6 दिन की तेजी क्यों टूटी?
भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) ने शुक्रवार, 22 अगस्त 2025 को अचानक करवट बदल ली। बीते छह कारोबारी सत्रों में लगातार तेजी देखने के बाद निवेशकों को यह उम्मीद नहीं थी कि बाजार इतनी बड़ी गिरावट दिखाएगा। सेंसेक्स (Sensex) 694 अंक टूटकर 81,306.85 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 (Nifty 50) 214 अंक गिरकर 24,870.10 पर टिक गया। इस गिरावट ने निवेशकों की कमाई पर गहरी चोट की है।
वैश्विक कारण: अमेरिकी टैरिफ और भू-राजनीतिक तनाव
भारतीय बाजार पर वैश्विक दबाव का गहरा असर पड़ा।
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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 27 अगस्त से भारत और चीन पर 50% आयात शुल्क लगाने की घोषणा ने विदेशी निवेशकों का भरोसा हिला दिया।
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रूस और यूक्रेन के बीच लगातार बढ़ते तनाव ने भी वैश्विक शेयर बाजारों में बिकवाली का माहौल बना दिया।
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अमेरिकी शेयर बाजार (US Stock Market) भी दबाव में रहा, जिसका सीधा असर भारतीय निवेशकों की धारणा पर पड़ा।
साप्ताहिक प्रदर्शन: गिरावट के बावजूद बढ़त बरकरार
दिलचस्प बात यह है कि शुक्रवार की भारी गिरावट के बावजूद साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स और निफ्टी दोनों करीब 1% ऊपर रहे। इसका मतलब है कि बाजार में अभी भी मजबूती की उम्मीद बाकी है।
टॉप गेनर्स: किन कंपनियों ने किया शानदार प्रदर्शन?
निफ्टी 50 इंडेक्स में कुछ शेयरों ने गिरावट के बीच भी मजबूती दिखाई —
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महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) – 0.74% की बढ़त
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मारुति सुजुकी – 0.63% की बढ़त
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भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) – 0.25% की बढ़त
टॉप लूजर्स: सबसे ज्यादा पिटे शेयर
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ग्रासिम इंडस्ट्रीज – 2.55% की गिरावट
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एशियन पेंट्स – 2.40% की गिरावट
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अडानी एंटरप्राइजेज – 2.28% की गिरावट
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इंफोसिस, टाटा स्टील, HDFC बैंक जैसे बड़े शेयरों में भी बिकवाली देखने को मिली।
सेक्टोरल इंडेक्स का हाल
लगभग सभी सेक्टर दबाव में रहे।
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निफ्टी बैंक – 1.09% नीचे
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फाइनेंशियल सर्विसेज – 0.96% नीचे
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PSU बैंक, प्राइवेट बैंक, FMCG, मेटल, IT, रियल्टी और ऑयल-गैस सेक्टर में 1% तक की गिरावट
इससे साफ है कि बाजार की कमजोरी व्यापक थी, सिर्फ कुछ चुनिंदा शेयर ही बच पाए।
सबसे ज्यादा ट्रेड होने वाले शेयर
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वोडाफोन आइडिया – 166 करोड़ शेयर
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ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी – 26.82 करोड़ शेयर
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सगिलिटी इंडिया – 10.6 करोड़ शेयर
इन शेयरों में निवेशकों की सबसे ज्यादा दिलचस्पी देखने को मिली।
15% से ज्यादा चढ़े शेयर
गिरावट वाले दिन भी 11 कंपनियों के शेयर 15% से ज्यादा उछले। इनमें शामिल हैं:
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केम्बॉन्ड केमिकल्स
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कार्गोसोल लॉजिस्टिक्स
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पर्पल एंटरटेनमेंट
यह इस बात का संकेत है कि बाजार में हर समय अवसर मौजूद रहते हैं, बस सही नजर रखने की जरूरत है।
52 हफ्ते का हाई और लो
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151 शेयर अपने 52-हफ्ते के उच्चतम स्तर पर पहुंचे।
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53 शेयर अपने 52-हफ्ते के निचले स्तर पर टूट गए।
यह असमानता बताती है कि निवेशकों की रणनीति अलग-अलग सेक्टरों पर निर्भर है।
मार्केट कैप में निवेशकों का नुकसान
BSE में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप ₹456.3 लाख करोड़ से घटकर ₹454 लाख करोड़ रह गया।
👉 सिर्फ एक दिन में निवेशकों के ₹2 लाख करोड़ डूब गए।
टेक्निकल एनालिसिस: निफ्टी का आगे का रास्ता
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सपोर्ट लेवल: 24,800 – 24,700
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रेज़िस्टेंस लेवल: 25,100 – 25,225
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर निफ्टी 24,700 से नीचे फिसलता है तो यह 200-DMA (24,050) तक जा सकता है।
निवेशकों के लिए रणनीति
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अल्पकाल में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा।
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लंबी अवधि के निवेशक अभी घबराएँ नहीं, बल्कि मजबूत कंपनियों में गिरावट का फायदा उठाएँ।
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ट्रेडर्स को सपोर्ट और रेज़िस्टेंस लेवल्स पर ध्यान देना चाहिए।
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वैश्विक समाचार और अमेरिकी नीतियों पर नज़र बनाए रखना जरूरी है।
निष्कर्ष
भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार की गिरावट अल्पकालिक वैश्विक कारणों की वजह से है। घरेलू अर्थव्यवस्था अब भी मजबूत है और लंबी अवधि में Sensex और Nifty 50 दोनों ऊँचाई पर जा सकते हैं। निवेशकों को धैर्य और समझदारी से आगे बढ़ना होगा।