भगवान गणेश को क्या प्रिय है? भगवान गणेश को प्रिय चार मोदक बनाने की विधि

भगवान गणेश को क्या प्रिय है? भगवान गणेश को प्रिय चार मोदक बनाने की विधि

भगवान गणेश 10 दिन के लिए पृथ्वी पर है। ऐसे में सभी भक्त भगवान की भक्ति में लीन हैं ।भगवान को खुश करने के लिए सभी मोदक का भोग लगाना चाहते हैं आईए जानते हैं चार प्रकार के मोदक बनाने की विधि 

भगवान गणेश के 10 दिन दस रूपों की होती है पूजा

भगवान गणेश के 10 रूपों की पूजा 10 दिनों में होती है । पहले दिन गणाधिप, दूसरे दिन उमा पुत्र, तीसरे दिन अघनाशन, चौथे दिन विनायक पांचवें दिन ईश पुत्र, छठे दिन सर्व सिद्धि प्रदायक, सातवें दिन एकदंत, आठवें दिन इभवक्र, चौथे दिन मूषक वाहन, दसवें दिन कुमार गुरु स्वरूप की पूजा होती है 

भगवान गणेश का सिद्ध मंत्र 

भगवान गणेश का मूल मंत्र ओम गं गणपतये नमः है। आप गणेश चालीसा, सुबह की आरती से पहले गणेश अथर्वशीर्ष पाठ किया जाता है। गणेश गायत्री मंत्र, विघ्न विनाशक मंत्र का 108 बार जाप भी कर सकते हैं। 

भगवान गणेश को क्या प्रिय है? 

 भगवान गणेश को पुष्पों में गेंदा गुड़हल पारिजात का फूल अति प्रिय है। भगवान गणेश को भोग में खीर, लड्डू और मोदक प्रिय हैं।

भगवान गणेश को क्या अर्पित नहीं किया जाता?

 भगवान गणेश को सफेद रंग की चीज अर्पित नहीं की जाती सफेद वस्त्र सफेद पुष्प सफेद चंदन केतकी का फूल तुलसी के पत्ते भगवान को अर्पित नहीं किए जाते। 

भगवान गणेश को प्रिय हैं मोदक

भगवान गणेश को मोदक अति प्रिय हैं। भगवान गणेश को चावल के आटे के मोदक अति प्रिय है। आइए जाने कैसे बनाए जाते हैं विभिन्न प्रकार के मोदक 

स्टीम्ड मोदक, उकडीचे मोदक

इन मोदकों को प्राचीन काल से बनाया जा रहा है। ये चावल के आटे, गुड़ और नारियल से बनते हैं। चावल के आटे को हल्के गर्म पानी से मुलायम गूंध कर उस आटे में कसा हुआ नारियल गुड़ और इलायची के बुरादे का भरावन भरा जाता है। चावल के आटे की लोई बनाकर उसमें भरावन भरकर मोदक शेपर में डालकर मोदक का शेप दिया जाता है किसी बड़े बर्तन में पानी भरकर उसके ऊपर कोई छेद वाला बर्तन या जाली रखकर उसे किसी बड़ी थाली से ढक कर 15 या 20 मिनट तक जब तक मोदक अच्छे से पक ना जाए पानी को उबलने दिया जाता है। मोदक के पास जाने पर ठंडा करने के लिए किसी दूसरे बर्तन में निकल लिया जाता है। ठंडा होने पर मोदक का भोग भगवान गणेश को लगाया जाता है।

चॉकलेट मोदक 

गणपति बप्पा के साथ-साथ आपके बच्चों को भी ये मोदक बहुत भाएंगे। इन मोदकों को बनाने के लिए आपको आवश्यकता होगी चॉकलेट बिस्किट, कंडेंस्ड मिल्क और चॉकलेट चिप्स की। तीनों चीजों को आपस में मिलाकर अच्छे से आटे जैसा गूंध लें। मोदक के सांचे को देसी घी लगाकर उसमें इस मिश्रण को भर दे बस आपके चॉकलेट मोदक तैयार हैं।

तलनिचे मोदक, फ्राइड मोदक 

महाराष्ट्र में यह मोदक भी बहुत पसंद किए जाते हैं। ये बहुत क्रिस्पी होते हैं और अंदर से सॉफ्ट होते हैं। चावल के आटे की जगह इनमें मैदे की लेयरिंग होती है। मैदे को घी का मोयन देकर दूध से गूंथकर मुलायम आटा तैयार कर लिया जाता है। इस आटे को एक गीले कपड़े से ढककर आधे घंटे के लिए रखने के बाद इन लड्डूओं को बनाया जाता है। मैदे की लोइयां बनाकर उनमें गुड़ पाउडर, कसा नारियल और इलायची पाउडर के मिश्रण को भरा जाता है। मोदक के सांचे में मोदक का शेप देकर या फिर हाथ से लड्डू का शेप देखकर इन्हें तला जाता है।

बेसन के मोदक 

बेसन के मोदक बनाने के लिए बेसन, सूजी, दूध, दूध पाउडर, चीनी, नारियल के बुरादे, इलायची पाउडर और पिस्ते के टुकड़े की आवश्यकता होती है। बेसन के मोदक बनाने के लिए बेसन को धीमी आंच पर भूनना होता है। बेसन के बाद सूजी को धीमी आंच पर भूना जाता है। सूजी और बेसन को जब तक भूनने की खुशबू ना आए तब तक भूना जाता है।

 बेसन और सूजी को आपस में मिलाकर उसमें ड्राई फ्रूट्स, इलायची पाउडर डाला जाता है। एक दूसरी कढ़ाई में हल्के गरम दूध में दूध पाउडर अच्छी तरह से मिलाया जाता है। ताकि किसी प्रकार की गुठली ना पड़ पाए अब इसमें नारियल पाउडर और चीनी मिलाकर अच्छी तरह से उबाल लिया जाता है। अब इस दूध को बंद करके ठंडा किया जाता है।

 इस दूध में सूजी और बेसन के मिश्रण को धीरे-धीरे डाला जाता है। इनको अच्छी तरह से मिलाना होता है ताकि कोई गांठ न पढ़ने पाये। इसको अच्छी तरह से मिलाने पर यह मुलायम गूंधे आटे जैसा गुंध जाता है। अब इसमें एक चम्मच देसी घी मिलाकर ठंडा होने पर इसे और अच्छी तरह से गूंधा जाता है। अब इस मिश्रण को मोदक शेपर में डालकर मोदक का शेप दे दिया जाता है।

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