केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का नाम एफआईआर में दर्ज किया है। एजेंसी ने उनके कार्यकाल के दौरान संस्थान में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में एफआईआर दर्ज की है। एजेंसी ने आईपीसी की धारा 120बी (आपराधिक साजिश) को धारा 420 आईपीसी (धोखाधड़ी और बेईमानी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (2018 में संशोधित) की धारा 7 के साथ लगाया है, जो एक लोक सेवक द्वारा अवैध रूप से रिश्वत लेने को कवर करता है।
कल के विरोध प्रदर्शन का समर्थन कौन कर रहा है?
प्रशिक्षु डॉक्टर के कथित बलात्कार और हत्या के खिलाफ़ प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर राज्य भर में रैलियाँ और प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं पश्चिमबंगा छात्र समाज मंगलवार को नबन्ना अभियान (नबन्ना तक मार्च) की तैयारी कर रहा है। इसे देखते हुए, कोलकाता पुलिस यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था करने पर काम कर रही है कि कल यूजीसी-नेट परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों को अपने केंद्रों तक पहुँचने में कोई समस्या न हो। संगठन गैर-राजनीतिक होने का दावा करता है, लेकिन भाजपा नेताओं ने विरोध का समर्थन किया है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने नियोजित विरोध मार्च को रोकने के अनुरोध को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि शांतिपूर्ण विरोध के मौलिक अधिकार को प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता है।
सीबीआई जांच की स्थिति क्या है?
मुख्य आरोपी संजय रॉय जो 14 दिन की न्यायिक हिरासत में है, उसका रविवार को कोलकाता की प्रेसिडेंसी सेंट्रल जेल में पॉलीग्राफ टेस्ट हुआ, जहां उसे रखा गया है। यह परीक्षण यह निर्धारित करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है कि यह सामूहिक बलात्कार था या किसी एक अपराधी का कृत्य था। उसी दिन पहले, सीबीआई अधिकारियों ने, जिन्होंने राज्य द्वारा संचालित मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कथित भ्रष्टाचार के एक मामले को भी अपने हाथ में लिया है, पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष के घर और शहर में कई अन्य स्थानों पर तलाशी ली।