Saturday, February 22, 2025
Homeजीवनशैलीलंबे समय तक खुद को स्वस्थ बनाए रखने में उपयोगी 6 सप्लीमेंट्स

लंबे समय तक खुद को स्वस्थ बनाए रखने में उपयोगी 6 सप्लीमेंट्स

1.क्रिएटिन

यह एक अमीनो एसिड है जो की लिवर किडनी और अग्नाशय में प्राकृतिक रूप से बनता है जो कि हमारी ऊर्जा और सेल्यूलर फंक्शन के लिए आवश्यक है क्रिएटिन रेड मीट, समुद्री भोजन में पाया जाता है। क्रिएटिन हमारी मांसपेशियों के आकार को बढ़ाने में मदद करता है। यह हमारे शरीर में कोशिकाओं को होने वाले नुकसान से बचाता है। बढ़ती उम्र के साथ होने वाली सूजन, हड्डी के नुकसान जैसे जोखिमों को क्रिएटिनि कम करता है। महिलाओं के लिए यह विशेष रूप से लाभदायक होता है रजोनिवृत्ति से पहले क्रिएटिन लेने से यह महिलाओं की मांसपेशियों के आकार और हड्डियों के स्वास्थ्य में मददगार हो सकता है। क्रिएटिन रेड मीट और समुद्री भोजन में पाया जाता है। क्रिएटिन का मुख्य स्रोत रेडमीट गाय, भैंस ,सूअर का मांस, मछली, अंडे और डेयरी उत्पाद है। अगर आप वेट ट्रेनिंग हाई इंटेंसिटी वर्क आउट या एथलेटिक्स में सिलेक्ट हुए है तो क्रिएटिन आपके लिए लाभदायक हो सकता है।

2.करक्यूमिन

करक्यूमिन हल्दी में पाया जाता है और अपनी एंटीऑक्सीडेंट और अंतिम फिलामेंट्री गुना के लिए जाना जाता है सूजन को काम करता है आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और कोशिकाओं की उम्र बढ़ता है कर क्यों मन का अवशोषण शरीर में काली मिर्च के साथ लेने से बढ़ जाता है लेकिन को अधिक मात्रा में लेने से पेट की परेशानी सर दर्द या जी मिचलाने की समस्या हो सकती है।

3.मैग्नीशियम

मैग्नीशियम हमारे शरीर के लिए आवश्यक खनिज है जो कि हमारे मांसपेशियों तंत्रिका तंत्र और रक्तचाप नियंत्रण में सहायक है हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए मैग्नीशियम अति आवश्यक है। मैग्नीशियम हरी पत्तेदार सब्जियों, पालक, मेथी साबूत अनाज, बादाम, कद्दू के बीज फलियां, दूध और डेरी उत्पादन मछलियों में पाया जाता है।

4.निकोटीन

जिसे निकोटिनामाइड भी कहा जाता है। नियासिन का एक रूप है। यह शरीर में एनएडी और एनएडीपी जैसे को एंजाइम में परिवर्तित होता है। यह ऊर्जा उत्पादन डीएनए मरम्मत और सेल रिपेयरिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है। यह हृदय के स्वास्थ्य को सुधारता है। यह त्वचा संबंधी समस्याओं जैसे मुंहासे, एक्जिमा और डीएनए क्षति की मरम्मत में सहायक होता है। नियासिन की कमी से पेलाग्रा नामक बीमारी होती है। स्किन पर छाले, चकत्ते और सूजन आती है। पाचन संबंधी समस्याएं होती है मानसिक भ्रम और याददाश्त की समस्या हो सकती है। नियासिन अनाज, गेंहू,जौ, मक्का,सूखे मेवे,बीज, आलू, टमाटर, गाजर, पालक, मेंथी,मूंग, मंसूर, दाल, छोले में मिलता है।

5.टॉरेन

यह एक गैर आवश्यक अमीनो एसिड है जो मछली, समुद्री भोजन अंडे में पूरक रूप में मौजूद होता है। उम्र बढ़ने के साथ टॉरेन का स्तर कम होने लगता है और इसका स्तर कम होने से यह मस्तिष्क, मांसपेशियों और आंखों को प्रभावित करता है। टॉरेन माइटोकांड्रियल फंक्शन को बनाए रखने में मददगार होता है। यह डीएनए क्षति को सीमित करता है और सूजन को नियंत्रित करके व्यक्ति को दुर्घायु बना सकता है।

6.विटामिन डी

विटामिन डी प्राकृतिक रूप से भोजन में मौजूद होता है और हमें सूर्य की रोशनी से प्राप्त होता है। विटामिन डी हमारी हड्डियों के स्वास्थ्य, हमारी कोशिका वृद्धि और हमारे इम्यून सिस्टम को सुचारू रूप से बनाए रखने में कारगर है। विटामिन डी हमारे ऑक्सीडेटिव तनाव की मात्रा को काम करता है। विटामिन डी हमारे इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाता है। क्षतिग्रस्त डीएनए को और नुकसान से बचाकर उसकी मरम्मत करता है। विटामिन डी उम्र बढ़ने के साथ कम होने लगता है। विटामिन डी के मुख्य स्रोत मछली, सूर्य की धूप मशरूम, डेयरी उत्पाद, अंडा विटामिन डी युक्त अनाज, संतरे का जूस, सोया, बादाम का दूध है। पूरक के रूप में विटामिन डी की गोलियां और सप्लीमेंट लिए जाते हैं।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments