2025 में किन देशों पर है सबसे ज्यादा कर्ज 

2025 में किन देशों पर है सबसे ज्यादा कर्ज

विश्व भर में अर्थव्यवस्था कमजोर होती जा रही है। अधिकतर देश कर्ज के बोझ सामना कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से अधिकतर देशों ने कर्ज लिया है। अब जबकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी है आइये जानते हैं कौन-कौन देश हैं कितने कर्जदार।

2025 में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से किन देशों ने कितना कर्ज लिया है 

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार दुनिया की अर्थव्यवस्था संकट के दौर से गुजर रही है। लगातार देश कर्ज लेते जा रहे हैं।जिसका खामियाजा वैश्विक अर्थव्यवस्था को उठाना पड़ रहा है।आने वाले समय में यह समस्या और गंभीर रूप लेने वाली है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में 2030 तक पूरे विश्व का कर्ज वैश्विक जीडीपी के बराबर हो जाएगा। इस लिस्ट में जापान का नाम सबसे पहले आता है। जापान का कुल कर्ज 1081.1 बिलियन डॉलर है। सूडान, सिंगापुर, ग्रीस, बहरीन, इटली, मालदीव, अमेरिका, अफ्रीका का सेनेगल, फ्रांस ऐसे देश है जहां सर्वाधिक कर्ज लिया गया है। 

जापान में सबसे अधिक कर्ज लिया गया है 

जापान में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से सबसे अधिक कर्ज लिया गया है। हालांकि जापान एक विकसित देश है और इसकी अर्थव्यवस्था भी विकसित है लेकिन जापान के कर्ज का भार उसकी जीडीपी के ढाई गुना के लगभग करीब पहुंच चुका है। जापान में बुजुर्गों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है जिसके कारण उनके स्वास्थ्य सुविधाओं पर खर्च भी बढ़ रहा है जापान में यंग जेनरेशन धीरे-धीरे कम हो रही है जिसके कारण जापान की आर्थिक गति भी काम हो रही है और जिसका असर जापान की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है।

सूडान है दूसरे स्थान पर 

कर्ज लेने वाले देशों में सूडान का नाम दूसरा है। सूडान में लगता संघर्ष होने के कारण राजनीतिक अस्थिरता बनी हुई है और इस राजनीतिक अस्थिरता नहीं वित्तीय संकट को भी बढ़ाया है। लगातार होते युद्धों के कारण आर्थिक व्यवस्था कमजोर हुई है और जिसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है और यह दुनिया के और देशों से भी अधिक कर्ज लेने वाले देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है। सूडान के ऊपर 221.5% कर्ज है।

सिंगापुर का नाम है तीसरे स्थान पर 

सिंगापुर एक आर्थिक रूप से मजबूत देश के रूप में जाना जाता है लेकिन सिंगापुर भी एक बड़े कर्जदार देश के रूप में अपना नाम लिखवा चुका है। सिंगापुर ने निवेश के लिए काफी अधिक कर्ज लिया है। सिंगापुर की सरकार अपने देश के प्रोजेक्ट्स की ब्रांडिंग के लिए फंड जुटाने के लिए कर्ज लेती है। सिंगापुर की सरकार अपनी दीर्घकालिक प्रोजेक्ट्स का ब्रांड के माध्यम से ही फंड उठाती है इसीलिए सिंगापुर की जीडीपी के मुकाबले कर्ज की दर काफी अधिक दिखाई दे रही है। सिंगापुर के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से लिया गया कर्ज जीडीपी का 175.6% है।

ग्रीस का नाम आता है चौथे नंबर पर 

कर्जदार देश में ग्रीस का नाम चौथे नंबर पर आता है। 2010 में ग्रीस में आर्थिक मंदी आई थी तभी से ग्रीस लगातार खुद को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में लगा हुआ है लेकिन फिर भी खर्च और विकास में संतुलन करना उसके लिए मुश्किल हो रहा है। इसी वजह से ग्रीस आज कर्जदार देशों की लिस्ट आने वाले देशों में चौथे नंबर पर आ रहा है। ग्रीस के ऊपर 147.7% कर्ज है।

बहरीन है पांचवें नंबर पर 

कर्जदार देशों की लिस्ट में बहरीन का नाम पांचवें नंबर पर आता है यह एक छोटा सा मध्य पूर्व देश है। इस देश की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से राजस्व के लिए तेल पर निर्भर करती है जब-जब तेल की कीमतें गिरती है बहरीन की आर्थिक स्थिति कमजोर होती है और इसका कार्य बढ़ता जाता है। इस समय बहरीन वैश्विक कर्जदार देश में पांचवें नंबर पर शामिल हो चुका है। बहरीन के ऊपर जीडीपी का 142.5 प्रतिशत कर्ज है।

इटली का नाम भी शामिल है कर्जदार देश में 

इटली को यूरोप की बड़ी अर्थव्यवस्था माना जाता है लेकिन काफी सालों से इटली में विकास की दर धीमी हो चुकी है। रोजगार उद्योग और निवेश के अवसर कम हो चुके हैं जिसके कारण इटली की आर्थिक स्थिति भी कमजोर हो रही है। इटली की वित्तीय स्थिति का असर उसकी अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है जिसके कारण इटली पर जीडीपी का 136.8% कर्ज है।

मालदीव है छठे नंबर पर 

मालदीव को अपनी समुद्री तटों के लिए, अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है और इसका मुख्य आय का स्रोत पर्यटन है लेकिन कुछ समय से इसके पर्यटन के क्षेत्र में कमी आई है जिसका असर इसकी अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है। मालदीव में पर्यटन में गिरावट आने से यह देश भी कर्जदार देश की लिस्ट में शामिल हो चुका है। मालदीव के अलावा अमेरिका, सेनेगल, फ्रांस जैसे देश भी सबसे अधिक कर्जदार देश की लिस्ट में शामिल हो चुके हैं।

 

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