शेयर मार्केट बाजार के उतार-चढ़ाव के बीच आज 20 अगस्त को कैसा रहने वाला है, साथ ही साथ जानें क्या सेबी इंडेक्स ऑप्शंस में इंट्राडे पोजीशन की लिमिट बढ़ा सकता है ?
शेयर मार्केट आज 20 अगस्त को कैसा रहने वाला है
कल मंगलवार को शेयर बाजार में निफ़्टी 103 अंकों की बढ़त के साथ 24,981 पर बंद हुआ। कल निफ्टी ने बढत तो हासिल की लेकिन यह तनाव में ही रहा। यह बढ़त 25000 के स्तर तक भी नहीं पहुंच पाई ।निफ़्टी कल लगातार दूसरे दिन बढ़त पर रहा। शुरुआत में निफ्टी ने 25,000 के स्तर को पार कर लिया था लेकिन बाद में यह फिर से 24491 पर पहुंच गया। विशेषज्ञों के अनुसार आज बुधवार को निफ्टी में पॉजिटिव ट्रेंड आगे भी जारी रहने वाला है।
आज 20 अगस्त को वित्तीय स्थिति से क्या होने वाला है खास
आज शेयर बाजार ब्रिटेन और यूरोजोन की प्रिंट और अमेरिकी फील्ड के मिनट्स पर आधारित रहेगा। आज निवेशक गेमिंग स्टॉक पर भी नजर रखने वाले हैं। विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में ऑनलाइन गेमिंग बिल को स्वीकार कर लिया है।
विशेषज्ञों का कहना कैसा रहने वाला है आज शेयर मार्केट
विशेषण का कहना है की सेक्टर स्पेशल राहत उपाय सरकार की नीतिगत मदद और मजबूत इंस्टीट्यूशन इन्वेस्टमेंट फ्लो शॉर्ट टर्म में तेजी की वजह बन सकता है। इंट्राडे गिरावट को बाजार आसानी से संभाल पा रहा है विशेषज्ञों ने बाय ऑनडिप्स यानी गिरावट पर खरीदारी की रणनीति अपनाने की सलाह दी है विशेषज्ञ का कहना है और अगर निफ्टी ने अपने स्तर को पार कर लिया तो यह 25670 तक भी पहुंच सकता है। विशेषज्ञों का कहना है की निफ्टी कम समय में ही 25,300 के स्तर तक भी जा सकता है लेकिन अभी तुरंत सपोर्ट में से 24,850 पर देखा जा रहा है।
24,850 एक मजबूर सपोर्ट है रेजिस्टेंस 25020 के पास है जो कि 50 दिन की मूविंग एवरेज से मिलता है निफ्टी ने अगर इस स्तर को पार कर लिया तो यह 25100 से 25,300 तक भी जा सकता है। अगर निफ्टी 24800 के ऊपर रहेगा तो बाजार सकारात्मक रहने वाला है अगर निफ्टी ने 25000 के ऊपर लगातार ट्रेंड किया तो बाजार और सकारात्मक हो सकता है।
क्या सेबी इंडेक्स ऑप्शंस में इंट्राडे पोजीशन की लिमिट बढ़ा सकता है ?
सेबी इंडेक्स ऑप्शंस में इंट्राडे पोजीशन की लिमिट बढ़ाने पर विचार कर रहा है। सेबी का मुख्य उद्देश्य इस समय एक्सपायरी डेट पर होने वाली काफी ज्यादा ट्रेडिंग को कम करना है। अभी तक इंट्राडे पोजीशन के लिए कोई तय सीमा नहीं है। एक्सचेंज इंडेक्स ऑप्शंस के लिए इंट्राडे और ऑफडे लिमिट्स को मॉनिटर करते हैं। नेट डेल्टा के आधार पर यह 1,500 करोड रुपए और ग्रोस बेसिस पर 10,000 करोड़ रुपए है।
सेबी कर चुका है एक्सपायरी डे डेटा की जांच
सेबी ने निफ्टी और सेंसेक्स के एक्सपायरी डे डाटा की जांच शुरू की है ।सेबी के अनुसार इंट्राडे ट्रेड के दौरान पोजिशन इन लेवल से अधिक रहे हैं।
क्या होगी इंट्राडे मॉनिटरिंग की सीमा?
सेबी का कहना है की एक्सपायरी डेट पर ट्रेडिंग में तेजी को कम करने के लिए मॉनिटरिंग की सीमा को बढ़ाकर 5,000 करोड़ रुपए किया जा सकता है। सेबी का कहना है कि ग्रॉस पोजीशन के लिए यह सीमा 10,000 करोड रुपए ही रहेगी। सेबी ने फरवरी 2025 में भी इंट्राडे पोजीशन की लिमिट बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था लेकिन बाद में यह प्रस्ताव वापस ले लिया गया था। सेबी का कहना है की एक्सपायरी डे पर एक्सपायर होने वाली पोजीशन से एंड ऑफ डे का पता नहीं चल पाता ऐसे में ओवर साइज्ड एक्स्पोज़र के लिए इंट्राडे मॉनिटरिंग करना आवश्यक है।
सेबी चाहता है सिस्टमैटिक रिस्क को कम करना
सेबी का उद्देश्य मार्केट की इंटीग्रिटी बनाए रखने के साथ साथ लिक्विडिटी प्रोवाइड्स और मार्केट मेकर्स के लिए सुविधा एकत्रित करना है सेबी नहीं चाहता लिक्विडिटी प्रोवाइड्स और मार्केट मेकर्स के लिए किसी तरह की परेशानी खड़ी हो। लिक्विडिटी प्रोवाइड्स और मार्केट मेकर्स अधिकतर इंट्राडे पोजीशंस स्क्वेयर ऑफ करते हैं। सेबी इंट्राडे लिमिट्स का क्लोज्ड सर्विलांस के लिए सिस्टमैटिक रिस्क को कम करना चाहता है। साथ ही साथ सेबी का उद्देश्य मार्केट इंटीग्रिटी को बनाए रखना भी है जब एक्सपायरी डेट पर स्पेकुलेटिव एक्टिविटी अधिकतम पर पहुंच जाती है।