रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने रखी रूस यूक्रेन युद्ध विराम के लिए तीन शर्तें क्या जेलेंस्की मानेंगे?

रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने रखी रूस यूक्रेन युद्ध विराम के लिए तीन शर्तें क्या जेलेंस्की मानेंगे?

रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने रूस और यूक्रेन युद्ध विराम के लिए तीन शर्ते रखी है आइए जानें इन तीन शर्तों के बारे में 

रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन से युद्ध विराम के लिए सार्वजनिक किया है तीन शर्तों को 

रूस के राष्ट्रपति पुतिन की पहली शर्त पूर्वी डोनबास क्षेत्र को छोड़ने की मांग

रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन से पूर्वी डोनबास क्षेत्र को छोड़ने की मांग की है व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन से कहा है कि वह पूर्वी डोना बास क्षेत्र को रूस के अधिकार क्षेत्र में दे दे। 

रूस के राष्ट्रपति की दूसरी शर्त

रूस ने यूक्रेन से नाटो में शामिल होने की इच्छा को त्यागने की बात की है।   रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन से कहा है कि वह नाटो में शामिल होने की अपनी महत्वाकांक्षा को त्याग दे।

रूस के राष्ट्रपति की तीसरी शर्त

रूसी राष्ट्रपति की यूक्रेन से तीसरी मांग है कि यूक्रेन अपने देश में पश्चिमी सैनिकों का प्रवेश न होने दे। यूक्रेन पश्चिमी सैनिकों को अपने देश से बाहर रखें और तटस्थ रहे।

पुतिन ने जेलेंस्की से मुलाकात से पहले रखी अपनी तीन शर्ते 

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अलास्का में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात कर चुके हैं जहां उन्होंने रूस और यूक्रेन के युद्ध के समाप्त होने के पहली बार अमेरिका से कोई बात की थी। रूस और अमेरिका की यह शिखर वार्ता 3 घंटे तक चली थी। इस शिखर वार्ता में दोनों नेताओं में रूस और यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने और समझौते के विषय में विचार विमर्श हुआ था। 

ट्रंप और पुतिन ने एक साथ किया था प्रेस मीडिया को संबोधित 

ट्रंप और पुतिन ने शिखर सम्मेलन के बाद एक साथ प्रेस को संबोधित किया था वहां पर रूस के राष्ट्रपति ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि यह बैठक यूक्रेन में शांति का मार्ग प्रशस्त करेगी। दोनों देश के राष्ट्रपतियों ने रूस और यूक्रेन के युद्ध के विषय में ज्यादा कुछ नहीं कहा था। उनका इस विषय पर ज्यादा बात ना करना शायद संवेदनशील मुद्दों को मीडिया के सामने पूरी तरह से ना खोलना रहा होगा। पर ऐसा लग रहा था कि इसी सम्मेलन में पुतिन अपनी मांगों की एक लिस्ट डोनाल्ड ट्रंप को सौंप चुके हैं।

पुतिन की सभी शर्तों में सबसे प्रमुख है यूक्रेन को नाटो में न शामिल किया जाना है। पुतिन चाहते हैं कि यूक्रेन नाटो सदस्यता को छोड़े और कानूनी रूप से गारंटी लेकर आगे पूर्व की ओर विस्तार नहीं करेगा। पुतिन चाहते हैं कि यूक्रेन अमेरिकी नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन से कानूनी रूप से गारंटी ले कि वह आगे पूर्व की ओर विस्तार नहीं करेगा और जेलेंस्की यूक्रेन में शांति सेना के नाम पर पश्चिमी सैनिक तैनात ना करें।

पुतिन ने किया है क्षेत्रीय मांगों पर समझौता 

रूस और यूक्रेन के युद्ध समाप्त करने के लिए पुतिन ने जून 2024 में कुछ मांगे रखी थी जिसमें पुतिन ने यूक्रेन से अपने कब्जे वाले चार प्रमुख क्षेत्रों को रूस को सौंपने के लिए कहा था। रूस के राष्ट्रपति पुतिन का कहना था कि यूक्रेन को मास्को के कब्जे वाले चार प्रदेशों को रूस को सौंप देना चाहिए। इन चार प्रांतों में डोटेस्क और लुहान्सक जो पूर्वी यूक्रेन में स्थित है। जिसे डोनबास भी कहते हैं और जिसे अभी भी पुतिन मांग रहे हैं। दक्षिण में खेरसाॅन और जापोरिज्जिया शामिल है। यूक्रेन ने पुतिन की इन शर्तों को पूरा करने का से इंकार करते हुए कहा था कि इन शर्तों को मानना आत्मसमर्पण के समकक्ष है।

ऐसा कहते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की में रूस की जून 2024 की शर्तों को मानने से इनकार कर दिया था। पुतिन की अभी की जो मांगे हैं वह कुछ हद तक जून 2024 की मांगों जैसी ही हैं ।पहले भी वो डोनबास पर नियंत्रण चाहते थे और अभी भी लेकिन पहले वो डोनबास के अलावा दो प्रांतों को और मांग रहे थे लेकिन इस बार उन्होंने सिर्फ डोनबास पर ही नियंत्रण के लिए कहा है।

अब रूस अपने क्षेत्र वाले कुछ हिस्से यूक्रेन को सौंपने के लिए है तैयार पर क्या जेलेंस्की मान रहे हैं?

रूस खुद भी यूक्रेन में अपनी नियंत्रण रेखा वाले खार्किव, सुमी और निप्रोपैटौस क्षेत्र के छोटे हिस्सों को यूक्रेन को सौंपने के लिए तैयार है। लेकिन यूक्रेन के राष्ट्रपति इन प्रस्ताव को फिर से अस्वीकार कर रहे हैं उनका कहना है कि डोनबास को छोड़ना संभव ही नहीं है और यूक्रेन के संविधान में नाटो सदस्यता एक रणनीतिक लक्ष्य है और यही उसकी सबसे मजबूत सुरक्षा गारंटी है।

 

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