए हुए हैं तैयार और पुतिन ने क्या कहा, बिना अमेरिका का नाम लिए अमेरिका की बादशाहत और एक ध्रुवीय विश्व के अंत के विषय में
प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन ने की एक गाड़ी में मुलाकात
एससीओ शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने 10 मिनट तक प्रधानमंत्री मोदी का इंतजार एक गाड़ी में बैठकर किया। प्रधानमंत्री मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन एक ही गाड़ी में बैठकर एससीओ सम्मेलन तक गए। सम्मेलन में पहुंचने से पहले दोनों नेताओं ने 45 मिनट तक गाड़ी में ही आपस में वार्ता की। दोनों नेता 1 घंटे तक एक गाड़ी में ही एक दूसरे से वार्तालाप करते रहे। जानकार लोगों का कहना है कि दोनों नेताओं ने एक गाड़ी में इसलिए बात की ताकि किसी तीसरे व्यक्ति को ना पता चले कि उन्होंने किस विषय में विचार विमर्श किया। अंदाजा लगाया जा रहा है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और भारत के प्रधानमंत्री मोदी के बीच कई संवेदनशील विषयों पर बात हुई।
क्या कहना है प्रधानमंत्री मोदी का इस विषय में ?
प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन और अपनी इस वार्ता के विषय में कहा कि इस साल दिसंबर में पुतिन भारत की यात्रा पर आएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने पुतिन के प्रयासों का भी स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से कहा कि हमें उम्मीद है कि सभी पक्ष इस प्रक्रिया में रचनात्मक रूप से आगे बढ़ेंगे।
पुतिन तैयार है जेलेंस्की से मीटिंग के लिए लेकिन चाहते हैं मास्को में ही वार्ता
रूस के राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मिलने के लिए मास्को में तैयार हो गए हैं लेकिन उन्होंने कहा है क्या कीव की मौजूदा राजनीतिक और संवैधानिक स्थिति को देखते हुए ऐसी किसी बातचीत का कोई महत्व होगा। पुतिन ने कहा, यूक्रेन और पश्चिमी देश अगर व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाएं तो इस बातचीत, इस संघर्ष का राजनीतिक समाधान संभव है। पुतिन ने कहा यदि समझदारी से काम किया जाए तो इस संघर्ष को समाप्त किया जा सकता है। यदि ऐसा नहीं हुआ तो हमें अपने लक्ष्य को सैन्य तरीकों से प्राप्त करना होगा।
पुतिन ने कहा मैंने कभी भी जेलेंस्की से मिलने से इनकार नहीं किया
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कहा मैंने कभी भी जेलेंस्की से मिलने से इनकार नहीं किया है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह सार्थक होगा? यूक्रेन एक अवैध नेता के कारण रूकावटों का सामना कर रहा है। एक ऐसा संविधान जो जनमत संग्रह और मार्शल लॉ प्रावधानों की मांग करता है जिसे हमेशा के लिए बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा रूस का युद्ध का मकसद जमीन पर कब्जा करना नहीं है बल्कि विवादित क्षेत्र में सांस्कृतिक और भाषाई अधिकारों की रक्षा करना है। उन्होंने कहा हम जमीन के लिए नहीं लड़ रहे, हम लोगों के अधिकार के लिए लड़ रहे हैं अपनी भाषा बोलने और अपनी संस्कृति का पालन करने के लिए यदि भी लोग लोकतांत्रिक तरीके से रूस का हिस्सा बनना चुनते हैं तो हमें उनके फैसलों का सम्मान करना चाहिए।
रूस नहीं चाहता यूक्रेन का नाटो में शामिल होना
पुतिन ने कहा हम नहीं चाहते यूक्रेन नाटो में शामिल हो यह हमारी सुरक्षा के लिए सीधा खतरा है। हर देश को अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने का अधिकार है। हमने कभी भी यूक्रेन का आर्थिक गतिविधियों में शामिल होने से इनकार नहीं किया है।
पुतिन ने कहा एक ध्रुवीय विश्व व्यवस्था को समाप्त हो जाना चाहिए
पुतिन ने अपनी चीन दौरे के समापन पर एक प्रेस वार्ता में कहा कि अब एक ध्रुवीय विश्व व्यवस्था को समाप्त हो जाना चाहिए अब एक बहुध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था की आवश्यकता है जिसमें किसी भी देश का वर्चस्व ना हो। और सभी राजसमंद अधिकार के साथ सहभागिता करें। पुतिन के इस बयान से अमेरिका और डोनाल्ड ट्रंप के एकाधिकार और बादशाहत को खतरा महसूस होता दिख रहा है।